स्मृति का फेस बूब्स, आस, और खास कर –लंड वाली बात सुनकर बिल्कुल रेड हो गया.
उसकी सासे तेज चलने लगी, उसकी चूचियाँ बार बार उपर नीचे हो रही थी.
उसका दिल कर रहा था कि वो चॅट वही क्लोज़ कर दे लेकिन वो ऐसा कर नही पा रही थी.
पता नही उसे क्या हो रहा था. उसने फिर टाइप करना शुरू किया.
स्मृति – तुम ये गंदी बाते मुझसे कैसे बोल सकते हो.
लाइयन – डोंट माइंड स्मृति लेकिन ये गंदी बाते मे बोल नही रहा हू, लिख रहा हू
और इससे हमारी ज़ुबान भी गंदी नही होगी. और मे वो ही सब तुम्हे बता रहा हू जो मेरे साथ होता है.
स्मृति ने बड़ी हिम्मत करके टाइप किया.
स्मृति – लेकिन वो लड़किया तुम्हारे उसके बारे मे क्यू पूछती है.
लाइयन – उसके किसके बारे मे?
स्मृति – वो ही तुमने टाइप किया था ना पहले की मेरे उसके बारे मे.
लाइयन- ओके, उसके किसके मेरे लंड के बारे मे.
स्मृति का तो पसीना ही छूट गया. ऐसा पहली बार हो रहा था
उसके साथ. वो उठी और पानी पीने लगी.
उसका दिल बहुत तेज धड़क रहा था. उसका पसीना फेस पर से होता हुआ ठीक उसकी गर्दन
और फिर उसके बूब्स पे जा रहा था.
एक ही झटके मे वो बहुत सारा पानी पी गयी.
बड़ी हिम्मत करके उसने फिर से टाइप करना शुरू किया.
स्मृति – प्लीज़ ऐसी बाते मत लिखो.
लाइयन – स्मृति ग्रो अप यार. इतना तो चलता है, तुम कोई नाज़ुक कली तो हो नही.
एक कंप्लीट लेडी हो जिसने दबा के लंड लिया है. लिया है या नही?
स्मिरिटी – हाँ लिया तो है.
स्मृति को पता नही क्या हो गया था और उसने जैसे ब्लाइंड बन कर वो सब टाइप कर दिया.
लाइयन – तो फिर क्या टेन्षन है. बी ओपन विद मी. मुझ पे तुम ट्रस्ट कर सकती हो. आइ कॅन बी युवर सीक्रेट फ्रेंड.
स्मृति – मुझे किसी सीक्रेट फ्रेंड की ज़रूरत नही है.
लाइयन – हर लड़की को होती है. हज़्बेंड्स से बात नही बनती आज कल, हर किसी ने किसी ना किसी को बना रखा है.
स्मृति – किस लिए बना रखा है?
लाइयन- फॉर फिज़िकल नीड्स
स्मृति – मेरी कोई फिज़िकल नीड नही है. मेरे हज़्बेंड मेरे लिए काफ़ी है.
लाइयन – मेरी जान अगर ये बात सच है तो एक बार अपनी अपनी चूत पे हाथ लगा के बता कि वो गीली है या नही.
स्मृति को तो जैसे चक्कर आ गये ये बात सुनकर. उसकी बॉडी अब उसके कंट्रोल मे नही थी, उसका हाथ ऑटोमॅटिक ही अपने ट्राउज़र से होता हुआ अपनी पैंटी तक पहुँच गया.
वो शॉक्ड हो रही थी कि कैसे ये ट्रिपल ऐक्स_लाइयन सारी सिचुयेशन जानता है.
उसका हाथ उसकी वेजाइना के रस से भर गया.
वो उस टाइम बहुत पानी छोड़ रही थी.
उसे समझ नही आ रहा था कि चॅट कंटिन्यू करे या रहने दे.
बड़ी हिम्मत करके उसने अपने आप को लोग ऑफ कर दिया
लेकिन उसके दिल को शांति नही मिली थी. आँखे बंद करके वो लेट गयी.
” आरू, आरू”. पंकज ने आवाज़ सुनी जो बाहर से आ रही थी.
हॉल मे बैठ कर वो चाइ पी रहा था. ये आवाज़ सिमरन की थी.
तभी उसकी एंट्री घर के अंदर हो जाती है,
दर असल वो आराधना को कॉलेज के लिए बुलाने आई थी.
पंकज उसको देख कर शॉक्ड रह गया,
उसने वाइट स्लीवेलेस्स टॉप, जीन्स शॉर्ट पहना हुआ था
जो उसकी थाइट्स तक था. एक सेक्सी गॉडेस लग रही थी वो.
लाइट मेक अप किया हुआ था जिसमे उसकी थ्रीडिंग और लिप्स और भी सेक्सी लग रहे थे.
सिमरन- “गुड मॉर्निंग अंकल. आराधना है यहाँ पे.”
पंकज – “हाँ वो उपर है और अभी आ रही है.” पंकज उसे उपर से नीचे तक देखता हुआ बोला.
सिमरन – ” और बताएए कि लाइफ कैसी चल रही है, आंटी कहाँ है”.
पंकज- ” बहुत ही बुरी लाइफ चल रही है”. पंकज अपने कॉक पे हाथ फिराता हुआ सिमरन की ओर देखते हुए बोलता है.
सिमरन – ” ऊप्स ख्याल रखिए आप अपना”. उसे पंकज की इस हरकत पे हँसी आ गयी.
पंकज -” मेरा दिल कर रहा है कि मे भी पढ़ाना शुरू कर दू, और मुझे लगता है कि तुमसे बेहतर स्टूडेंट नही मिलेगी मुझे”. पंकज ने अपना हाथ फिर से अपने कॉक पे फिराते हुए और सिमरन के बूब्स को घूरते हुए कहा. वो डबल मीनिंग बाते कर रहा था.
सिमरन -” आराधना के बारे मे आपका क्या ख्याल है. कसम से कह रही हू ऐसी स्टूडेंट पूरे वर्ल्ड मे नही मिलेगी और घर के घर मे ही मिल जाएगी”. सिमरन मे हंसते हुए कहा. पंकज का जोश इससे भी कम नही हुआ.
पंकज-” जो बात तुम जैसे स्टूडेंट मे है वो कहीं और कहाँ. तुम इरादा बनाओ, पूरे मन से पढ़ाउंगा”. पंकज फिर से उसके जुवैसी लिप्स को देखते हुए बोला.
सिमरन – ” सॉरी अंकल, मेने अपना टीचर ढूंड लिया है. हाँ अगर आपका पढ़ने का इतना ही मूड है तो मे आराधना से बात करू.”. सिमरन ने आँख मारते हुए पंकज से कहा.
तभी आराधना उपर से नीचे आने लगती है.
आराधना ” क्या बाते कर हो दोनो आपस मे”.
सिमरन- ” हाई आरू, यू नो युवर डॅड वांट्स टू टीच मी”.
आराधना – ” व्हाट?”
पंकज- ” नतिंग बेटा, मे तो ऐसे ही मज़ाक कर रहा था”. पंकज ने बात टालते हुए कहा.
सिमरन-” सी यू अंकल, बाइ”.
आराधना- ” बाइ डॅड”
पंकज -” बाइ बेटा”.
फिर वो दोनो बाहर जाने लगे. बाहर निकलने से पहले सिमरन एक बार पीछे मूडी और हंस कर पंकज से कहा
सिमरन- ” आइ विल थिंक आंड लेट यू नो ऑन युवर प्रपोज़ल”. पंकज के खुशी का ठिकाना नही
आराधना और सिमरन कॉलेज जाने के लिए घर से बाहर आ जाती है.
सिमरन की न्यू कार होंडा आराधना के घर के बाहर ही खड़ी थी
जो हाल मे ही सिमरन के फादर ने उसे बर्तडे गिफ्ट दी थी.
सिमरन डोर खोलती है और अंदर बैठती है, फिर सीट बेल्ट लगाती है
और कार स्टार्ट करती है.
दूसरी साइड से आराधना भी डोर ओपन करके बैठ जाती है.
सिमरन कार का एसी ऑन करती है और
ड्रॉयर से सिगरेट का बॉक्स निकाल कर एक सिगेरेट अपने लिए निकालती है.
और एक सिगेरेट आराधना को भी ऑफर करती है.
आराधना -” तू जानती है ना कि मे स्मोकिंग नही करती”. आराधना ने गुस्से मे रिप्लाइ किया.
सिमरन- ” ओके, ओके लेकिन गुस्सा क्यू हो रही है.
तू नही करती बट आइ लाइक स्मोकिंग.
लेकिन बता ना कि तेरा मूड क्यू ऑफ है”.
आराधना -” तू ऐसे कपड़े पहन कर घर क्यू आती है”.
सिमरन -” तो क्या बुर्क़ा पहन कर आउ?”
आराधना- ” तुझे पता है कि ना की मेरे घर मे जवान भाई है और मेरे डॅडी भी है.
तुझे ऐसे कपड़े पहन कर नही आना चाहिए.”
सिमरन – ” मुझे तो लगता है कि तेरे डॅडी को मेरे कपड़े पसंद आए,
भाई को भी बुला कर दिखा दे उसका भी रेयेक्सन देख लेते है”.
आराधना- ” मेरे डॅडी को ऐसे कपड़ो मे कभी लड़किया पसंद नही आती.”
सिमरन-” मेरी जान ये जितने भी शरीफ डॅडी होते है ना, मौका मिलते ही चौका मार देते है.
हा हा हा हा”. आराधना को सिमरन की इस बात पेर गुस्सा आ जाता है
और कार का गेट खोलने की कोशिश करने लगती है.
तभी सिमरन सारे डोर लॉक कर देती है.
सिमरन- ” सॉरी स्वीटी, चल अब कॉलेज चलते है. गुस्सा थूक दे”.
सिगेरेट फेंकने के बाद सिमरन गाड़ी कॉलेज की तरफ बढ़ा देती है.
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प्रीति अब तक सोकर उठ चुकी है और उठते ही उसे बेड टी चाहिए.
स्मृति उसके लिए बेड टी लेकर उसके रूम मे जाती है,
उसके सिल्की बालो मे हाथ फिरते हुए जगाती है.
प्रीति उठ कर पीठ के बल बैठ जाती है.
उसके बाद स्मृति नीचे चली जाती है.
चाइ की एक दो चुस्की लेने के बाद, उसकी नींद थोड़ी सी खुलती है और
उसे महसूस होता है कि फर्स्ट फ्लोर की गॅलरी पे कुच्छ धम्म धम्म जैसा साउंड हो रहा है.
वो आँखो को थोड़ा और खोलती है तो देखती है कि
कुशल फर्स्ट फ्लोर गॅलरी मे एक्सर्साइज़ कर रहा है.
उसने बस एक शॉर्ट पहना हुआ है और कुच्छ नही. चेस्ट पूरी पसीने मे लथ पथ थी.
वो जैसे कूद रहा था, उसका वो पार्ट भी ऐसे ही कूद रहा था.
प्रीति की निगाहे जैसे ही वहाँ पड़ती है
उसके हाथ से चाइ का कप छूट ही जाता बस बच गया पता नही कैसे.
स्ट्रॉंग बाइसेप्स, मस्क्युलर बॉडी और शॉर्ट मे एक्सर्साइज़ करते हुए
उसे देख कर प्रीति की तो नींद ही उड़ गयी.
उसे कल का इन्सिडेंट याद आ गया जब कुशल ने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया था.
गुस्सा भी आ रहा था और दिल मे एक हलचल भी हो रही थी. वो चाइ का कप हाथ मे लिए बाहर जाती है.
प्रीति – ” गुड मॉर्निंग ब्रो”.
कुशल – ” हे भगवान, मेरी बहन की तबीयत तो ठीक है जो इतने प्यार से गुड मॉर्निंग बोल रही है”
प्रीति – “चल अपना गुड मॉर्निंग वापिस लेती हू. वैसे कल तू सही कह रहा था कि
तेरे पास कपड़ो की कमी है”. प्रीति कुशल की चेस्ट की तरफ देखती हुई बोलती है.
कुशल – ” जो ढका होना चाहिए वो ढका हुआ है, फिर तुझे क्यू लगता है कि मेरे पे कपड़ो की कमी है”.
प्रीति -” क्या ढका होना चाहिए”.
कुशल-” बताउ या दिखाऊ”