You dont have javascript enabled! Please enable it! पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Update 31 - KamKatha
पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी - Erotic Incest Story

पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Update 31

Update – 31 rohit and khalifa…

तनु कहती है अरे कुछ नही हुआ अंजू समझो यार वो शादी सौदा लड़की है अगर शादी सुदा लड़की हापे और कापे ना तो मतलब वो शादी शुदा नही।

ये सुन कर साक्षी जो सो रही थी वो हसने लगती है।
फिर अंजली वीर को तिरछी नजर से देखती है और वीर घबरा जाता है।

अब आगे ——–

अमेरिका की एक बहुत बड़ी बिल्डिंग में रचना खड़ी थी, जो चाय पीते हुए किसी से बात कर रही थी।

लड़का – मैम हमने अमेरिका मैं अपने आदमी लगा दिए, आपके कहे अनुसार और उधर से रोहित सर के मुताबिक़ सारा काम देखा जा रहा है।

रचना – काम की बात पर आओ , सीधे।

लड़का – मैम खलीफा के साथ हमेशा उसका राइट हैंड रहता है, लेकिन वो कौन है किसी को नही पता लेकिन जब भी कुछ काम होता है या खलीफा बुरा फस जाता है, तो वो आदमी ही खलीफा को निकलता है उसका दिमाग नेक्स्ट लेवल पर है कोई नही जानता , वो कौन है , क्या है बस खलीफा ही उसके बारे मैं जानता है।

रचना – अगर खलीफा पूरे यूरोप को कंट्रोल कर रहा है तो उसके ऊपर किसी बड़े कंट्री का सपोर्ट तो होगा।

लड़का – हा हैं, लेकिन किसका ये नही पता लेकिन कुछ गुप्त सूत्रों की माने तो उसके ऊपर यूएसए का कंट्रोल है , वही कुछ लोकल गैंग्स मानती है की यूएसए की मदद खुद छिपे हुआ तरीके से खलीफा करता है।

रचना – केवल एयरवेज से खलीफा के पैसे नही आ सकते, लेकिन खलीफा बहुत से राज छुपा रहा है।

लड़का – शायद तुम तुम भूल रही हो तुम कहा हो ये खलीफा की जगह है उसकी मर्जी के बिना पत्ता भी नही हिलता, उसके पास हर चीज पर उसकी नज़र रहती है।

रचना – इंतजार सबसे बड़ी चीज़ होती है और अब तुम जाओ।

उसके जाते ही रचना अपना फोन निकलती है, और किसी को कॉल मिलाती है।

रचना कॉल पर ,” हेलो डैड”

रोहित – हा रचू

रचना – बहुत अजीब है डैड, मैने पता किया और ये बहुत ही स्ट्रेंज है पूरे यूरोप और गल्फ कंट्री पर खलीफा की एयरवेज है लेकिन खलीफा का केवल इतना ही बिजनेस नही हो सकता।

रोहित – ही ही ही मेरी बेटी बस तुम उसका विश्वास जीतो और किसी तरह खलीफा को बहुत बड़ा प्रॉफिट देने की कोशिश करो जिससे खलीफा का माइंड डिरवर्ट हो और तुम धीरे धीरे समझती जाओगी , और तुम्हारे लिए मैं इंटरनेशन दबाव बनाता हूं बाकी तुम बस इन्फोमेशन निकलो बाकी का काम मैं देखे लूंगा।

रचना फोन काटने के बाद कहती है, तुम्हे हमारे साथ नही खेलना था खलीफा , तुम्हे ये बहुत महंगा पड़ेगा।

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इधर एक बहुत बड़ी building जहा हर तरह हतियार समेत आदमी खड़े थे , और अंदर मीटिंग चल रही थी ये मीटिंग कोई और नही अमेरिका के डिफेंस मिनिस्टर हैंडल कर रहे है।

पूरे हॉल में बस हल्ला हो रहा था , तभी एक आदमी की जोर से चिल्लाने की आवाज से हर कोई चुप हो जाता है और वो कहता है ” बहुत से एशियन माफिया और रसियन माफिया अमेरिका के आस पास नज़र आ रहे है हमे पूरा चोकना रहना पड़ेगा।

तभी एक लड़का कहता है लेकिन सर रसियन और एशियन माफिया तो रोहित के लिए काम करते है, तो क्या ये रोहित की कोई सोची समझी साजिश है, और हम रोहित को हल्के में नही ले सकते।

“क्या हमे एक बार और खलीफा से बात करनी चहिए”

वही रोहित और खलिफा के नाम सामने आते ही पूरा हॉल चुप हो गया और बस घड़ी की सुई की टिक टिक की आवाज आ रही थी।

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तुम करना क्या चाहते हो , सीधा उसके करीब और उसके प्लेन को तोड़वाओ , खलीफा को उससे बहुत नुकसान होगा” ये आवाज़ रोहित के राइट हैंड जॉन की थी जो रसियन माफिया था , जिसका नाम पूरे अंडरवर्ल्ड मैं खुल्यात था , जो पूरा रसियन सभलता है।

रोहित – उससे उसे नुकसान होगा वो रुकेगा नही , खलीफा झुकेगा , रुकेगा नही , उसे तोड़ना है सचेत नही करना, तुम रसियन माफिया को रचना के आस पास फैला दो, और लियो को तैयार करो मिलने बुलाओ।

जॉन – क्या उसे बुलाना जरूरी है।

रोहित – हा और उसे न्यूक्लीयर तैयार रखने को बोलो।

रोहित – और बिना मेरे से पूछे कोई स्टेप नही लेगा , लियो के अंडर पूरा चाइना है उसे जल्दी बुलाओ, हमारा सामना किसी अहरे गहरे से नही हो रहा गल्फ कंट्री के बादशाह खलीफा से हो रहा, जिसके बारे मैं किसी को कुछ नही पता।

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इधर इन सब से दूर वीर जैसे ही कमरे में घुसता है अंजली उसे घूर कर देखती है और अनु बस चुप चाप करवट ले कर लेट जाती है उसके होठ अभी भी वीर के एहसाह से कप रहे थे।

आज पहली बार उसे किसी ने प्यार का एहसाह जताया वो अनु जो सबको चिल्ला देती आज उसे किसी ने चुप करा दिया ये सोच कर वो वीर को चुपके से देखती है और कहती है उल्लू कही के हिम्मत तो देखो कोई देख लेता तो

तभी वीर अंजली के बाजू आ जाता है, और उससे धीरे से कहता है “ऐसे क्यो घुर रही हो हमे”

अंजली – पक्के बेशर्म हो तुम।

वीर – अच्छा जी और वो कैसे मैने क्या किया।

अंजली – हा हा मुझे तो दिखाई नही पड़ता ना कुछ 🤦 सुबह से देख रही हूं।

वीर – क्या देख रही हो?

अंजली – मैं पहले ही बता रही मुझे ये बेशर्मी पसंद नही समझे और अगर मेरा पास भी आए तो जान ले लुंगी तुम्हारी।

तभी वीर उसके गाल नोच लेता है और कहता है तुम बहुत अच्छी हो।

तभी अंजलि उसे घूर कर देखती है अगर तनु ना होती तो वीर को दौड़ा कर मारती।

अंजली – बहुत हाल चलने लगे है तुम्हरे एक बार अकेले मिलो फिर बताऊंगी तुमको।

वीर – बाहर चले क्या अभी

उसकी ये बात सुन कर अंजली उसे घूर कर देखती है और वीर चुप चाप पीछे सरक जाता है, क्युकी अब उंगली करना सही नही।

ये सोच कर वो साक्षी जो नींद मैं कुनमूना रही थी उसे देखने लगता है।

इधर वीर को जाता देख रूही हस्ते हुए अंजली से कहती है वैसे आपके दिल में एक आवारा और आजाद पंछी आ गया है ।

अंजली – तू टीवी देख और उसेसे दूर रह तू समझी ।

रूही – क्या कह कर उसे अलग करूंगी , की अपनी वाइफ को मत छेड़ो।

अंजली – ठीक है मैं उससे बात करूंगी।

इधर रूही अपने मन मैं सोचती है वीर इतना सिंपल है ,तभी उसे अपने फोन पर एक नोटिफिकेशन आती है।

रूही चेक करती है, तो देखती है वो किसी और का नही अनु का था msg, “लेकिन अनु तो अभी सो रही थी तो ये msg यानी वीर ये ” ये कह कर अनु वीर को देखती है जो उसका फोन हाथ में लिया था।

रूही – क्या है हा , क्यो msg कर रहे हो।

वीर – वो देखना था,

रूही – क्या

वीर – आपने गुलाब को।

रूही – अच्छा कल तक तो गुलाब पसन्द नहीं आ रहा था अभी सजी हुई हूं तो गुलाब याद आ रहा है।

वीर – तब तो मैं अपनी वाइफ को cheat नही कर सकता था ना

रूही – बस बस नो मस्का

वीर – ओके सुनिए

रूही – क्या है जल्दी बोलो

वीर – वो दे दो ना।

रूही – क्या दे दूं, आपको।

वीर – वो स्माइल जिसे देखने के लिए हम तो कब से तड़प रहे।

रूही उसकी ये बात सुन कर फोन रख देती है और ना चाहते हुए भी उसके फेस पर एक स्माइल आ जाती है ।

तभी वीर कुछ कहता उसके पहले रूही कहती है “बस अब जिसके फोन से चैट कर रहे हो ना वो उठ गई तो जान ले लेगी”

वीर – आपके होते हुआ।

रूही ये बात सुन कर स्माइल करते हुए कहती है फ्लर्ट कर रहे है आप।

वीर – नही अपनी वाइफ से एक मुलाकात की परमीशन मांग रहा।

रूही – सॉरी वीर मुझे पता है तुम बहुत सीधे हो , मासूम हो और हमे अच्छा लगा तुम्हारा नेचर लेकिन हम अंजू को हर्ट भी नही करेंगे।

वीर – चुपके से तो मिल सकती हो ना

रूही – ये तड़प अच्छी है अब बाय मैं सोचोगी।

वीर – आज रात सोना मत जल्दी, प्लीज हमसे बात कर लेना एक बार तुमसे बात करूंगा बस।

रूही – अच्छा जी मैं तो सो जाऊंगी , वैसे भी क्यों जागू मैं हा।

वीर – थैंक्यू

रूही – क्यू , एक अनाथ के लिए इतना परेशान नही होते।

वीर – कुछ नही बस ऐसे ही क्या मैं तुमहरा पति नही इतना नफ़रत करती हो की एक मिनट मैं पराया कर दिया हमे, तुम अनाथ नही हो तुम्हारा पति है तुम्हारी मांग मैं सिंदूर है।

रूही – सॉरी अच्छा रो मत पक्का अब कभी नहि करूंगी।

वीर बिना जवाब दिया फोन रख देता है।

रूही अपना फोन रख कर वीर को देखती है जो उसे देख रहा था और उसकी आंखे नम थी जिसे देख कर कब रूही की आंखे खुद ब खुद नम हो गई पता भी नही चला।

तभी रूही अपनी नम आंखें साफ कर के मन ही मन कहती हैं देखो मां मेरा लाइफ पार्टनर मेरे से बात करने के लिएं तड़प रहा वो मेरे साथ है अब मैं अनाथ नही हूं, कोई मेरा है भी हैं जिसे मुझ पर हक जताना है , जिसे मेरा हाथ थामना है, वो मेरा साथ खड़े होना चाहता है ये सोच कर उसका बदन कप जाता है वीर वो पहला लड़का था जिसके बारे मैं रूही ने आज सोचा था।

तभी रूही वीर को देखती है और कहती है यार मैं इतनी पागल कैसे हो सकती हो आज पहली बार मेरे से वो बात करना चाहते थे , और मैने पहली बार मैं ही रुला दिया।
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“मैं कहता हूं मुझे मेरे शरीर मैं वापिस भेजो वर्ना अच्छा नही होगा आहाहहहह”
” मैं वापिस आऊंगा जल्दी ही आआआह्हह् “

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