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बीवी के आशिक - Adultery Sex Story

बीवी के आशिक – Update 21 | Adultery Sex Story

Update 21
बार में हल्की हल्की सी रोशनी फैल रही थी और हल्के संगीत में लोग झूम रहे थे,माहौल नशीला था और लोग भी नशे में थे,मेरे टेबल के पास ही 3 लड़के अपनी शराब में पूरी तरह से डूबे हुए दिखाई दे रहे थे,वही उनकी नजर डांस फ्लोर पर थी ,डांस फ्लोर में एक बेहद ही मदमस्त सी हसीन लड़की पर उनकी नजर थी जो की अपने ही धुन में झूम रही थी ,लड़की के कसे हुए पिछवाड़े उसके मिनी स्कर्ट में मटक रहे थे,जो जानलेवा दिखाई पड़ रहे थे..गोरा रंग कुछ लाल हो चुका था शायद ये शराब का ही असर था…

उसके वक्ष भी बड़े तरबूज से दिखाई पड़ रहे थे,दूर होकर भी उसके शरीर का सही अनुमान हो पा रहा था,लड़के उसे भूखी नजर से देखते हुए उसके हुस्न की तारीफ अपने ही ढंग से कर रहे थे,लड़की भी नाचते नाचते थक गई और हमारे तरफ ही आयी..

“हाय क्या बदन है मिल जाए तो …”

उस लड़की की बात शायद लड़की के कानो में पड़ गई वो वही रुक कर उन लड़को को देखने लगी ,फिर उनके टेबल में रखा हुआ जाम भी अपने हलक के अंदर उतार लिया,लड़के बस उसकी इस अदा को देखते ही रह गए,वो उतनी बोल्ड दिख रही थी उतनी थी भी ,उसने लड़को को हल्के से मुस्कुरा कर देखा…

“जिस्म की इतनी भी चाह मत करो की भेड़िए भी बन जाओ “लड़की की आवाज में एक ललकार थी जिससे वो जवान लड़के भी थोड़े सहम से गए,वो मुस्कुराती हुई आगे बढ़ गई,उस लड़की को और उसकी इस अदा को देखकर मेरे होठो में एक मुस्कान तैर गई……..

***********

पार्किंग में वही लड़की उन तीनो लड़को के बीच खड़ी थी ,लड़के उसके हाथो को जोरो से पकड़ रखे थे और अंधेरे में उसके साथ कुछ करने की फिराक में थे,लड़की नशे में थी फिर भी उसके ताकत ने लड़को को हलकान कर रखा था,वो तीनो मिलकर भी उसे ठीक से काबू नही कर पा रहे थे,

“ये छोड़ो उसे ..”मेरी गरजती हुई आवाज से उनका ध्यान मेरी ओर गया..लड़के मुझे देखने लगे तभी एक लड़के ने अपने जेब से एक चाकू निकाला ..

“जान प्यारी है तो निकल जा “

उसकी बात से मुझे थोड़ी हँसी तो आयी लेकिन मैं फिर भी नही मुस्कुराया और उनकी तरफ बढ़ने लगा,वो लड़का चौकन्ना हो चुका था और अपने हाथो में उस चाकू को खिला रहा था,दो लड़के भी मुझे ही देखने लगे शायद उनकी पकड़ ढीली हुई और ..लड़की ने जोर से एक लात एक लड़के के जांघो के बीच में लगा दी ,वो तिलमिला उठा लेकिन लड़की को नही छोड़ा …

दूसरा भी उसपर काबू पता इससे पहले ही लड़की ने फिर से अपने पैर उछाले और उसकी जांघो को निशाना बनाया लेकिन लड़का बच गया,इधर तीसरा लड़का चाकू लिए कुछ सोचने लगा और उसने तुरंत ही अपनी दिशा मेरे ओर से लड़की की ओर की…

“अगर होशियारी दिखाई तो यही काट दूंगा “

लड़का होशियार निकला उसने लड़की के गले में चाकू ठिका दिया था,मैं भी वही जड़वत खड़ा हो चुका था,ऐसा लगा की बाजी उनके हाथो में है तभी …

एक कार की रोशनी से सभी चौन्धिया गए ,कार रुकी और एक पतला दुबला काला सा शख्स निकाला,वो गुंडों और लड़की को देखकर मुस्कुराने लगा …

“ये लाइट बंद कर और निकल यंहा से “लड़का चिल्लता उससे पहले ही उस शख्स ने उनपर पिस्तौल तान दी ,

लड़को की हालत खराब हो चुकी थी ,

“ये मार देंगे इसे “

“मार दे लेकिन फिर तेरा क्या होगा “वो शख्स जरा भी बिचलित नही हुआ उसकी आवाज में एक भारीपन था,बड़े ही आराम से बोले गए उसके शब्दो में बहुत ही वजन था,लड़के पीछे हटने लगे ,

“अबे गाड़ी ले के आ “एक लड़का दौड़ पड़ा ,उनकी गाड़ी उनके पास आकर रुकी और उन्होंने लड़की को आगे फेका और खुद रफू चक्कर हो गए ,मैंने दौड़कर लड़की को थाम लिया …

“तुम ठीक तो हो ना डॉली “वो शख्स दौड़ते हुए उसके पास आया ..

“मैं ठीक हु डॉ …”वो सम्हाली

“थैक्स आप आ गए वरना “

डॉली मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी ..

“कोई बात नही ,ऐसे आप भी काफी बहादुर है ..”वो हल्के से हँसी

“अरे ये इसने ज्यादा पी ली थी वरना इन लड़को को तो यू ही मसल देती क्यो सही कहा ना “

उस शख्स की बात पर वो हँसी ..

“आप भी डॉ साहब …”

“हल्लो मैं डॉ चुतिया हु ,थैक्स आपका आप सही समय में आ गए “

मेरी नजर उस शख्स पर जा टिकी उसके चहरे में एक गजब की चमक थी वो मुझे देखकर स्माइल दिए जा रहा था,मैंने भी अपना हाथ आगे बढ़ाया ..

“हैलो मैं अभिषेक …आपका नाम सुना हुआ लग रहा है ..”

वो हंसा

“सुना होगा कही ये बहुत फेमस है ,इन्होंने ही तो मशहूर ड्रग्स माफिया रोबर्टो को पकड़वाया था ..”

मेरी आंखों में चमक आ गई

“ओह सर आप डॉ चुन्नीलाल तिवारी यरवदा वाले उर्फ डॉ चुतिया ,मैं कैसे भूल गया “

वो भी हल्के से हंसे

“और आप DSP साहब मैंने भी आप का नाम सुन रखा है ,बंसल को पकड़वाने वाले आप ही हो ना “

“क्या बात है मैं इतना फेमस हु मुझे नही पता था “मुझे सच में नही पता था ..

हम दोनो ही हँस रहे थे वही डॉली मुझे ध्यान से देख रही थी..

“आप DSP अभिषेक है ,मंत्री बंसल केस वाले ..”

“जी क्यो ??”

उसके चहरे में जैसे चमक दुगुनी हो गई ,

“वाओ “

वो उछल कर मेरे गले से लग गई ,मैं और डॉ दोनो ही उसके इस रिएक्शन से डर गए ..

“वाओ तो आप है मेरी जान के पति देव …”

मुझे अब माजरा समझ चुका था..

“तभी तो मैं कहु की आखिर मैंने आपको कहा देखा है,शादी में तो आ नही पाई हा फेसबुक में जरूर आपके फोटो और चर्चे सुने है …”वो बेहद ही खुस दिखाई दे रही थी ..

“ओह तो आप मोना की दोस्त है ..”

“हु नही थी ..”

ना चाहते हुए भी उसके होठो में एक फीकी सी मुस्कान उभरी ..

“मतलब ..”

“अब मतलब तो वो ही आपको बताएगी,बस इतना समझ लो की एक गलतफहमी हो गई थी हमारे बीच ..”

ओह तो ये माजरा था,जिसे ये गलतफहमी कह रही थी शायद इसे नही पता की वो सही फहमी थी..

“तो चलिए अभी दूर कर देते है आप दोनो की गलतफहमी को “

मैं फोन निकाल कर मोना को काल करने लगा,मैंने उसे पूरा वाकया बताया,वो भी बेहद खुश लग रही थी ,मैंने दोनो को आपस में बात करवाया ,वो दोनो ही इमोशनल लग रहे थे,डॉली बात करते हुए हमसे दूर चली गई थी …

“तो DSP साहब कैसे आना हुआ यंहा “

डॉ के चहरे में वही मुस्कान थी,

“बस एक तहकीकात के सिलसिले में आया था..”

“ओह मुझे लगा की आपको डॉली के पिता जी ने भेजा होगा”

अब डॉ के चहरे की मुस्कान गाढ़ी हो चुकी थी ..मैं उनकी बात सुनकर थोड़ा घबराया ..

“म..मतलब “

“घबराइए नही वो मेरे अच्छे दोस्त है ,मंत्री जी से बात हुई मेरी ,और मैं भी चाहता हु की इस लड़की का जीवन सुधार जाए,लड़की बुरी नही है बस बुरी आदतों की मारी है,अब शायद आप ही कुछ कर पाए ..”

“जी कोशिस करूंगा ,लेकिन आप को कैसे पता की ये मंत्री जी की बेटी है ..”

वो फिर मुस्कुरा उठे ..

“क्योकि मंत्री मेरा पुराना दोस्त है और इसकी माँ भी मेरी दोस्त थी,जवानी में फिसल गए और फिर इज्जत बचने के लिए इस बेचारी को दुनिया से छिपा कर रखा ,लेकिन प्यार वो इससे भी बहुत करते है..लेकिन इसे बस यही गम है की सब कुछ होते हुए भी पिता का साया इसके पास नही है ,और अब जिससे ये प्यार करती है वो भी इसे छोड़कर चला गया…”

“ओह”मैं उसके सामने बस इतना ही बोल पाया जबकि मेरे दिमाग में कई बाते एक साथ चल रही थी,क्योकि डॉ को भी बहुत कुछ पता था ..क्या इन्हें मोना और रोहित के रिश्ते के बारे में भी पता है,जैसा मुझे डॉली की बातो से लगा की डॉली रोहित को लेकर मोना से नाराज है…मैं अपनी ही सोच में गुम था की डॉ बोल पड़े..

“ऐसे ये बात ज्यादा सोचने वाली है की आपको इसके बारे में कैसे पता चला “

“जी जी…वो ..”मैं उनकी बातो को समझने की कोशिस कर रहा था..

“वो क्या है ना की …मेरे भी अपने कुछ कांटेक्ट है ..”मैं हल्के से मुस्कुरा दिया

“बहुत खूब..”वो भी मुस्कुराने लगे..

तभी डॉली अपने आंसुओ को पोछती हुई हमारे पास आयी…और फोन मुझे थमा दिया..

“कही साथ डिनर करते है”डॉली बोल उठी

“बिल्कुल “मैंने और डॉ ने एक साथ कहा ..

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