You dont have javascript enabled! Please enable it! My Life @Jindgi Ek Safar Begana – Update 140 - KamKatha
My Life @Jindgi Ek Safar Begana - Incest Story

My Life @Jindgi Ek Safar Begana – Update 140

Update 140

मेरे पास बैठकर उसने मेरे बदन पर हाथ फिराया…ड्रग के असर की वजह से मुझे उसका हाथ लगाना अच्छा भी लगा,

लेकिन थोड़ा सा होश अभी वाकि था, सो उसके टच करते ही मे उठकर बैठ गयी, और घर जाने के लिए खड़ी हुई…

तभी उसने मेरा हाथ थामा, और एक झटके के साथ मुझे अपने उपर खींच लिया, मे सीधी उसकी गोद में जाकर गिरी…!

उसने मुझे अपनी बाहों में जकड लिया, मे कुछ देर उसकी बाहों से निकलने के लिए मचलती रही, लेकिन उसकी मजबूत पकड़ के आगे बेबस थी…

धीरे-2 उसके हाथ मेरे बदन पर चलने लगे, ड्रग के प्रभाव से कुछ ही देर में मेरा प्रतिरोध ख़तम हो गया और मैने अपने आप को उसके हवाले कर दिया…

मे जो भी कर रही थी, उसका मुझे कोई इल्म नही था…मे अपने होसो-हवास खोती जा रही थी…

मुझे यहाँ तक आभास हुआ कि वो मेरे उपर चढ़ रहा है, फिर उसके बाद क्या हुआ मुझे पता नही….

इतना बोलकर शाकीना फफक-फफक कर रो पड़ी, मैने उसके कंधे को सहला कर उसे शांत करने की कोशिश की…

शाकीना रोते हुए बोली – मुझे मुआफ़ कर देना मेरे सरताज, मे अपना वादा निभा ना सकी, अपने आप को नही बचा सकी…

मैने उसे समझाया – जान ! तुम्हें दुखी होने की या सफाई देने की कोई ज़रूरत नही है…, ये जो भी हुआ तुम्हारी बेबसी में हुआ…

बस अभी थोड़ा शांत रहो और मुझे ड्राइविंग पर फोकस करने दो…

जब मैने उसे उस बारे में बोलने से मना कर दिया तो फिर उसने पुछा – लेकिन अब हम जा कहाँ रहे हैं..?

मे – हिन्दुस्तान.. अब हम पाकिस्तान में नही रह सकते..!

वो- क्क्याअ..??? लेकिन क्यों..? क्यों नही रह सकते हम यहाँ..?

मे – क्योंकि मैने खालिद को मार डाला है.. अब उसके आदमी शिकारी कुत्तों की तरह हमारे पीछे पड़ जाएँगे, और कहीं से भी ढूंड निकालेंगे,

ये पता लगाने में तो उन्हें वक़्त भी नही लगेगा कि वो तुम्हारी वजह से मारा गया है..

अब हमें किसी भी तरह सुबह होने से पहले-2 ये मुल्क हर हालत में छोड़ना ही पड़ेगा.

कुछ देर तक वो सकते की हालत में बैठी रही फिर कुछ सोच कर बोली – लेकिन आपने उसे मारा क्यों..?

मे – क्योंकि उसने तुम्हारे साथ जो वहशियाना हरकत की, तो उसे देख कर मे अपने आप को रोक नही पाया, मुझे उसे मारना ही पड़ा.. और दूसरा कोई चारा भी नही बचा था मेरे पास..
बिना उसे ख़तम किए हमारा वहाँ से निकलना नामुमकिन था…

वो एकटक मुझे देखती रही, फिर अपने बाजुओं को मेरे गले में लपेटकर सूबकते हुए बोली – इतना प्यार करते हैं मुझे….!

मे – तुम भी तो करती हो ना ! मेरे एक इशारे पर बिना सोचे समझे तुमने अपने आप को मौत के मुँह में डाल दिया…!

वो एकदम मेरे शरीर से लिपट गयी और बोली – आइ लव यू जान..

मे – आइ लव यू टू.. डार्लिंग, अब देखो थोड़ा मुझे ड्राइविंग ध्यान से करने दो वरना हम कही टकरा जाएँगे,

आगे अंधेरा है, जंगल का इलाक़ा है.

मेरी बात समझ कर वो नॉर्मली मेरे कंधे से सर टिका कर बैठ गयी और अपना अगला सवाल किया – लेकिन मेरी अम्मी और बाजी का क्या होगा..?

उनके बारे में किसी को कुछ पता नही है, क्या तुमने अपने ऑफीस में किसी को बताया है..?

वो – नही..! लेकिन वो फिक्रमन्द तो होंगी..

मे – चिंता मत करो उन तक खबर पहुँचवा दूँगा, मेरा जबाब सुनकर वो कुछ अस्वस्त हुई और अपनी आखे बंद करके बैठ गयी..

जीप की स्पीड तेज होने की वजह से बातों-2 में रास्ते और समय का पता ही नही चला और हम 4:30पीएम को झेलम के किनारे तक पहुँच गये..

मैने जीप को झाड़ियों में छिपा दिया, शाकीना का हाथ पकड़ कर नदी के किनारे ले आया, और छिप्ते छिपते हम बॉर्डर तक आ गये..

अब हमारे सामने सबसे बड़ा सवाल था बॉर्डर से नदी पार करना, जो कतयि आसान काम नही था.

मुझे ज़्यादा फिकर पाकिस्तान साइड से नही थी, वो तो मस्ती से पड़े सोते रहते होंगे, क्योंकि उन्हें किसी के आने जाने से कोई फरक नही पड़ना था,

कोई इधर से जाए या उधर से आए, दोनो ही सूरत में हिन्दुस्तान को ही नुकसान पहुँचाने वाले होंगे.

लेकिन जब हम हिन्दुस्तान की ज़मीन पर कदम रखेंगे, तो हालत संभालना थोड़ा मुश्किल होगा, अगर कहीं बीएसएफ ने हमें देखते ही गोली चला दी तो…?

लेकिन जाना तो था ही और वो भी रात के अंधेरे में, मैने सोचा चलो एक बार और एनएसए को कॉल करके देखते हैं..

मे टाय्लेट के बहाने थोड़ा सा झाड़ियों के पीछे तक गया और ट्रांसमीटर निकाल कर कॉल ट्राइ किया.

दो तीन बार की कोशिश के बाद कॉल पिक कर ली गयी, मैने उन्हें परिस्थिति से अवगत कराया,

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