कॉलेज होस्टल का कमरा लगभग दोपहर के 2 बज रहे थे,परमिंदर अपने कमरे में किसी लड़की के साथ था,लड़की सकुचाई सी एक कोने में बैठी थी पूरा होस्टल खाली था सायद सभी क्लास गए हुए थे,लड़की ने सलवार कुर्ती पहनी थी जो पिंक कलर की थी,परमिंदर अपने पायजामे में था जिससे उसका ताना लिंग साफ़ दिखाई दे रहा था,पास में पड़ी बियर की खाली बाटल रखो थी,परमिंदर की विशाल छाती बालो से ढकी थी और उसका लम्बा चौड़ा कद किसी दानव की याद दिलाता था,लड़की ने नजर उठा के एक बार उससे देखा पर फिर वो मासूम सी लड़की घबराके अपना सर झुका ली,परमिंदर उसके पास जाकर सीधे उसके ताने और कठोर उजोरो पे अपना हाथ फेरने लगा,उन्हें हाथ लगाते ही उसके चहरे पे खुसी और आँखों में चमक आ गयी उसे अहसास हुआ की लड़की ने कोई अन्तःवस्त्र नहीं पहने है,उसने निचे भी जाचने के इरादे से हाथ बढाया,और उसकी योनी का आभास पाकर खुस हो गया लेकिन लड़की के आँखों में आंसू आ गए,
‘गुड आयशा जैसे मैंने कहा था तुमने मेरी बात मानी मैं खुश हुआ.’लड़की ने लगभग सुबकने लगी,
‘प्लीज आप मेरी फोटोज मुझे वापस कर दीजिये,मैं अच्छे घर की लड़की हु ,मुझे बर्बाद मत करो,’लड़की जोर से रो ही पड़ी,परमिंदर को उसका रोना बहुत भाया उसने उसके उजोरो को खूब ताकत से मसला लड़की के मुह से चीख सी निकल पड़ी,और उसका रोना और बड गया,
‘रो मेरी जान रो जितना चीखना है चीख,अभी तो तू शरीफ घर की लड़की है ना,फिकर मत कर अभी तो तू नयी आई है,अभी तो तुझे यहाँ 4 साल रहना है,तेरी जवानी के खूब मजे लेने है हमें तुझे भी रंडी बना ही दूंगा मैं,पहले मैं फिर जो मुझे पैसा दे दे उसकी प्यास बुझाएगी तू,रो रो रो और रो ,’परमिंदर ने उसके उजोरो को कपडे के उपर से ही काटने मसलने और चूसने लगा ,लड़की असहाय सी रोये जा रही थी वो छटपटा तो रही थी पर अपने मजबूरी और उसके ताकत के सामने पूरी तरह लाचार थी,परमिंदर की बातो को सुनकर उसका दिल दहल गया वो चिल्ला चिल्ला के रोने लगी अपने भाग्य को कोसने लगी .एक गलती की इतनी बड़ी सजा वो भी वो लड़का जिसे वो इतना प्यार करती थी,,
‘मैं जनता हु तुझे अभी तक किसी ने हाथ नहीं नहीं लगाया है पर मेरा यकीं मान जब तू बासी हो जाएगी तो इसी होस्टल के ग्राउंड में तुझे लड़के 100 रूपये दे कर भी चोदना पसंद नहीं करेंगे,’ परमिंदर दरिंदो की तरह हसने लगा और वो मासूम सी जान डर से कपने लगी उसे अपने भविष्य की ऐसी स्तिथि का बोध हुआ की उसे लगा की इससे तो मर जाना ही अच्छा होगा,वो सब सोचकर स्तब्ध हो गयी उसे दर्द का अहसास होना ही खत्म हो गया वो जिन्दा लाश सी अपनी मजबूर शारीर को उसे सौप दि ,लेकिन थोडा खेलने के बाद परमिंदर हो आभास हो गया की शायद उसने जादा ही बोल दिया कही ये चिड़िया भी उड़ ना जाये ,ऐसे भी लड़की के रोना बंद करने पर उसे मजा आना बंद हो गया था,उसे लगा था जैसे वो बाकि लडकियों जैसी होगी हो उसके मसलने पर थोड़ी देर में गर्म हो जाएगी पर ये तो बहुत ही सीधी निकली,खैर जो भी हो मुझे क्या पहले इसकी सील तोड़ कर अपना पानी निकल लू,परमिंदर ने मन में सोचा और उसके सलवार ना नाडा खोलने लगा लड़की का रोना बंद था जैसे वो किसी गहन चिंतन में डूबी हो और उसने कोई भी विरोध नहीं किया,,परमिन्दर बड़ी जल्दी में था और उसने उसका सलवार निकल फेका लड़की अभी भी ऊपर से ढकी हुई थी,परमिन्द्र को उसकी चिकनी योनी दिखाई दि पर उसे अब लड़की की हलत देख कुछ करने का मन ही नहीं कर रहा था,उसने ही उसे बालो को साफ़ करने को कहा था,वो उसे चाटना चाहता था,पहले अपनी छोटी उंगली को थूक से गिला कर उसने उसकी योनी में डाला,
‘बाह या चुद है साली तेरी छोटी उंगली भी नहीं जा रही है,जब मेरा घुसेगा तो तेरी चीख सुनने में मजा आयेगा मुझे,’लड़की कुछ भी ना कही उसकी योनी सुखी थी पर उसे दर्द का अहसास भी नहीं हो रहा था,उसकी पवित्रता के तेज से चमकता चहरा गुस्से में लाल हो गया था.उसकी आँखों से बेखबर परमिंदर उसकी योनी को चुसे जा रहा था,पर लड़की के चहरे पे एक मुस्कान फ़ैल गयी उसके आँख जलते अंगारों से धधकने लगे और परमिंदर ने जैसे ही अपने मन भरने पर अपना सर उठाया उसकी आँखे देख कर वो डर ही गया,
‘क्या क्या हुआ तुझे ,’लड़की हसने लगी इस हसी में खुसी नहीं व्यंग था,परमिंदर को कुछ भी समझ ना आया उसने अपने को उठाने का प्रयत्न किया पर,खाचक खाचक खाचक तीन वार परमिंदर के पीठ पर कर दिए गए थे ,मदेरचोद ये क्या है,
‘परमिंदर उठ खड़ा हुआ और उससे दूर हुआ तो देखा की लड़की के हाथो में एक लम्बा पेंच कस था जो उसने पास ही के टेबल से उठाया था,लड़की की ताकत परमिंदर के सामने कुछ भी ना थी पर उस नाजुक बाला ने अपने जिस्म से नहीं अपनी रूह तक की ताकत इन वारो में लगा थी,परमिंदर बुरी तरह जखमी था पर वो ताकती भी था उसने देर ना लगायी और लड़की की तरफ झपटा,लड़की को अपने नीची दबा लिया और उसके हाथो हो दबाकर उसको हथियार छोड़ने पर मजबूर कर दिया ,
‘मदेरचोद मैं तो सोचा था की तुझे आराम से खाऊंगा पर अब तो तू आज ही नीलम होगी तुझे कोठे पर बिठाऊंगा साली मुझसे होसियारी करती है,’लड़की ऐसे तो उसके निचे पूरी तरह दबी थी और अपना शारीर भी नहीं हिला पा रही थी पर उसने अपना सर उठाया और परमिंदर के चहरे हो अपने दांतों में जकड लिया और पूरी ताकत से उसे काटने लगी,अपने दांत गड़ाने के लिए उसने पूरी ताकत लगा दि,परमिंदर के चहरे से दर्द भरी चीख निकली पर वो भी जीवट आदमी था,उसने पूरी ताकत से उसका पैर फैलाया और अपना चहरा छुड़ाने की कोसिस की पर नाकाम रहा उसने पास पड़ा वही पेचकर उठा कर उसकी योनी में दे मारा ,पर छटपटाहट की वजह से वो उसकी जंघा पर जा घुसी लड़की दर्द से कहार उठी पर उसने अपना मुह नहीं खोला उसके दांत अब पूरी तरह से धस चुके थे और उनसे खून भी रिसने लगे थे,,
परमिंदर से अब ना रहा गया उसने पास पड़ा पेन उठाया और उसके चहरे पे मरने को आतुर हुआ लेकिन तभी…..
दरवाजा को किसी नि बड़ी जोर से मारा और दरवाजा खुल गया,इसे देख परमिंदर के हाथ रुक गए वहा बहुत भीड़ हो चली थी कुछ 10-15 लड़के और एक लड़की कमरे में दाखिल हुए माजरा साफ था उन्होंने ने लड़की को उससे अलग किया और लडको ने परमिंदर की पिटाई करनी शुरू कर दि,लड़की ने आयशा को सम्हाला आयशा ने लडकी को देखते ही उसे अपने बांहों में भर लिया और फूट फूट कर रोने लगी,
‘नेहा देख इस दरिन्दे ने मेरी क्या हालत कर दि ,’
नेहा को आभास हुआ की आयशा ने निचे कुछ नहीं पहना है और उसके जंघा से खून भी बह रहा है ,उसने पास रखा एक टाबेल उठा उसे ढाका और राहुल को इशारा किया,रहुल तुरंत ही आयशा के कपड़ो को कलेक्ट कर नेहा और उसे ले बहार आया और बाजु वाले रूम का ताला तोडा और उन्हें वह बिठा दिया,उसने कही से फर्स्ट एड किड भी जुगाड़ लिया,
‘राहुल तुझे पता है ना क्या करना है ,अब बहार जा,’
‘ओके दीदी,’राहुल कमरे से बहार निकला नेहा ने कमरा बंद किया लड़के परमिंदर को मारते मारते बहार ग्राउंड तक ले जा चुके थे ,राहुल परमिंदर के रूम में जाता है और उसका लेपी और मोबाईल अपने बेग में डाल वहा से निकल जाता है,
आयशा और नेहा के साथ एक और लड़का कमरे में था,बहार ग्राउंड में परमिंदर अधमरा पड़ा था और पोलिस आने वाली थी नेहा ने आयशा से कुछ बाते अकेले में की थी आयशा अब थोड़ी शांत दिखाई दे रही थी,
‘आयशा तुम जानती हो ना इसका मतलब क्या होगा,तुम एक मुसलमान लड़की हो और पोलिस केस का मतलब क्या होगा तुम्हे पता है ना,’
‘अविनाश सर ये कहोगे आपसे मुझे ये उम्मीद नहीं थी,क्या मुस्लिम लड़की की कोई इज्जत नहीं होती,’नेहा के स्वर में गुस्सा था ,
‘मेरा मतलब वो नहीं है नेहा पर क्या इसके घर वाले मानेंगे,मैं और मेरी पूरी पार्टी तुम्हारे साथ है,और दूसरी पार्टीया भी हमारा सपोर्ट करेंगी पर तुम अगर थोड़ी भी कमजोर हुई तो हम कुछ नहीं कर पाएंगे और वो साफ़ साफ़ बच जायेगा,’
‘सर मैं तैयार हु ,आप नहीं जानते वो कितना बड़ा दरिंदा है अगर बात सिर्फ मेरे जिस्म के इस्तमाल की होती तो शायद मैं उससे नहीं लडती,मेरी जैसी सीधी साधी लड़की अपना जिस्म उसे सौप देती पर वो दरिंदा तो मेरी पूरी जिन्दगी ही नारख बनाने वाला था ,मुझे बिकाऊ बनाने वाला था ,पता नहीं मुझ जैसी कितनी लडकिया इसका शिकार हुई होंगी ,(नेहा को अपनी याद आ गयी पर उसने कुछ भी एक्सप्रेस नहीं किया,)मुझे उन सब के लिए लड़ना है चाहे मेरे घर वाले माने या नहीं पर मैं इस दरिन्दे को सजा दिलवा के रहूंगी,’आयशा के चहरे पर दृढ़ता के भाव थे ,
‘भगवान तुम्हारे साथ है मेरी बहन,तुम बहुत बहुद्दुर हो मैं तुम्हे न्याय दिलाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दूंगा,पुलिस आती ही होगी ,जल्द से जल्द तुम्हारा मेडिकल टेस्ट भी कराना होगा,आज देखो तो भगवान की लीला की नेहा ने हमें परमिंदर के बारे में बताया की वो लडकियों को गन्दी गन्दी मेसेज करता है और हम उसे सबक सिखाने यहाँ पहुच गए ,(नेहा ने आयशा को आँखों से इशारा किया)और लड़ाई की आवाजे सुन दवाजा तोड़ दिया,’
अविनाश ने अपना हाथ प्यार से आयशा के सर पर और वहा से निकल गया,
अविनाश तिवारी ,यूनिवर्सिटी का प्रेसिडेंट है,अपनी राजनीती,अच्छाई ,समाजसेवा और कर्मठता के कारन प्रसिद्द था,और अपने इन्ही गुणों के कारन कॉलेज की ही नहीं जिले की राजनीती में अच्छी पहुच रखता था,बड़े बड़े नेताओ से उसकी पहचान थी और इसी कारन नेहा को उसके स्कूल के दिनों से वो आकर्षित करता रहा वो नेहा का पहला क्रास था,और उसके ही कहने पर नेहा ने स्कूल चुनाव लड़े थे और अपनी सफलता दर्ज करायी थी ,उसे इस यूनिवर्सिटी का सबसे पावरफुल व्यक्ति कहे तो अतिशोक्ति नहीं होगी,उसने नेहा से कई बार कहा था की वो उसे भाई बोले पर नेहा उसे सर कहती थी और उसके सभी कार्यक्रमों में बढचढ के हिस्सा लेती थी,अविनाश 6’2″ की हाईट वाला चौड़ा लड़का था,माथे पर लम्बा लाल टिका और सफ़ेद कुरता जींस उसकी पहचान थी,ऐसे तो लडकिय उसपर लट्टू थी पर उसे समाज सेवा का ही नशा था,उसके साथ होने से नेहा और आयशा निश्चिंत थे क्योकि वो सच के लिए किसी से भी भीड़ जाने से परहेज नहीं करता था,…
इधर राहुल होस्टल के पास बने गार्डन में बेचैन सा अपने एक दोस्त के साथ बैठा था उसका दोस्त अपने चश्मे को बार बार सीधा कर रहा था और सोच रहा था की ये साला कहा फस गया पर राहुल की बात ना मानने का नतीजा है बहुत बड़ी सजा ,
‘चल बेटा काम पर लग जा और इस मोबाईल और लेपी के पासवर्ड जल्दी खोल दे,मुझे पूरा डाटा इस हार्ड ड्राइव में चाहिए ,’
‘राहुल भाई तू मुझसे गलत काम तो नहीं करवा रहा है ना,सुबह से यहाँ बैठा रखा है और अन आ रहा है,’
‘साले चूतिये जो बोल रहा हु वो कर ना,नेहा दि को बताऊँ क्या की तू होसियारी मार रहा है,’
‘कर रहा हु ना भाई नेहा को बीच में क्यों ला रहा है,’
उस लड़के ने अपनी उंगलिया चलानी शुरू की और अपने बैग से ना जाने कितने टूल्स निकले,ये हमारे कंप्यूटर जीनियस देबुजीत बाबू थे प्यार से लोग इन्हें बाबु ही कहते थे बाबु इसलिए क्योकि ये बंगाली थे और नेहा के क्लास में पड़ते थे,नेहा पर बड़ा क्रश था बन्दे को पर था एक नम्बर का फत्तू अभी कंप्यूटर साइंस में ही इंजीनियरिंग का स्टूडेंट था,
‘अबे बंगाली जल्दी कर ना,टाइम नहीं है मेरे पास ये सब वापस रख के आना है मुझे,’
‘कर रहा हु ना भाई,हा हो गया ,पूरा डेटा चाहिए क्या,’
‘हा कुछ भी रह गया तो तेरी खाल खिचवा दूंगा ,’देबू ने गुस्से से राहुल को देखा,
‘अरे मेरे प्यारे बाबु,इस काम के बदले तेरी नेहा दि से डेट फिक्स करा दूंगा,लेकिन किसी को कुछ बताना मत ‘देबू का चहरा डेट सुनकर ही शर्म से लाल हो गया,
‘सच्ची भाई,’ ‘अरे हा रे मेरे कंप्यूटर जीनियस ‘ देबू ने उंगली और तेजी से चलानी सुरु की
राहुल और नेहा दीदी अगर टीम की तरह कम करे तो कमल कर देते थे ,मैं किसी से ऐसी बाते नहीं कर पता था और मेरे सामने कोई नेहा दि का नाम भी लेने से पहले सोचता था,राहुल फुल मस्ती में नेहा दि के नाम पर लोगो से काम निकलवाता था और दीदी भी उसका सपोर्ट करती थी,
‘ले भाई हो गया तेरा काम,’देबू ने खुश होते हुए कहा
‘गुड अब इसका सारा डेटा उड़ा दे,और इस ड्राइव का सारा डेटा मेरे लेपी में कॉपी कर दे ,’
‘यार सब मैं ही करू क्या ,मैं इसे फार्मेट करता हु तू अपने में कॉपी कर ले ,’ ‘ओके बाबु ‘राहुल ने शरारत से देबू के गालो में हाथ मार दिया और देबू भी हस पड़ा,
सारा कम हो चूका था ,राहुल ने देबू को फोन करने बोल भागता होस्टल पहुचा वो परमिंदर के रूम पहुच लेपी और मोबाईल रख दिया और दुसरे रूम में अविनाश था उसने उसके बहार निकलने का इंतजार किया ,राहुल को देख नेहा खुश हो गयी
‘भाई काम हो गया ना ,’राहुल ने ड्राइव नेहा को पकड़ा दि नेहा ने उसे अपने बैग में रख लिया,
‘गुड भाई,आयशा अब तुम्हे डरने की कोई जरूरत नहीं है सभी लडकियों की जिंदगी अब सेफ है मैं इससे चेक करके सब फोर्मेट कर दूंगी,अगर इसमें सभी फोटोज नहीं हुई तब शायद प्रोब्लम होगी,’
‘नेहा अब मुझे किसी बदनामी का दर नहीं है,चाहे वो मेरी फोटोज इन्टरनेट में ही क्यों ना डाल दे,’
‘नहीं दि इसके अलावा उसके पास कोई और डिवाइस नहीं है जिसमे हो सेव करके रख सके मैंने पूरा रूम चेक कर लिया है,’
‘गुड और इसके अलावा और कही कॉपी तो नहीं किया ना,और देबू को कोई शक तो नहीं हुआ ना ,’
‘नहीं दि यही सिंगल कॉपी है,(झूट बोल दिया)और देबू के साथ एक चाय पि लेना मैं आपकी डेट फिक्स कर के आया हु उसके साथ,’नेहा के चहरे में स्माइल आ गयी
‘सही किया मैं उसे सम्हाल लुंगी,चलो आयशा बहार चलते है,’