You dont have javascript enabled! Please enable it! जिम्मेदारी (कुछ नयी कुछ पुरानी) – Incest Story | Update 34 - KamKatha
जिम्मेदारी (कुछ नयी कुछ पुरानी) – Incest Story Written by ‘Chutiyadr’

जिम्मेदारी (कुछ नयी कुछ पुरानी) – Incest Story | Update 34

अध्याय 34

दो दिन बिता और रिस्तो ने नई करवट ले ली,वो दिन भी आया जब सबको वापस जाना था,डॉ भी सुमन और उसकी माँ के साथ वहां पहुच चुका था ,सभी गांव की ओर चल पड़े,सुमन को देखकर किशन की बांछे खिल उठी और दोनों ने नैनो की भाषा मे एक दूजे को प्यार का संदेशा भेजा, पूरे रास्ते सुमन की माँ एक दुविधा में थी,
गांव पहुचने पर डॉ ने सुमन की माँ का परिचय सबसे करवाया, लेकिन कलवा वहां नही दिख रहा था,सभी बैठ कर बाते कर रहे थे कि कलवा भी वहां आ गया,उसकी नजर सुमन की माँ पर गयी दोनो की आंखे मिली और जैसे दोनो एक दूजे को देखकर हस्तप्रद हो गए,,कुछ देर वहां एक सन्नाटा पसर गया दोनो की आंखों में आंसू थे।
“भाभी आप “
“भइया आप”

कलवा ने सुमन की ओर देखा और जाकर उसे अपने गले से लगा लिया,सभी उनको बस आंखे फाडे देख रहे थे,
“माँ ये सुशीला है,बजरंगी भइया की पत्नी और ये सुमन उनकी बेटी है,है भगवान कहा कहा नही ढूंढा मैंने आप लोगो को “
कलवा के आंखे भर गई थी वही सुमन की खुशी का कोई ठिकाना ही नही था ,जो हमेशा अपने को अकेला समझती थी आज उसे उसका असली परिवार मिल गया था,वो भी कलवा को जकड़ लेती है,
“चाचा आप मे चाचा हो”
“हा बेटी और ये तुम्हारी दादी है” कलवा सीता मौसी की ओर इशारा करता है ,सीता की आंखे खुशी से डबडबा रही थी उसने अपनी बांहे फैला दी और सुमन दौड़ कर उसके गले से लग गयी,सीता ने सुशीला को भी पास आने का इशारा किया वो भी उसके गले लग गयी,
“माँ आपका एक पोता भी है,आज वो नही आया” सुशीला ने सीता से कहा,सीता ने उसके उसके सर पर हाथ फेरा,
सभी के चहरे खुसी से खिले हुए थे,किशन ने फोन कर रानी और सोनल को भी ये बात बता दी,,,,,आज इस परिवार के लिए मानो त्योहार था ,
पर इन सबके खुशियों के बीच एक चेहरा उदास था वो थी चम्पा,,,कलवा को उसकी उदासी का कारण पता था,और चम्पा के दिमाग में बस एक ही बात गूंज रही थी,
‘सुमन बजरंगी की बेटी है’ उसका चेहरा एक अजीब से तनाव से लाल हो चुका था पर शायद उस दर्द को वो नही जताना चाहती थी इसलिए वो चुपके से अपने कमरे में चली गयी,,,….

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