Update 7
मोना को सुबह ही मैंने जल्दी आने को कहा और मंत्री जी की पार्टी की बात बतलाई ,
वो बहुत एक्साइटेड थी ,वैसे भी मैं काम में इतना मसरूफ था की उसे कही घूमने भी नही ले जा पाता था,
शाम उसने एक नील रंग की साड़ी पहनी ,उसकी जवानी उसके ब्लाउज से बाहर आने को बेकरार लग रही थी और नीला रंग उसके गोरी त्वचा पर बेहद फब रहा था,माथे में लगा गहरा सिंदूर उसके सुहाग की निशानी थी और हाथो की घनी चूड़ियां उसे और भी प्यारा बना रहे थे,,उसने अपने घने वालो को खुला ही रखा और जो उसके कमर को छू रहे थे,कमर में उसने मेरी सुहागरात में दिया हुआ पतला चांदी का करधन पहना,जो की उसके पतले और साड़ी से झांकते पेट को और भी मादक बना रहा था,..
कुल मिलाकर वो किसी भी मर्द को आकर्षित कर देने को तैयार थी,हल्की गंध वाली परफ्यूम से महकती हुई वो मेरे पास आयी …
“किस पर जादू चलाने वाली हो “
उसकी आंखे चंचलता में मचली ..
“सभी पर “वो खिलखिलाई और मैंने उसे जोरो से जकड़ लिया उसके होठो को चूसने लगा,थोड़ी देर के बाद ही उसने मुझे झूठे गुस्से से देखा
“पूरी लिपिस्टिक ही खराब कर दी “
वो फिर से टचअप करने लगी,मैं भी अपनी तैयारी करने लगा,मैंने वो फाइल उठा ली और एक बार फिर से उसे सरसरी निगाहों से पढ़ा..और फिर अपने बेग में डालकर चलने लगा..
“इतना काम मत किया करो “
वो फिर से मेरे गले लग गई..
“बस थोड़ी और जानकारी फिर काम हो गया,लेकिन सबसे मुश्किल काम यही है “
वो मुस्कुराई
“आप पर मुझे पूरा भरोषा है ..”
*************
पार्टी एक होटल के गार्डन में रखी गई थी, मेरे सभी ऑफिसर वँहा मौजूद थे ,मुझे मंत्री ने इस्पेसली बुलाया था ,
मैं जानता था की क्यो,शायद मुझे धमकाने के लिए या सौदा करने के लिए …?
हम सभी से मिल रहे थे,सभी मुझसे ज्यादा तज्जवो मोना को दे रहे थे,
“आओ अभी केस कैसा चल रहा है”
SP साहब भी मिल गए..उन्होंने भी मोना को ऊपर से नीचे तक देखा लेकिन मेरा लिहाज रखा ..उसे बस हाय बोलकर मेरी ओर देखने लगे..
“बस नजदीक हु सर ,लेकिन मंत्री जी ..”
sp साहब ने आंखों में ही मुझे चुप करा दिया ..
“पागल हो गए हो क्या ,ये उनकी ही पार्टी है भूलो मत …मुख्यमंत्री भी आये हुए है ,कुछ उल्टा सीधा का तो तुम सीधे सस्पेंड समझे,सम्हाल कर बोलना जो भी बोलना है “
मोना उनकी बातो से जरा सहमी लेकिन मेरे लिए ये कोई नई बात तो नही थी ..
आखिर मंत्री साहब भी मिल ही गए ,
“आओ आओ अभिषेक कैसे हो ,ओह हाय ये हसीना कौन है “
उन्होंने मेरी ओर बढ़ रहे अपने हाथो को मोना की ओर बड़ा दिया,मोना के चहरे में मुस्कान खिल गई लेकिन मेरी गांड ही जल गई,उन्होंने मोना का हाथ पकड़ा और एक हल्की सी किस उसके हाथो में किया ,
“ये इनकी बेगम साहिबा है हुजूर …”
एक जानी पहचानी आवाज मेरे कानो में पड़ी,और उसे देखते ही मेरी आंखे चौड़ी हो गई ..
“तू यंहा ..”मेरी आवाज में थोड़ा क्रोध था ,
अब्दुल में मोना को नमस्ते किया ,दोनो की आंखे मिली लेकिन अचानक मोना की आंखों में एक अजीब सी चमक दिखाई दी ,वही चमक अब्दुल की आंखों में भी था ..वो मेरी ओर मुड़ा
“क्या करे अभिषेक साहब मंत्री जी ने आपसे ज्यादा अच्छा ऑफर दे दिया “वो हंसा लेकिन मेरे चहरे में बस गुस्से का भाव था वही मंत्री के चहरे में भी एक कुटिल मुस्कान थी ..
वो मुझे मोना से थोड़ा अलग ले गया..
“बेटा जो खेल तुम खेल रहे हो ना हमे उस खेल में महारत हासिल है,तुम्हारे जैसे कितने पुलिस वाले आये और गए हमारा कुछ भी नही उखाड़ पाए ,हा किया है घोटाला,खाया है पैसा मल्टीनेशनल वालो से ,मरवाये है कई पुलिस वाले और आदिवासी ..उखाड़ ले जो उखाड़ना है,तेरे सभी सबूतों की कागज पर मैं भजिया रख कर खाऊंगा और तू कुछ भी नही कर पायेगा,अच्छा है की मेरे साथ मिल जा ,थोड़ा पैसा भी मिल जाएगा,ऐसे भी मेरा झांट भी तो नही उखाड़ सकता तू,इतनी हसीन बीवी है खुदा ना करे की उसे कुछ हो जाए ,तू सस्पेंड हो जाएगा बीवी किसी और की हो जाएगी तो क्या रह जाएगा तेरे जीवन में ,मेरी बात को सोचना आज फोकट की दारू पी और खाना खाकर घर जा …”
वो शैतानी मुस्कान के साथ मुझे देखता हुआ पलटा,मेरे पंजे बंधे हुए थे,मन कर रहा था की उसे अभी एक घूंसा मार दु..
वो फिर से मेरी ओर पलटा इस बार उसकी वही शैतानी मुस्कान और भी ज्यादा थी ..
“ऐसे तेरी बीवी पर मेरा दिल आ गया है,बचा के रखना “
वो अब जोरो से हंसा और वँहा से चला गया,मेरा चहरा गुस्से से लाल हो चुका था…
“क्या हुआ जान आप ठीक तो हो ना “मोना मेरे पास आ चुकी थी..
“कुछ नही बेबी बस ..ठीक हु ,तुम कुछ लोगी ..”
“एक दो ड्रिंक हो जाए ..”वो मुस्कुराई और हम ड्रिंक्स के पास चले गए दो पैक हम दोनो ने लगा लिया था ,मेरा ध्यान पूरे समय बस मंत्री और अब्दुल पर ही था,उन दोनो में कुछ बात हुई और वो होटल की ओर बड़े ,मैं भी मोना से थोड़ा बिदा लेकर उनके पीछे गया,
“साहब क्या करना है उसका ..”
“उसकी चिंता मत कर ,जब तक वो फाइल मेरे पास है हमे कोई चिंता नही है ,वो कुछ भी नही कर सकता,लेकिन मैंने तुझे दूसरे काम से बुलाया है ..”
“क्या ..”
वो दोनो ज्यादा दूर नही गए थे,थोड़े अकेले वाले जगह में पेड़ो के पास ही खड़े थे,मैं दोनो की बातो को पेड़ की ओढ़ लेकर सुन रहा था ..
“वो साली उसकी बीवी कमाल की है ,और तुझे देखकर वो अजीब सा एक्सप्रेशन क्यो दे रही थी “
अब्दुल हंसा
“बस साहब है कुछ पुराना “
“वाह साले तू तो खिलाड़ी निकला बे,हमारा कुछ जुगाड़ कर “
दोनो ही हंसे और मेरी अंदर तक जल गई
“आप पहुँचो वही कमरा नंबर 144 में मैं कुछ जुगाड़ चलाता हु “
“ये हुई ना बात “
दोनो ही फिर से चले गए ,कमरा नंबर 144 मैंने कई लोगो से इसके बारे में सुन रखा था ,मैं जल्दी से भागा और अपने कार तक पहुचा तुरंत ही फाइल निकाली और उसे अपने कोट में डाल कर वापस आया ,लेकिन ये क्या मोना कही भी दिखाई नही दे रही थी …………..