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बीवी के आशिक - Adultery Sex Story

बीवी के आशिक – Update 24 | Adultery Sex Story

Update 24
सुबह आंखे खुली तो रात की बाते याद आयी,मेरे अधरों में एक मुस्कान आ गई ,तभी मोना बाथरूम से बाहर आयी,और मुझे देखकर मुस्कुराने लगी ,

“कल आपको बहुत मजा आ रहा था,..”

“हा आ तो रहा था,सोच रहा हु तुम्हे आगे बढ़ने ही दु ..”

सुनते ही वो शर्मा गई और इठलाते हुए मेरे ऊपर आकर लेट गई,उसने अभी एक टीशर्ट ही पहना हुआ था,अभी अभी नहाकर निकल रही थी बालो में हल्की सी नमी भी बरकरार थी ,साबुन की खुशबू मेरे नथुने में समा रही थी…

“आप ऐसा मत बोला करो ,उत्तेजित करके ही छोड़ देते हो ,मुझे भी पता है की ये नही हो सकता ….”

मेरी आंखे चौड़ी हो गई ..

“यानी तुम उत्तेजित होती हो ..”

वो हल्के से मुस्कुराई

“इतना बोलेंगे बार बार तो उत्तेजित तो हो ही जाएगा कोई भी ,और इमेजिनेशन भी करने लगेगा,मानसिक रूप से आपने मुझे उसके साथ सुला ही दिया है ..तो…..”

वो थोड़ी गंभीर भी थी तो थोड़ी उत्तेजित भी ,और साथ थी शरमाई भी ,और साथ ही घबराई भी और साथ ही थोड़ी दुखी भी और साथ ही थोड़े गुस्से में और साथ ही थोड़े जज़बातों में …

उसकी आंखों से एक साथ कई भाव टपक जा रहे थे,जिसे मैं निचोड़ने की कोशिस कर रहा था,

“तो तुम उसके साथ सोना चाहती हो …”उसने ना में सर हिलाया..

“मैं कुछ नही चाहती,मैं बस जानती हु…ये की मैं आपसे बेहद ही प्यार करती हु और ये भी की मैं रोहित की ओर भी आकर्षित हु,लेकिन मैं ये भी जानती हु की आप मुझसे बेहद प्यार करते है और किसी दूसरे के साथ सोचने तक तो ठीक है लेकिन सच में किसी के साथ सोने पर आप उसे और मुझे दोनो को मार डालेंगे..”

मेरे होठो की मुस्कान खिल गई ..

“तुम्हे नही जान बस उसे …”मैने बेहद ही आराम से कहा इतने आरम से की कोई सुने तो ख़ौफ़ खा जाए लेकिन वो मोना थी ,मेरी मोना जो मेरे फितरत से वाकिफ थी ,मेरी एक एक नश से वाकिफ थी…

वो भी मुस्कराई …

“इसीलिए तो कहती हु की आप अब ऐसी बाते मत किया करो ,मैं भी इंसान ही तो हु,दिल में अरमान तो मेरे भी जाग जाते है जबकि आप उसे बार बार घी डालकर और भड़कते हो,लकड़ी भी आपकी,घी भी आप ही डाल रहे हो ,हवा भी आप ही दे रहे हो और फिर आग भी जलाने पर तुले हो फिर अगर ये आग भड़क कर कुछ जला दे तो फिर कहोगे की गलती किसी दूसरे की है …”

मोना ने बेहद ही मतलब की बात कर दी थी,सच में ये एक ही समस्या थी की मैं अपनी गलती को स्वीकार ही नही कर रहा था इसलिये शायद मुझे इतना गुस्सा था की मैं सामने वाले को मार दूंगा…या मोना को ही मार दु…

मैं थोड़ी देर तक चुप ही रहा…वो मेरे बालो से खेल रही थी जितना द्वंद मेरे अंदर था वो उतनी ही शांत थी ..

“ठीक है तो मैं खुद की गलती मानता हु ,और आज से तुम्हे पूरी छूट देता हु ,मैं किसी को नही मारूंगा ,जो आग तुम्हारे अंदर लगी है उसे जिससे चाहे बुझाओ ..वो तुम्हारी गलती नही होगी ..”

वो मेरे आंखों में देखने लगी ..

“आप तो सच में सीरियस हो गए ..”

“हा मोना मैं सीरियस ही हु,तुमने सही कहा ,पत्थर को भी बार बार घिसने से निशान बन जाता है वो तो तुम्हारा दिल ही है ,तुम्हारा मन है ,उसमे अगर बार बार ये बाद डाली जाए की तुम किसी गैर मर्द के साथ भी मजे ले रही हो और इस बात से मैं भी खुस हु तो ये सच है की कभी ना कभी तुम्हारे दिल में भी ये ख्याल आएगा ,और ख्याल ही क्यो ये चाहत भी होगी…और उस चाहत को पूरा करने का तुम्हे अधिकार होना चाहिए,मेरी तरफ से तुम फ्री हो …”

उसने मेरा सपाट चहरा देखा..

और मेरे होठो में अपने होठो को घुसा दिया ..

“मैं अपनी चाहत पूरी करने के चक्कर में आपका प्यार नही खोना चाहती जान ..”वो और भी जोरो से मेरे होठो को चूस रही थी …

“फिक्र मत करो जान मेरा प्यार बस तुम्हारे लिए ही है और हमेशा ही रहेगा..”मेरे आंखों में एक मोती चमका जिसे देखकर मोना थोड़ी डर गई लेकिन मेरे दिल में क्या हो रहा था ये मैं ही जानता था,और मैं कम से कम इस समय तो मोना को नही बताना चाहता था,क्योकि हर चीज का एक समय होता है …

“आप ऐसे ही रहोगे तो आपको क्या लगता है की मैं कुछ करूंगी ..”

मैंने अपने होठो में एक मुस्कान ला ली ..

“सच बताऊँ मुझे भी बहुत मजा आएगा ,तुम करो तो सही “मैंने शरारत से कहा और उसने झूठे गुस्से से मुझे मारा लेकिन फिर हम दोनो ही हँस पड़े,हमारे बीच बात साफ हो चुकी थी ,अब देखना था की मोना कितना बढ़ती है…

तभी उसके मोबाइल में एक मेसेज आया,मैंने देखा वो रोहित का मेसेज था..

“लो तुम्हारे आशिक का मेसेज आ गया..”

वो मुस्कुराते हुए मेसेज को खोलकर देखने लगी और उसके चहरे का रंग थोड़ा बदल गया …….

मोना का चहरा उस मेसेज को देखकर बुझ रहा था,मैं उसके एक्सप्रेशन को देख रहा था,मुझे पता था की अखिर उसके चहरे की हवाइयां क्यो उड़ी हुई है लेकिन मैं अपने चहरे के एक्सप्रेशन को ऐसा दिखाना नही चाहता था..

“क्या हुआ ……..”

“कुछ नही “

“तो तुम्हारा चहरा क्यो उतारा हुआ है..”

“नही तो ..”

“क्या लिखा है तुम्हारे आशिक ने “

“पहली बात वो मेरा आशिक नही है “

“ओह अचानक से कैसे ……पहले तो वही तुम्हारा आशिक था”

वो रूठ कर उठ गई ,मैंने मेसेज देखा ..

‘हाय मोना तुम्हे बताते हुए खुसी हो रही है की मैं शादी कर रहा हु,लड़की को तुम जानती हो हमारी डॉली…तो *** तारीख को हमारी सगाई **** होटल में है प्लीज् तुम और अभी जरूर आना …’

मेरे चहरे पर मुस्कान खिल गई …

मोना कपड़े बदल रही थी ..

“ओह यार मोना अब तुम किसके साथ ..”

“अभी आप प्लीज् चुप रहिए ..”

“अरे तुम क्यो गुस्सा हो रही हो तुम्हे तो खुश होना चाहिए तुम्हारा सबसे अच्छा दोस्त तुम्हारी पुरानी दोस्त के साथ शादी कर रहा है…”

“यही तो दुख है की रोहित अब भी उसे नही समझ पाया …आखिरकार उस कुतिया ने रोहित को फंसा ही लिया ..”

मोना का चहरा उतर गया था..

“अरे छोड़ो भी मेरी जान ,जब वो ऐसा कर रहा है तो कुछ तो सोचा ही होगा उसने ,तुम अपना मूड ऑफ क्यो कर रही हो,”

मोना ने भी खुद को सम्हाल शायद वो मेरे सामने कुछ ज्यादा ही रियेक्ट कर रही थी…

“दुख तो आपके लिए लग रहा है आपकी फेंटेसी पूरी होने वाली जो थी ..”

वो मुस्कुराई

‘अरे तो उसमे क्या है तुम्हारे आशिकों की कोई कमी तो है नही ..”

उसने मुझे गुस्से से देखा और हम दोनो ही खिलखिला उठे ………

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