You dont have javascript enabled! Please enable it! जिम्मेदारी (कुछ नयी कुछ पुरानी) – Incest Story | Update 69 - KamKatha
जिम्मेदारी (कुछ नयी कुछ पुरानी) – Incest Story Written by ‘Chutiyadr’

जिम्मेदारी (कुछ नयी कुछ पुरानी) – Incest Story | Update 69

अध्याय 69

इधर

रात में एक गांव में कुछ लोग ख़ौफ़ से कांप रहे थे,

“तूने सचमे उसे देखा “

“हा बड़े बडे बिखरे हुए बाल थे,पूरा नंगा और मारे हुए हिरण के मांस को कच्चा ऐसे खा रहा था जैसे की कोई जंगली जानवर ,मुझे देखकर चिल्लाया कि मैं आ रहा हु तुम लोगो के जीवन में अंधेरा भरने …मैं तो कांप ही गया,मेरी तो सांसे ही नही चल रही थी ऐसे भागा हु वहां से की पीछे मुड़कर भी नही देखा “

सभी लोग उसकी बातो को ध्यान से सुन रहे थे,तभी एक बुजुर्ग बोल उठा

“जबसे पहाड़ी वाले बाबा ने उस तांत्रिक को भगाया था तब से अब तक वो कभी यहां के किसी व्यक्ति को नही सताया ,लेकिन अब कुछ दिनों से वो फिर से अपना ख़ौफ़ फैला रहा है,हमे बाबा के पास जाना होगा नही तो इसके आतंक और भी बढ़ जाएगा ,वो हमारे गांव से लोगो को उठाना शुरू कर देगा ,हमारी बहु बेटियों की इज्जत से खेलने लगेगा और हम कुछ भी नही कर पाएंगे ,अभी देर नही हुई है कल ही चलो बाबा जी के पास ,आखिर पिछले 100 सालो से उन्हों ने ही तो हमे बचा कर रखा है ……”

बुजुर्ग की बातो से सभी सहमत थे ,उसके सिवा किसी के पास कोई चारा भी तो नही था ,

इधर

उसी दिन गांव की बैठक के थोड़ी देर बाद ,अंधेरे जंगल में 3 व्यक्ति खड़े थे ,

“वो लोग पहाड़ी वाले बाबा के पास जाने वाले है”

बाकी के दोनो व्यक्ति जोरो से हँसने लगे

“जाने दो जाने दो देखते है की वो क्या बिगड़ता है हमारे अघोरी तांत्रिक का “

“नही वो बहुत ही शक्तिशाली है ,पहले भी जब तांत्रिक ने गांव वालो को सताया था तो उसी बाबा ने उनकी मदद की थी ,”

इस बार उनमे से एक के चहरे पर थोड़ी शिकन आयी

“अच्छा वो पहाड़ी वाले बाबा जो है उन्होंने कैसे बचाया था गांव वालो को “

“कहते है आज से कुछ 100 साल पहले की बात है जब हमारे तांत्रिक महाराज खुले गांवो में घुमा करते थे और हर अमावस की रात को एक कुवारी लड़की की भेंट गांव वाले उन्हें चढ़ाते थे ,जिसके साथ वो संभोग करते और उसकी बलि देते थे,गांव वाले उनसे इतना डरते थे की कोई भी इसके खिलाफ नही बोलता था,जो बोलता वो दूसरे दिन का सूरज ही नही देख पता ,सभी को पता है की वो नरभक्षी है ,लेकिन उसी समय हमारे गांव का कोई व्यक्ति पहाड़ी वाले बाबा से मिला और उन्हें यहां लाकर पहाड़ी में उनके लिए सबने मिलकर मंदिर बनवा दिया ,उन्होंने ही तांत्रिक महाराज को गांव से भगाया ,उसके बाद भी कभी कभी कुछ लोग गांव से गायब हो जाया करते थे,लोग उस गुफा के आसपास भी नही जाते थे,उस कुछ सालो बाद ये घटनाएं होना बंद हो गई और लोगो को लगा की तांत्रिक महाराज का देहांत हो गया लोग फिर से गुफा के आसपास जाने लगे लेकिन फिर से वही कहर ,और इतने सालो बाद फिर से महाराज को देखकर सभी फिर से घबरा गए ….”

“ये पहाड़ी वाले बाबा की उम्र कितनी है “

“क्या पता जैसे हमारे तांत्रिक महाराज अमर है वैसे ही बाबा भी अमर है वो हमेशा ही 50-60 के ही दिखते है ,”

उस व्यक्ति ने थोड़े आश्चर्य से कहा

“हम्म्म्म तुम क्यो तांत्रिक की पूजा करते हो तुम भी अपने पहाड़ी वाले बाबा की पूजा किया करो “

“मुझे भी ताकत चाहिए “

“अच्छा “

उस शख्स के चहरे में एक कुटिल सी मुस्कान आ गई

“क्या तुम लोगो ने उन्हें देखा है”

“हा मैंने उन्हें देखा है,तुम्हे भी मिलवा दे क्या “

गांव का आदमी सिहर उठा

“डरो नही बस दारू की एक बोतल और 2 किलो बकरे का कच्चा मांस ,लेकर अमावस की रात को आ जाना ,साथ ही अगर कोई कुवारी लड़की ले आओ तो तुम्हारी तो सिद्धि पक्की “

वो थोड़ा खुस हुआ लेकिन फिर से डर गया

“नही नही जो भी उस गुफा में गया वो बाहर नही आया है ,कई लोग वँहा दारू और मांस लेकर गए लेकिन कोई भी बाहर नही आया “

“हम तो आये ना “

वो सोच में पड़ जाता है ,

“देखो अभी समय है इससे पहले की तांत्रिक बाबा की ताकत और बड़े और वो गांव में आकर घूमने लगे जो जो उनकी शरण में आ जाएगा वो ही बचेगा ,सोचलो और अब पहाड़ी वाले बाबा कुछ भी नही कर पाएंगे क्योकि अब हमारे तांत्रिक बाबा इतने ताकतवर हो चुके है की उनके सामने कोई भी नही टिक सकता …जय शैतान की ,”

एक शख्स ने जोरो से कहा ,वो जग्गू था जो की खुद ही तांत्रिक बाबा के भेष बना चुका था ,

उसके साथ ही उसका दोस्त पुनिया था दोनो मिलकर बाबा के नाम पर कुछ लोगो को अपने तरफ करने में कामियाब हो चुके थे जिनसे सिद्धि और डर के नाम पर कुछ काम करा लिया करते थे ….

उसकी बात सुनकर वो शख्स और भी काँपने लगा

“जय शैतान की …जय शैतान की ..”

“ठीक है अभी तू जा और कल फिर से शराब और मांस लेकर आना “

उसके जाते ही जग्गू मांस पर झपटा जिसे पुनिया ने रोका

“अबे इसे भून तो ले “

“अरे मेरे भाई सालो से कच्चा ही खा रहा हु अब आदत मत बिगड़ मेरी वरना इन लोगो को डराएंगे कैसे ,तू अपने लिए इसे भून ले “

“हम्म ठीक है लेकिन पहले गुफा के अंदर चल “

दोनो ही गुफा के अंदर चले जाते है …

“मुझे एक बात समझ नही आयी की आखिर ये पहाड़ी वाले बाबा अभी तक 50-60 के कैसे लगते है जबकि गांव वाले उन्हें 100 सालो से जानते है “

“अरे ये लोग तो मुझे भी वही तांत्रिक मानते है ,मेरा गुरु 70-75 साल में ही मर गया था ,हो सकता है की उसका भी कोई गुरु रहा हो जिसे ये लोग आदमखोर तांत्रिक मानते रहे हो ,इन्हें तो ये ही लगता है की ना तांत्रिक मरता है ना ही पहाड़ी वाले बाबा ,तो जैसे तांत्रिक का रहस्य है वही रहस्य बाबा का भी होगा “

“ह्म्म्म “पुनिया ने एक गहरी सांस ली और अपने शराब को अपने हलक से उतारा…..

Please complete the required fields.




Leave a Comment

Scroll to Top