You dont have javascript enabled! Please enable it! सौतेला बाप – Update 99 | Incest Sex Story - KamKatha
सौतेला बाप - Incest Sex Story

सौतेला बाप – Update 99 | Incest Sex Story

Update 99

कुछ ही देर में विक्की ने वहां की सारी चिकनाई चाट कर सूखा दी जैसा की रश्मि चाहती थी. और फिर उसने अपनी जीभ का रुख़ उसकी गांड के छेद की तरफ किया.
विक्की की जीभ को वहां दस्तक देता देख कर रश्मि चिहुंक उठी और उसके लंड चूसने की तेज़ी और बढ़ गयी. विक्की समझ गया की ये गांड का छेद उसका वीक पॉइंट है … उसने मन ही मन निश्चय कर लिया की वो आज उसकी गांड से ही शुरूवात करेगा. इसलिए उसने उसकी गांड के छेद की ऑयलिंग करनी शुरू कर दी अपनी जीभ से.
कुछ देर बाद उसने एक झटका दे कर रश्मि को बेड पर घोड़ी बना दिया और पीछे से अपना लंड लहरा कर उसकी चूत पर रगड़ने लगा, उसे सताने लगा, उसे तरसाने लगा.
”आआहह … साले कुत्ते … डाल दे अपना लंड … मेरे अंदर … क्यों तरसा रहा है हरामजादे?”
अपनी माँ को ऐसे एक लंड के लिए गालियां देते देख कर काव्या भी हैरान रह गयी … पर उसने खुद को अपनी माँ की जगह रख कर देखा तो समझ गयी की वो सही है. ऐसी हालत में अगर चूत के अंदर लंड ना जाए तो गालियां ही निकलती है. पर ऐसी गालियां देने में और सुनने में चुदाई करने वालों को मज़ा ही आता है, ये शायद काव्या नही जानती थी. पर अपनी अगली चुदाई के लिए उसने ये बात सीख ली थी.
विक्की तो था ही हरामी… वो बड़ी देर तक उसकी चूत के आगे अपने लंड को घिसता रहा… उसके अंदर से निकले रस को अपने लंड के अगले सिरे पर चोपड़ता रहा… और जैसे ही वो चिकना हो गया तो उसने बिना किसी वॉर्निंग के अपनी मिसाइल का रुख़ उसकी चूत के बदले गांड के छेद पर कर दिया. और एक ही झटके में उसका फौलादी लंड रश्मि की गांड के छेद को फैलाता हुआ उसके अंदर घुसता चला गया.
दर्द और मज़े के मिश्रण से रश्मि कराह उठी, ”ऊऊऊह साले … मादरचोद … पीछे क्यो डाला, हरामी … आहह … पहले बता तो देता.”
विक्की (झटके मारते हुए): “अगर बता देता तो ये मज़ा कैसे मिलता तुझे, कुतिया?”
वो भी गाली गलोच पर आ चुका था. पर रश्मि को इस वक़्त कुछ भी सुनाई नही दे रहा था. उसके कानों में तो बस विक्की के झटकों की थापें गूँज रही थी जो उसके मांसल चूतड़ों से टकरा कर निकल रही थी.
काव्या भी विक्की के इस कदम को देखकर हैरान रह गयी. और उससे भी ज़्यादा हैरान ये देख कर रह गयी की कैसे मक्खन में छुरी की तरह विक्की का लंड उसकी माँ की गांड के अंदर घुस गया था, एक ही बार में … पूरा का पूरा.
ये अगर उसके साथ होता तो शायद बाउंड्री पर ही लंड अटक जाता या फिर उसकी गांड को फाड़ देता. ये तो रश्मि ही थी जो इतनी आसानी से उसके लंड को गांड में झेल गयी.
और कुछ देर के झटके महसूस करने के बाद रश्मि को मज़ा मिलना शुरू हो गया… उसे तो अपनी गांड मरवाना शुरू से ही पसंद था. मज़े में भर कर वो नीचे लेट गयी. विक्की भी उसकी पीठ से चिपक कर उसके ऊपर लेट गया … पर ना तो उसने अपना लंड उसकी गाण्ड से बाहर निकाला और ना ही झटके मारना छोड़ा.
लंड की प्रतीक्षा कर रही रश्मि की चूत हर झटके से अपना रस बाहर की तरफ उगल रही थी जो बूंदे बन कर नीचे चादर को भिगो रहा था… और ये काव्या से सहन नही हुआ… वो इतने कीमती पानी को ऐसे वेस्ट होता नही देख सकती थी… आख़िर चूत से निकले पानी का कोई विकल्प भी तो नही है… इतने कीमती खजाने को ऐसे वेस्ट होता देखना उससे गंवारा नही हुआ और वो झुक कर अपनी माँ की चूत से वो पानी पीने लगी.
पीछे से रश्मि को विक्की के झटके पड़ रहे थे और आगे से काव्या उसकी चूत को चाट रही थी. ऐसा दोहरा हमला होता देख कर रश्मि आनंद से चिल्ला उठी, ”आआआअह विक्की … साले … क्या कर दिया ये तूने … आssssssह … उम्म्म्मम उई मां! क्या मज़ा आ रहा है… ओह काव्या … चूस बेटी… चूस अपनी माँ की चूत … आआआह मेरी बच्ची.”
और ऐसा करते हुए रश्मि ने महसूस किया की वो झड़ने वाली है. पर आज वो विक्की के लंड को अपनी चूत में महसूस करते हुए झड़ना चाहती थी. इसलिए उसने विक्की से गुज़ारिश की, ”विक्की प्लीज़ … अब मेरी चूत में लंड डाल दे … मेरी चूत में प्लीज़, विक्की … डाल ना साले … तेरा लंड घिस नहीं जाएगा!”
आख़िर के शब्द तो उसने जैसे अपने दाँत पीस कर कहे थे क्योंकि वो शायद जान गयी थी की विक्की तो ऐसे मस्ती में उसकी गाण्ड मारने में ही लगा रहेगा. विक्की भी समझ गया की आज वो रश्मि को नाराज़ कर देगा तो आगे के लिए उसका इस घर में आना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए उसने बात मानते हुए अपना लंड बाहर खींच लिया और रश्मि को बेड पर पीठ के बल लिटा दिया. धीरे-2 उसने अपना लंड उसकी चूत के अंदर धकेल दिया.
”आआह … अब सही है … अब जैसे तेरा मन करे चोद ले चोद ले … आआआह! ओ मां … शाबास विक्की … और कस के!”
पास ही खाली पड़ी हुई काव्या ऐसे ही बैठ कर उनका खेल नही देखना चाहती थी. वो भी उछल कर अपनी माँ पर सवार हो गयी… और अपनी भरी हुई गांड को विक्की की तरफ करते हुए अपनी चूत वाले हिस्से से अपनी माँ की चूत के उपरी भाग की घिसाई करने लगी…
निचले हिस्से में विक्की का लंड और उपर अपनी बेटी की गर्म चूत. ऐसा कॉम्बिनेशन पा कर तो रश्मि धन्य हो गयी … वो उछल-2 कर विक्की के लंड को अंदर लेने लगी… उछल वो इसलिए रही थी ताकि वो काव्या की चूत की रगडाई को ज़्यादा ज़ोर से अपनी चूत पर महसूस कर सके… और काव्या भी अपनी मखमली गांड को पीछे करते हुए उसके एहसास से विक्की को और उकसा रही थी.
विक्की के लिए तो एक पंथ दो काज वाली बात थी… वो धक्के तो रश्मि की चूत में मार रहा था पर काव्या के झटके से उसे ये महसूस हो रहा था जैसे वो उसकी गाण्ड मार रहा है.
और ऐसा करते-2 वो कब झड़ने के करीब पहुँच गया वो भी नही जान सका. उसे तो तब पता चला जब उसके लंड की नसों में उसे लावा आगे बढ़ता हुआ महसूस हुआ जो उसके लंड से निकल कर रश्मि की चूत में जाने वाला था.
रश्मि ने भी लंड की गर्मी को महसूस किया और वो झनझनाती हुई झड़ने लगी … और झड़ते हुए वो किसी ऐसी बावली कुतिया की तरह चीखे मार रही थी जिसे एक साथ 10 कुत्ते मिल कर चोद रहे हो, ”आआआह विक्की … उम्म्म्मम मज़ा आ गया … साले … आह … अब निकाल दे … मेरे मुंह में निकाल अपना रस … आ जा … आआआह … उम्म्म्ममममम!”
विक्की ने अपना लंड बाहर निकाल लिया. रश्मि एक झटके से उठ कर बैठ गयी. विक्की ने अपना लम्बा लंड उसके चेहरे के सामने तान कर झड़ना शुरू कर दिया और देखते ही देखते अपने गाड़े सफ़ेद रस से उसके चेहरे को ढक दिया.
रश्मि ने ऐसी चुदाई का आनंद कई सालों से नही लिया था. आख़िर एक जवान लंड की चुदाई में जो मज़ा है उसकी तुलना वो अपनी उम्र के मर्दों से नही कर सकती थी. उसने ठान लिया कि अब ये मज़ा वो रेगुलरली लिया करेगी … आने वाले दिनों में होने वाली चुदाई की कल्पना करते हुए वो कब सो गयी उसे भी पता नही चला.
उसकी देखा देखी विक्की और काव्या भी वही सो गये. विक्की के लंड में तो वीर्य की एक बूँद भी नही बची थी. उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसका सारा खून भी निचोड़ लिया है इन माँ-बेटियों ने. अपने घर की चिंता भुला कर वो भी गहरी नींद में सो गया.
रश्मि की नींद उसके मोबाइल की बेल से खुली… समीर का फोन था… उसने टाइम देखा रात के 10 बजने वाले थे.
उसने फोन उठाया.
समीर: “हैल्लो माय डार्लिंग, क्या कर रही हो जानेमन?”
रश्मि : “उम्म्म… बस जी… आपका इंतजार कर रही हूँ.”
उसने अपनी चूत को मसलते हुए कहा, जो अभी तक चिपचिपा रही थी..
समीर काफ़ी मस्ती के मूड में लग रहा था… और लगता भी क्यों नही, इस वक़्त वो अपने ऑफीस से घर की तरफ आ रहा था. उसकी सेक्रेटरी रोज़ी उसकी बगल में बैठ कर उसके लंड को मसल रही थी. उसका दोस्त लोकेश इस वक़्त गाड़ी चला रहा था जो समीर के साथ ही सुबह से उसके ऑफीस में में था, होली के प्रोग्राम में. दोनो मिल कर रोज़ी की चूत को बुरी तरह से पेल चुके थे.
अब समीर उसे ले कर अपने घर जा रहा था क्योंकि पिछले कुछ दिनों में उसके घर के हालात जिस तरह से बदले थे, उसके बाद उसके मन में एक भयंकर सामूहिक चुदाई की कल्पना चल रही थी. अपनी बीबी के अलावा अपनी बेटी काव्या को भी वो चोद चुका था और उसका दोस्त लोकेश उसकी बीबी की चूत बजा चुका था. अब समीर चाहता था की इस खेल को अगले चरण तक ले जाया जाए, जिसमें सभी मिल कर एक ही बिस्तर पर जिसे चाहे चोदे और एक दूसरे के साथ मस्ती करे.
ऑफीस में पीने का अरेंजमेंट भी था, इसलिए रोज़ी ने भी काफ़ी शराब पी और उसके बाद जब उसने समीर के केबिन में चुदाई करवाई तो समीर ने उसे भी साथ ले जाने की सोची… क्योंकि वो उनके बीच तड़के जैसा काम करने वाली थी… ऐसी झक्कास लड़की को अपने घर ले जाकर अपनी बीबी और बेटी के सामने चोदना कोई मामूली बात नही थी और ऐसी हिम्मत सिर्फ़ पीने के बाद ही आ सकती है. और इसीलिए रोज़ी उनके साथ समीर के घर जा रही थी.
समीर और रश्मि फोन पर बाते कर रहे थे और रोज़ी अपना सेक्रेटरी-धर्म निभा रही थी, अपने बॉस का लंड मसलते हुए.
समीर: “बस, अब तुम्हारा इंतजार ख़त्म हुआ डार्लिंग… आ रहा हू मैं … अब हम सब मिल कर होली मनाएँगे.”
रश्मि: “हम सब? और कौन आ रहा है?”
समीर (हंसते हुए): “लोकेश है मेरे साथ … और हाँ, कोई और भी है.”
रश्मि की उत्सुकता बढ़ने लगी. वो बोली: “और कौन है? किसे ला रहे हो आप अपने साथ?”
उसकी चूत की फड़कन एकदम से बढ़ने लगी … ये सोच कर की शायद एक नया लंड आ रहा है उसकी सेवा करने के लिए.
समीर: “इतनी उतावली मत बनो, डार्लिंग. जब घर आऊंगा तो देख लेना.”
रश्मि: “ओके … मत बताओ … वैसे यहाँ भी मेरे और काव्या के अलावा कोई और है जो आज की मस्ती में शामिल हो सकता है.”
रश्मि ने उसी सस्पेंस वाली टोन में समीर से कहा, जैसे उसने कहा था.
अब समीर के लंड में भी एक अलग तरीके का तनाव आ गया… वो सोचने लगा की शायद कोई नया माल आया है घर में. शायद रश्मि की कोई सहेली या रिश्तेदार… या फिर काव्या की कोई सहेली.
दोनों अपने-2 दिमाग़ मे अपने से विपरीत लिंग वाले के बारे में सोच रहे थे पर दोनो ही नही जानते थे की उन्हे क्या देखने को मिलेगा.

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