मैं अपने कमरे में आयशा की याद में खोया था की राहुल मेरे कमरे में आया .और मुझे गले से लगा लिया ,
‘वाह वाह मेरे भाई को प्यार हो गया,’मैं थोडा शर्मा गया ‘क्या पता भाई अभी तो कुछ नहीं बोल सकता ,आज ही तो देखा हु उसे,उसकी वो प्यारी बाते वो आँखे’मैं फिर खोने लगा की राहुल ने मुझे टोक दिया ,
‘साले फिर से बेहोश मत हो जाना ,तू तो पहली बार में ही पगला गया है बे,आब आगे क्या करेगा,’मैंने बड़े अधीर हो के राहुल को देखा,
‘भाई मुझे क्या पता ,’ ‘साले तू तो उसे ऐसे घुर रहा था की लड़की ही डर जाए,पहला इम्प्रेसन ही ख़राब कर दिया ,भाई इतना अधीर होने की क्या जरुरत है अभी अभी तो मिली है ,प्यार का मजा ले ,’राहुल ने मेरे माथे को चूमा और अपने घर की और निकल गया,,,,
‘मैं आज रात बड़ा बेचैन था दीदी भी मेरे कमरे में नही आ रही थी,मैंने ही उनके कमरे में जाने की सोची…दीदी अपना लेपी लेकर बिस्तर में बैठी थी,दीदी ने मुझे देखा और मुस्कुराई और फिर अपने काम में लग गयी ,दीदी के इस स्वभाव से मुझे थोड़ी बेचैनी हुई,क्योकि आज जो हुआ था उसके बाद से मैं दीदी से अभी मिल रहा था और वो मुझे इग्नोर कर रही थी,…मैं उदास हो कर जाने लगा,
‘इधर आके बैठ जा ,’मैं चुपचाप उनके पास आकर बैठ गया,दीदी फिर अपना काम करने लगी थोड़ी देर बाद उन्होंने अपना लेपी बंद किया,
‘तो मेरे भाई जी बताइए ,आप जैसा डिसेंट लड़का ऐसी हरकत क्यों कर रहा है,’मैं थोडा डर गया
‘क्या हुआ दीदी ,मैंने क्या किया ‘दीदी ने मुझे झूठे गुस्से से देखा,
‘क्या किया तूने मेरी फ्रेंड्स के सामने मुझे इतना शर्मिंदा फील कराया उसका क्या और कोई किसी लड़की को ऐसे घुर के देखता है क्या ,,पता नहीं मेरी दोस्त मेरे बारे में क्या सोचेंगी,’मैं नज़ारे झुकाए बैठा था और दीदी हलके हलके मुस्कुरा रही थी ,
‘पता नहीं दीदी मुझे क्या हो गया था मैं सच में नहीं चाहता था की ऐसा कुछ हो ,सॉरी दीदी मुझे माफ़ कर देना,अगर मेरी वजह से आपको दुःख पंहुचा हो तो ,,….’मेरी आँखों में एक दो बूंद आ ही गए और मेरी आवाज भी भारी हो गई…
दीदी ने हस्ते हुए मेरे सर पर अपना हाथ रखा और सहलाने लगी
‘अरे पागल तुझे नहीं पता आज मैं कितनी खुश हु आख़िरकार वो दिन आ ही गया जब मेरे भाई को प्यार हो गया ,,और आयशा अच्छी लड़की है लेकिन अभी अभी उसका दिल टूटा है इसलिए वो थोडा अपसेट रहती है बस और कुछ नहीं ,आजा मेरे प्यारे भाई,’दीदी ने मुझे खीच कर अपने सीने से लगा लिया आज मैं भी बहुत खुस था,
‘ऐसे भाई उसमे क्या पसंद आ गया तुझे ,कभी तो तुझे कोई पसंद नहीं आई थी,’
‘उसमे मुझे आप दिखाई दिए दीदी ,वो आपके जैसे ही है बहुत सुंदर,बहुत मासूम और बहुत बहाद्दुर ‘कहते हुए मैं फिर दीदी के सीने से जा लगा,दीदी के आँखों में आंसू थे उन्हें डॉ की बाते याद आ रही थी की जिस लड़की में उसे तेरा चहरा दिखेगा वो उससे ही प्यार कर पायेगा मेरा भाई मुझे इतना प्यार करता है ,मैं इसके प्यार को कभी हारने नहीं दूंगी ,,दीदी मेरे सर को किस करने लगी ,इतना उनकी आँखों से आंसू बह रहे थे जो मैं नहीं देख पा रहा था ,और वो मुझे चूमे जा रही थी ,उन्होंने मेरा सर उठाया तो मैंने उनकी भीगी हुई आँखे देखि,मैंने उनकी आँखों के अपने होठो में समां लिया,एक आंसू ढूलता हुआ दीदी के दोढी तक आ पहुच मैंने झट से उसे अपने में समां लिया ,अब दीदी के चहरे में एक मुस्कान फैली मेरे चहरे में भी मुस्कान फ़ैल गयी,,
दीदी ने मेरा सर अपने हाथो में लेकर मेरे होठो में अपने होठो को मिला दिया,अब दीदी को किस करना आम सी बात हो गयी थी मैंने भी अपने जीभ को उनके होठो में घुसा दिया जिसे वो चूसने लगी,दीदी थोडा हटकर उठी और अपने टेबल से एक चोकलेट उठाया और मुझे दिया ,
‘हैप्पी वाला पहला प्यार भाई,भगवान तुम दोनों को मिलाये और तुम दोनों हमेशा खुस रहो,’दीदी फिर मेरे सीने में सर रख कर सोने लगी,
‘दीदी चलो ना साथ ही खाते है,’दीदी ने अपना सर उठाया और मैंने चोकलेट का एक टुकड़ा तोड़ कर उनके मुह में डाल दिया ,दीदी ने एक स्माइल की और मेरा सर पकड़ कर मुझे किस करने लगी वो चोकलेट का टुकड़ा दीदी के मुह से मेरे मुह में आ गया ,मैंने उसे थोडा चूसा फिर दीदी के मुह में भेज दिया हमने पूरी चोकलेट ऐसे ही ख़तम की,और फिर दीदी ने एक बोतल उठाई और अपने मुह में पानी भरा ,पर उसे निगला नहीं और मुझे देखने लगी ,,,मेरे चहरे पर एक स्माइल आ गयी मैंने आगे बढकर उनके होठो को चूसने लगा और आधा पानी मेरे मुह में आ गया ,इन सब हरकतों को हम कर तो प्यार के कारन रहे थे पर मेरे और दीदी के शारीर को शायद ये बात नहीं पता थी वो उत्तेजित होने लगा था मेरा लिंग खड़ा हो चूका था और दीदी के निकर भी योनी के ऊपर गिला था,जैसे ही दीदी को मेरे ताने होने का आभास हुआ तो वो मुझसे हटती हुई मेरे लिंग को सहला दि और खिलखिला के हसने लगी,मैंने भी जब उनका गीलापन देखा तो मैंने उन्हें इशारे से बताया और मैं भी हसने लगा हम दोनों ही हस रहे थे की अचानक दीदी हस्ते हस्ते मेरे ऊपर आ गयी आज मैंने भी अंदर कुछ पहना नहीं था मेरे ऊपर आने से मेरा तनाव उनकी गीलेपन पर रगड़ खा गयी ,मैं भी अपनी उत्तेजना में थोडा दबाव दे दिया ,और स्माइल कर दिया पर इससे दीदी की आह निकल आई ,
‘आह भाई ,’और उन्होंने मुझे देख एक स्माइल दि,
‘अब तो तेरा मोटा हथियार आयशा के काम आएगा सम्हाल के रखना,कही दीदी के प्यार में इसे लुटा ना देना ,’दीदी कह कर खिलखिला गयी,उनका प्यारा चहरा देख मैंने उन्हें निचे कर दिया और बिना कुछ बोले ही उन्हें चूमने लगा ,उनके होठो को चुमते हुए मैने फिर ऊपर से अपना लिंग रगड़ना चालू किया अब मैं तेज हो रहा था और बड़े बेरहमी से वार कर रहा था ,मैं पागलो जैसे हो रहा था मेरे अंदर वासना का एक सैलाब सा आ रहा था और रगड़ने के बजाये उसे मरने लगा था ,मेरे ऐसे करने से दीदी की योनी पर सीधे चोट पड़ रही थी,और दीदी को शायद बड़ा दर्द हो रहा था,वो आह आह कहे जा रही थी पर मुझे रोक नहीं रह थोड़ी देर बाद दीदी ने मुझे रुकने कहा
‘भाई भाई सुन ना ,(मैंने उन्हें देखा)मेरी आँखों में देख ,’मैं उनकी आँखों में देखने लगा कुछ बुँदे वहा उनके आँखों की शोभा बड़ा रही थी ,दीदी के चहरे पर कोई गुस्सा और दुःख नहीं था ,वो मुस्कुरा ही रही थी पर उन्होंने मेरी आँखों की गहराई में झाकते हुए मुझे प्यार की एक सौगात दि ,और मेरे होठो को भर लिया ,थोड़ी देर के रसपान के बाद मैं फिर उग्र होने को था दीदी ने मुझे फिर ऊपर उठाया मेरी आँखों में देखा
‘भाई इतना उतावला क्यों हो रहा है ,’दीदी ने मेरे बालो को सहलाते हुए कहा,
‘पता नहीं दीदी कुछ कण्ट्रोल में नहीं रहता ,’दीदी मुस्कुराने लगी ,
‘खोल दू क्या अपने कपडे ,अंदर घुसयेगा क्या,’दीदी ने मनो व्यंग किया हो और हसने लगी ,तभी मेरे दिमाग की बत्ती जली की मैं क्या कर रहा था,
‘दीदी सॉरी ,’ ‘भाई कोई सॉरी बोलने की जरुरत नहीं है मैं तेरी ही हु ,तू मेरे से सेक्स करना चाहे तो भी मैं मना नहीं करुँगी ,’दीदी बड़े प्यार से मुझे सहलाये जा रही थी,
‘क्या दीदी आप भी कही मैं आपसे सेक्स कर सकता हु क्या मैं तो आपका भाई हु ना,मैं ऐसा क्यों चाहूँगा,’मेरी आवाज में गंभीरता थी….’दीदी ने मुझे फिर अपने ऊपर ले लिया ,
‘मेरे प्यारे भाई ,तेरे पास जो इतनी ताकत है ना ये उसका ही उछाल है,तो फिकर मत करना तेरी दीदी तेरे लिए सब कर सकती है समझा ,’मैंने हां में सर हिलाया और दीदी ने फिर मुझे चूमना शुरू कर दिया,थोड़ी देर में ही दोनों थककर सो जाते है ,थोड़े देर बाद नेहा उठकर किसी का इंतजार कर रही है तभी उसका मोबाईल बजता है ,उसके चहरे पर खुसी आ जाती है,काल राहुल का था ,
‘दीदी वो तैयार है,कल आपसे मिलाने ला रहा हु,’
‘ओके भाई ,तो कल मिलते है गुड नाईट,’
मैं थोडा बेचैन था मुझे आयशा से मिलाने का उससे बात करने का मन हो रहा था ,मैं चाहता था की दीदी के साथ ही कॉलेज चला जाऊ पर क्या करे दीदी भी आज कॉलेज नहीं जाने वाली थी और राहुल भी आज प्रीति के साथ घर आ रहा था ,दीदी से मिलाने तो मेरे लिए उसके साथ जाना भी मुस्किल था मैं इसी सोच में था की क्या करू ,मैंने अकेले कॉलेज जाकर आयशा से मिलाने का फैसला किया ,और अगर मिल ना पाऊ तो कम से कम देख ही लूँगा ,मैंने दीदी को ये सब बता दिया दीदी हँसाने लगी और कहा ठीक है चले जा,
‘दीदी राहुल को बोलो ना साथ चले मैं अकेले कैसे आज तक कुछ भी तो नहीं किया हु मैं आपके और राहुल के बिना,,,’
‘अरे मेरे भाई प्यार की लड़ाई तो तुझे ही लड़नी है और जीतनी भी है,वो भी अकेले ,समझा लड़की के दिल को जितना कोई खेल नहीं है ,और वो भी आयशा जैसी चोट खाई लड़की के..मैं जानती हु मेरा बाई बहुत बहाद्दुर है और बहुत समझदार है तू कर लेगा,,’
‘पर दीदी कैसे ‘
‘क्या कैसे बस कुछ मत करना तू दिल से उसे प्यार करता है ना तो दिल की सुनना जो दिल कहे करना दिमाग मत लगाना,बस दिल के साथ रहना तेरा दिल बहुत मासूम और प्यारा है मेरे भाई आयशा को भी इससे प्यार हो जायेगा,,’दीदी ने मुझे एक प्यारी सी पप्पी दि ,…इससे दीदी ने चैन की साँस भी ली क्योकि शायद मेरे रहते वो प्रीति से अच्छे से बात नहीं कर पाती,मैं भी अपने पहले प्यार की उमंग में था मैंने दीदी का मोबाईल निकला दीदी के साथ एक सेल्फी ली और अपने रूम चला गया , थोड़ी देर में वह राहुल प्रीति को लेकर पहुचता है,मैं कॉलेज जाने को तैयार होकर निचे आया था,कि वाह ये कौन है,मैंने जब उस लड़की का चहरा देखा तो मुझे यकींन नहीं आया की ये प्रीति है,प्रीति ने आज काले कलर की सलवार कमीज पहिनी हुई थी ,मैंने उसे इतने सिंपल कपडे में कभी नहीं देखा था ,मेकअप भी बहुत ही हल्का था,एक छोटी से बिंदी उसके चहरे को और भी मासूम बना रही थी मैं उसके चहरे को ही देखता रहा जिससे वो शरमाने लगी मुझे और आश्चर्य हुआ की ये शर्मा रही है,उसके गुलाबी होठो को वो अपने मोती जैसे दंन्तो से दबाना ,अपने लटो को उंगली से घुमाना और मुझे चोर निगाहों से देखना वह कितनी कमाल की लग रही थी वो ,उसे इस तरह घूरता देख कर राहुल मेरे पास आ कर मुझे हिलाया,
‘साले फिर से बेहोश हो जायेगा क्या ,’मैंने हसकर उसे धक्का मारा और प्रीति के पास जाकर उसे अपने सीने से लगा लिया और वो भी मुझसे चिपक के रोने लगी,
‘we miss you sewty welcome home,’प्रीति भी मुझसे अलग हुई मैंने उसके गालो को अपने हाथो में लेकर उसके आंसू पोछें ,
‘तुझे फिर से ऐसा देखकर अच्छा लगा ,क्यों अलग हो गयी थी हमसे ,तुझे उस गंदगी में देखकर बहुत तकलीफ होती थी ,’राहुल ने मुझे आँखों से नहीं का इशारा किया ,और मैं भी चुप हो गया ,और उसे फिर एक बार गले लगा लिया ,..तभी दीदी वहा पहुची और अपने बाजुओ को
खोल कर उसका स्वागत किया..प्रीति उनके गले लग गयी और रोने लगी दीदी ने उसे सहलाया कुछ बुँदे तो दीदी के आँखों में थे वो ऐसे प्रीति से बहुत प्यार किया करती थी पर उसका यु आवारा लडको के संग घुमाना और ऐयासिया करना उन्हें बिलकुल पसंद ना आता अब दीदी को शायद उसके हालत का सही सही अनुमान लगा था…मैंने राहुल को बताया की मैं आयशा से मिलाने जा रहा हु उसने मुझे बेस्ट ऑफ़ लक कहा और मैंने सबको बाय कहकर वह से निकल गया,
दीदी प्रीति को अपने कमरे में ले गयी और राहुल को वही बैठने को कहा राहुल तो जानता था की क्यों ..
प्रीति जैसे ही दीदी के बिस्तर में बैठी उसे कुछ गड़ता है,
‘अरे दीदी ये मोबाईल,’
‘अरे छोड़ उसे ये आकाश भी ना अभी सेल्फी लेने के बाद यही छोड़ गया होगा,रख दे बाजू में’फिर दीदी थोड़ी सीरियस होकर बोलना शुरू करती है.
‘ प्रीति मुझे पता है की तुम किस मुसीबत में हो ,’द्दीदी अपना लेपी ऑन कर उसे उसका विडिओ देखने लगी,प्रीति का चहरा पर शर्म से झुक गया ,दीदी ने उसे अपने सीने से लगा लिया ,
‘देख प्रीति बात ऐसी है की तूने जो भी किया वो अपने मजे के लिए किया और तुझे पता भी नहीं चला की तू कब उनके कब्जे में हो गयी पर मेरी बहन तू नहीं जानती की कितनी भोली भली लडकियों की जिंदगी इन लोगो ने बर्बाद कर दि है,इस इंजेक्शन का असर क्या है ये अनुमान ही नहीं लग पा रहा है ,तुझपर इसका अलग असर है और बाकियों पर अलग हमें सबकी जिंदगी बिगड़ने से बचानी है और तू ही है जो मुझे सच बता सकती है जो सच इस विडिओ में भी नहीं है ,की इसमें और कौन कौन सामिल है ,मुझे लगता है की परमिंदर,नानू और विक्की तो बस मोहरे है असल में ये बड़ा रेकेट फ़ैलाने की कोसिस है शायद कोई सीधी साधी लडकियों को फसा कर उनसे धंधा करने की कोसिस ,क्या तेरे साथ कुछ ऐसा हुआ था,,’दीदी का चहरा पुरा सीरियस था वही प्रीति उन्हें ठगी सी देख रही थी,
‘दीदी मेरा सौदा हुआ था,एक बार नहीं कई बार लेकिन मैंने ये बस मजे के लिए ही किया था जब की ये लोग मेरी प्यास नहीं बुझा पाए तो इन्होने कहा की तूझे इसी और से करवाते है पैसे भी मिल जायेंगे और तुझे भी अलग अलग लडको का मजा आएगा,मैं तो तुरंत मान गयी थी, मैंने कभी नही सोचा था की ये लोग इतने कनेक्शन वाले होंगे मुझे तब अटपटा लगने लगा जब वो इतने अलग अलग ग्राहक ढून्ढ के लाने लगे मैंने तो खूब पैसे कमाए और बहुत मजे भी लिए पर आज मुझे समझ आ रहा है की उन्होंने मुझे प्रोफेसनल रांड ही बना दिया था..कभी कभी तो विदेशी लोग भी आते थे ,और हर टाइप के लोग …’कहते हुए प्रीति आकाश में खोयी सी देखने लगी जैसे अभी अभी उसे कुछ समझ आया हो वो अपने नशे में इतनी खोयी थी की दुनिया की सच्चाई उसे समझ नहीं आ रही थी ,अभी अभी वो जागी सी लगी,जैसे अचानक ही कोई शीशा टुटा हो,
‘हम्म मेरा शक सही था ये लोग बस मजे के लिए ऐसा नहीं कर रहे थे ,इनके पीछे कोई बड़ी ताकत का हाथ है जो लडकियों को इस धंधे में धकेलने के फ़िराक में है,तेरे साथ कुछ और भी लडकिय आती थी क्या,’
‘हा दीदी पर मैं किसी को पहचानती नहीं ,पहचान का मौका ही नहीं मिलता था ,मुझे तो पता भी नही होता था की मुझे कहा ले जा रहे है ,कभी कभी होटल तो कभी किसी के फार्महाउस,वगेरह ,’दीदी ने प्रीति को देखा उसे इस बात का जरा भी अफ़सोस नहीं लग रहा था की उसके साथ ये सब हुआ था,शायद उसे इससे कोई परेशानी नहीं थी परेशानी तो उनको होती जिनकी मर्जी के खिलाफ उन्हें इस धंधे में धकेला जाता….दीदी ने राहुल को भी ऊपर बुला लिया और अपने ढंग से ये बता दिया की इन सबमे पूरा गेंग ही शामिल है पर वो कौन है ये पता लगाना एक चुनौती है ,उन्होंने राहुल को ये भी बता दिया की विक्की और नानू बभी इसमें शामिल है और उन्हे अभी कुछ नहीं करना है जब तक की दीदी कुछ ना कहे और कैसे भी करके उन्हें फ़साना है जाल में .
‘दीदी वो मेरे कांटेक्ट में है मैं कुछ करू शायद मुझे कुछ बता दे,’प्रीति ने कहा
‘नहीं प्रीति वो वो तुम्हे बस इस्तमाल करते है तुमसे प्यार नहीं की तुम्हे कुछ बताये और ऐसे भी उन्हें कितना पता है इसका भी कुछ भरोसा नहीं है क्योकि वो दोनों भी परमिंदर के इशारे में ही काम करते थे ,मुझे तो कुछ समझ नही आ रहा है की आगे क्या करना है ,शायद समय ही कुछ बतायेगा ,और राहुल प्लीज् आकाश को इन सबसे दूर रखना उसे ये पता चल गया तो कुछ भी कर सकता है शायद नानू और विक्की को ही मार डाले ,मैं अपने भाई को खोना नहीं चाहती तू तो समझदार है पर वो अपने दिल की ही सुनता है,’राहुल तो सब समझ रहा था उसने भरोसा दिलाया और सब वक्त के हाथो में छोड़ दिया,…
पर वक्त को क्या मंजूर था वो तो किसी को नहीं पता ना…मैं अपने घर से निकला और थोड़ी दूर गया ही था,की मुझे एक डर ने घेर लिया मैंने कभी ये नहीं किया था मैंने तो किसी लड़की को घुर तक नहीं था,मैं इस डर के कारन पीछे तो नहीं हट सकता था,मैंने हिम्मत बढाने के लिए दीदी को काल लगाया,मैं खामोश ही था की एक रिंग भी नहीं जा पायी थी और दीदी ने फोन उठाया मैं कुछ बोलने वाला ही की प्रीति की आवाज सुनाई दि…
‘अरे दीदी ये मोबाईल,’मैंने आगे की बनते सुनने लगा और चुप ही रहा मेरे आँखों में लहू आये ,चहरा कपने लगा और जब आखिर में दीदी ने राहुल से मुझे कुछ ना बताने की बात कही तो मैंने अपना फोन रख दिया …मेरी आँखों में लहू उतर आया था मैं गुस्से से थर्रा रहा था,पर दीदी की वो आखरी बात मुझे याद आ रही थी की वो दिल से सोचता है कुछ गलत ना कर दे …मुझे क्या करना था मुझे नहीं पता पर मैं ये भी जानता था की मुझे दीदी ने ही आज कहा था,की जो करना दिल से करना दिमाग की अपेक्षा दिल की बात सुनना उन्होंने तो कहा था प्यार के लिए पर अब मैंने इसे इस जंग में भी अपनाने की सोची प्यार हो या जंग दिल लगा देना चाहिए ,हा ये मेरे लिए जंग ही थी क्योकी परमिंदर ने मेरी जान से भी जादा कीमती बहन को धंधे वाली बनाना चाहा,और मेरे प्यार(आयशा) को भी धोखा दिया और मेरी बचपन के दोस्त को तो धंधे वाली ही बना दिया,इनमे से एक वजह ही काफी थी मुझे इसे एक जंग मानने के लिए मेरे पास तीन थी,……