You dont have javascript enabled! Please enable it! लंड के कारनामे - फॅमिली सागा - Update 33 - KamKatha
लंड के कारनामे - फॅमिली सागा - Incest Sex Story

लंड के कारनामे – फॅमिली सागा – Update 33

“ठीक है…अब खुश हो..” आरती ने कहा.
“हाँ बिलकुल…मैंने मुस्कुराते हुए कहा…, पर मैं तुम्हे कुछ दिखाना भी चाहता हूँ” मैंने अपनी योजना के आधार पर उन्हें कहा.
“अभी…? तुम्हे नहीं लगता की मुझे कुछ कपडे पहन लेने चाहिए…और तुम्हे भी” उन्होंने अपनी नशीली ऑंखें मेरी आँखों में डालकर कहा.
“इसमें सिर्फ दो मिनट लगेंगे…., आपको हमारे रूम में चलना होगा” मैंने कहा.
“चलो फिर जल्दी करो….देखू तो सही तुम मुझे क्या दिखाना चाहते हो” चाची ने कहा और दरवाजा खोलकर मेरे साथ चल दी…नंगी.
मैंने अपने रूम का दरवाजा खोला और अन्दर आ गया, ऋतू का चेहरा देखते ही बनता था, जब उसने चाची को मेरे पीछे अपने रूम में घुसते हुए देखा, वो भी बिलकुल नंगी, ऋतू उस समय बेड पर लेटी अपनी चूत में उंगलियाँ डालकर मुठ मार रही थी.
“चाची मुझे बाथरूम में मिली थी, मैं इन्हें कुछ दिखने के लिए लाया हूँ” मैंने ऋतू से कहा.
चाची भी ऋतू को नंगी बिस्तर पर लेटी देखकर हैरान रह गयी.
मैं जल्दी से शीशे वाली जगह पर गया और बोला “आप इधर आओ चाची…ये देखो ”
वो झिझकते हुए आगे आई, वो समझ तो गयी थी की मैं उन्हें क्या दिखने वाला हूँ, जब उन्होंने अन्दर देखा तो पाया की मम्मी ने चाचू का लंड मुंह में ले रखा है और चूस रही है, पीछे से पापा उनकी चूत मार रहे हैं.
“तो तुम लोग हमारी जासूसी कर रहे थे, हमें ये सब करते हुए देख रहे थे. इसका क्या मतलब है, ऐसा क्यों कर रहे थे तुम ” उन्होंने थोडा कठोर होते हुए कहा.
“मुझे लगा आपको अच्छा लगेगा की आपकी कोई औडिएंस है, इससे आपको अक्साईटेमेंट आएगी” मैंने कहा.
“अब से हम तुम्हारे परेंट्स का रूम युस करेंगे..” उन्होंने कहा.
“फिर तो मैं उन्हें बता दूंगा की आप बाथरूम में आई और मुझे शीशे वाली जगह दिखाई और हमें अन्दर देखने के लिए कहा.” मैंने उन्हें ब्लैक्मेल किया.
चाची का मुंह तो खुला का खुला रह गया मेरी इस धमकी से, उन्होंने हैरानी से ऋतू की तरफ देखा, जो अब उठ कर बैठ गयी थी, पर वो भी उतनी ही हैरान थी जितनी की चाची.
“तुम क्या चाहते हो आशु…”उन्होंने थोडा नरम होते हुए कहा.
“मैं भी कुछ खेल खेलना चाहता हूँ” मैंने कहा और आगे बढकर चाची के मोटे चुचे पर हाथ रख दिया और उनके निप्पल को दबा दिया.
“आआउच …वो बिदकी..और बोली “तुम्हे ऐसा क्यों लगता है की इसनी छोटी सी उम्र में तुम ये खेल खेलने के लिए तैयार हो” चाची ने गंभीरता से कहा.
“मुझे ये इस की वजह से लगता है ” और मैंने अपना जॉकी नीचे गिरा दिया और अपना पूरा खड़ा हुआ मोटा लंड उनके हाथों में दे दिया.
“तुम्हारी उम्र के हिसाब से तो ये काफी बड़ा है…” उन्होंने मेरे लंड से बिना हाथ और नजरें हटाये हुए कहा, वो जैसे मेरे लंड को देखकर सम्मोहित सी हो गयी थी.
“मेरा लंड चुसो….” मैंने उन्हें आर्डर सा दिया.
“पर ऋतू…वो भी तो है यहाँ..” उन्होंने झिझकते हुए कहा.
“आप उसकी चिंता न करी, वो ये सब होते हुए देखेगी..और उसके बाद आप उसकी चूत को भी चाट देना..वो शायद आपको भी पसंद आएगी” मैंने कुटिल मुस्कान बिखेरते हुए कहा.
मैंने चाची को घुमा कर बेड की तरफ धकेल दिया, बेड के पास पहुँच कर मैंने उन्हें धीरे से किनारे पर बिठा दिया, मेरा खड़ा हुआ लोडा उनकी आँखों के सामने था , उन्होंने ऋतू की तरफ देखा, वो भी काफी अक्साईटेड हो चुकी थी ये सब देखकर, और उछल कर वो भी सामने आ कर बैठ गयी, फिर उन्होंने मेरा लंड पकड़ा और धीरे से अपनी जीभ मेरे लंड के सुपाडे पर फिराई. और फिर पुरे लंड पर अपनी जीभ को फिराते हुए उन्होंने एक-२ इंच करके किसी अजगर की तरह मेरा लंड निगल लिया.

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