You dont have javascript enabled! Please enable it! दीदी और दोस्त - Update 7 | Incest Story - KamKatha
दीदी और दोस्त – Incest Story written by ‘Chutiyadr’

दीदी और दोस्त – Update 7 | Incest Story

राहुल अपने कमरे में बैठा है और अपनी लेपी सुबह की डाली गयी हर फोल्डर को चेक कर रहा है अभी तक उसे कुछ हाथ नहीं लगा फालतू चीजो को कटता जा रहा है,अचानक उसकी आंखे चमकी उसे एक हिडन फोल्डर दिखाई दिया,उसे खोलते ही वो दंग रह गया करीब 15 लडकियों के नाम के फोल्डर बने हुए थे,उसे तो लगा साला अब तो उन मजा आ जायेगा,पर एक फोल्डर को देखते ही उसकी सांसे रुक गयी नाम था नेहा,,नेहा ने राहुल को परमिंदर के बारे कुछ नहीं बताया था,उसे बार इतना पता था की दीदी की सहेलियों को परेशान करता था,उसने कापते हाथो से उस फोल्डर को खोला तो उसे और बड़ा साक लगा इसमें बहुत से फोटोज थे और ना सिर्फ फोटोज विडिओ भी थे,उसने डूबे हुए दिल से एक विडिओ ऑन किया विडिओ ने दीदी स्कूल की यूनिफार्म में थी उसे फिर बड़ा साक लगा यानि दि परमिंदर को स्कूल से जानती थी हमें पता कैसे नहीं लगा,दीदी बड़े ही इठलाते हुए एक रूम में उछल खुद कर रही थी ये कमरा तो होस्टल का नहीं है ,डेट भी विडिओ के साथ छपे हुए थे यानि एक साल लगभग पुरानी है,दीदी 12th में रही होगी,तभी दीदी एक बड़े डबल बेड में बैठ जाती है और परमिंदर अपना केमरा एक जगह सेट कर देता है दीदी और वो बेड उसमे साफ साफ दिखाई दे रहे थे,वो उनकी स्कर्ट के अंदर हाथ घुसता है,

‘नहीं ना अभी नहीं शादी के बाद करना,’पर परमिंदर रुकता नहीं और उनकी जन्घो को सहलाता हुआ उन्हें किस करने लगता है,

‘जान मैंने तुम्हे बिना पेंटी के आने को कहा था ना तुम पहन के क्यों आई .’शायद उसके हाथ पेंटी तक पहुच चुके थे दीदी की आंखे बंद थी पर वो एक हाथ से उसके हाथो को अपने योनी को मसलने से रोक रही थी इसी खीचातानी में स्कर्ट पूरा ऊपर उठ जाता है और नेहा की जंघे साफ दिखने लगती है उसकी मदहोश आवाज परमिंदर के होठो में दबी है पर वो अब भी अपना हाथ नहीं हटा रही थी ,परमिंदर उनकी पिंक पेंटी के उपर से योनी को मसल रहा था,जिससे काम रस से पेंटी भीग चुकी थी पर वो दीदी के विरोध के कारन हाथ अंदर नहीं ले जा पा रहा था,

‘तुम्हारे बोलने से मैं बिना पेंटी के घुमुंगी क्या ,’दीदी दूर भागती हुई बोली और बाथरूम में चली गयी, तभी परमिंदर का फोन बज उठता है ,परमिंदर लेट जाता है पर केमरा के पास ही उसका चेहरा दिखता है साइड से,

‘कमाल की लड़की दिलाया है साले,अभी तक अनछुई है पर जल्द्दी ही सील तोडूंगा फिर मिल के खायेंगे साली को ,’थोड़ी देर रूककर,’तू फिकर मत कर चिड़िया नयी है उछालेगी ही पर वादा है मेरा तुम दोनो ने मुझसे इसकी दोस्ती करायी है तो तुम दोनों को जरुर भोग लगवाऊंगा,साली कॉलेज आने दे इसे फिर दौड़ा दौड़ा के होस्टल में पेलेंगे,’एक गन्दी हसी उसके चहरे पर आ जाती है,राहुल कपने लगता है दोनों ने दोस्ती करायी इसका मतलब क्या हुआ,उसका मन घबराने लगता है,तभी नेहा बहार आती है परमिंदर फिर से उसपर टूट पड़ता है,

और इस बार वो उसके उपर लेता हुआ होता है,उसे किस कर रहा होता है,दीदी उसे किस तो कर रही है अपने निचे उनके हाथो का संघर्ष जारी है,उनका स्कर्ट पूरी तरह ऊपर था और जंघे चमक रही थी आखिर परमिंदर अपना हाथ अंदर घुसाने में कामियाब हो जाता है और ये क्या दीदी टूट सी जाती है अपना हाथ निचे से हटाकर परमिंदर के सर पर ले आती है ,वो सर को सहलाने लगती है दोनों की जीभे एक दुसरे में मिली हुई है और दीदी की आंखे बंद है,परमिंदर अपना खेल जरी रखता है और पेंटी पकड़कर निचे खीच देता है ये अचानक हुआ झटका दीदी को समझ आय तब तक देर हो चुकी थी और उनकी पेंटी कमर से नीची और जन्घो के अंत तक आ गयी वो कसमसाकर अपने हाथो को निचे लाती है पर कोई फायदा नहीं होने वाला था,थोड़ी देर के लिए किस टूटती है नेहा गुस्से से देखती है पर परमिंदर फिर से उसे प्यार से किस करने लगता है ,और एक उंगली उनकी योनी में घुसा देता है ,दीदी थोड़ी देर छटपटाती है पर उनका हाथ फी उसके सर में जादा जोर से पकड़ लेती है ,ये पूरा दृश्य राहुल को उत्तेजित करने को काफी था उसने अपने लिंग को बहार निकल लिया दीदी की बिना बालो की योनी को देख और उसमे घुसते एक उंगली को देख राहुल का लिंग फटने को हो गया उसने अपने हाथ से इसे पकड़ा,इधर परमिंदर अपना पायजामा निचे करता है उसने अंदर कुछ पहना ही नहीं होता,पायजामा के निचे होने के आभास से नेहा बहुत जोरदार विरोध दिखाती है पर परमिंदर दोनों हाथो से उसका सर पकड़ा है और उसके मुह में अपनी जीभ घुसाई है,नेहा इतना विरोध कर रही थी की परमिंदर को अपना हाथ निचे ले जाने का मौका ही नहीं मिल रहा था और उसका लिंग बार बार फिसल जाता था वो अपना हाथ निचे लाकर सेट करता तो नेहा कमर हिलाकर और दोनों हाथो को निचे लाकर उसे रोकती वो उसके हाथो को ऊपर एक हाथ से पकडे हुए था पर फिर भी वो कामियाब ना हो पाया,आखिर तंग आकर उसने अपने दोनों हाथो से फिर कोसीसी की पर इस बार नेहा का हाथ आजाद हो गया और उसने एक जोरदार धक्का परमिंदर को मर दिया,परमिंदर गुस्से में अपना हाथ उठाया पर ना जाने क्या सोचकर रुक गया ,

‘जान प्लीज् तुम मुझसे प्यार नहीं करती क्या,’

‘आप ये क्या कर रहो प्यार करती हु बहुत करती हु पर ये सब नहीं ,प्यार करती हु तभी सबसे झूठ बोलकर इस होटल में आपसे मिलने आ गयी ,और आप मेरे साथ छि ,’दि ने तुरंत अपने कपडे ठीक किये और बाथरूम में घुस गयी ,परमिंदर बहुत गुस्से में लग रहा था उनके अंदर जाने के बाद ,

‘छि साली फिर बच गयी लगता है साली के साथ अब दूसरा रास्ता ही अपनाना पड़ेगा,’

तभी राहुल का फोन बजा,उसने स्क्रीन में देखा आकाश का फोन था वो ग्लानी से भर गया,उसने अपनी हालत देखि तो उसके आँखों में आंसू आ गए ,

‘थैंक्स मेरे भाई तूने बड़ा कम कर दिया दीदी का ,’

‘दीदी का ??,’ राहुल के आवाज में आश्चर्य था की दीदी ने मुझे भी परमिंदर के बारे में बताया है क्या वो भूल ही गया की दीदी ने उसे भी अपने बारे में नहीं बताया है,

‘हा कॉलेज की हर लडकिया तेरी दीदी ही तो है ,’ दीदी की आवाज आई स्पीकर आन था

‘अच्छा आप भी है साथ,’ ‘क्या कर रहा है,’राहुल थोडा ठिठक गया

‘कुछ नहीं भाई बस तुम लोग क्या कर रहे हो ,आज तो दि ने उस बेचारी लड़की को बचा ही लिया,’

‘कुछ नहीं बस सोने की तयारी,सोचा तुझे कॉल कर लू तू घर भी नहीं आया ,मैं तो दि को लपेट के पकड़ा हु तू अकेला सो बेटा ,मैंने दि को किस करते हुए कहा,’

‘भाई मैं सो रहा हु थोडा थक सा गया हु,’ ‘तुझे क्या हुआ बे सब ठीक तो है ना यही आजा तू भी ‘

राहुल का गला भर रहा था ,उसने रखना ही ठीक समझा,’भाई कुछ नहीं हुआ मैं कल मिलता हु,’

राहुल स्क्रीन की तरफ देखता है पर उसे अब इतनी हिम्मत नहीं हुई की वो पूरा देखे उसने ये सभी फाइल डिलीट करने की सोची पर उसे आया वो दो लोग जिन्होंने दीदी को परमिन्दर से मिलवाया,उसके लिए ये ख़तम करना आसान नहीं था आखिर उसने निश्चय किया की वो सभी को देखेगा और सच का पता लगाएगा…पर अभी उसने सोना ही ठीक समझा…

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