अपडेट – 29
तभी दोनो की नज़र वीर पर पड़ती है जो नींद मैं भी दोनो को चिपकाए हुआ था, और साक्षी और तनु को नींद मैं ही धुड़ रहा था।
उसकी इस हरकत पर दोनो हसने लगी और तनु एक थप्पड मारती है वीर के सर पर जिससे वीर कुनमुना जाता है और दोनो को जकड़ लेता है।
और दोनो हस्ते हुआ उसे सहलाने लगती है और कब सो जाती है पता ही नही चलता।
अब आगे —-
तनु को नींद सुबह खुलती है तो वो देखती है सुबह के 5 बजे चुके है, तो वो देखती है उसके ऊपर वीर चढ़ा हुआ है और और वीर का हाथ उसके सर के नीचे था और वीर तनु के सीने पर सर रख कर के लेता हुआ था तभी उसकी नज़र साक्षी पर पड़ती है, जो उसके सीने मैं घुसी हुई सो रही थी।
तनु – आह बाप र दोनो मेरे ऊपर चढ़ कर सोए हुए है, तभी तनु साक्षी को उठाती है , उठो साक्षी , उठ डायन कही की।
तभी साक्षी कुनमुनाती है और तनु को होठ पर होठ रख देती है और कुनमुनाते हुए कहती है” अब सोने दे यार प्लीज़”
तनु – अरे उठो , यार सुबह के 5 बज रहे है, और उठी नही तो सबको क्या मुंह दिखाओगी, हालत देखी है रूम की, उठ जा यार वर्ना देर हो जाएगी।
साक्षी उठ जाती है और उठते ही कहती है यार 4 बजे तक तो इसने सोने नही दिया, और तू बजे शुरू हो गई।
तभी साक्षी उठने की कोशिश करती है तो एक दर्द भरी आह निकल जाती है, तभी तनु कहती है अरे बैठ जा केवल।
तभी तनु वीर को उठाने लगती है , जिससे वीर कुनमुनाते हुए, तनु को अपने सीने मैं जकड़ लेता हैं , और बैठी हुई साक्षी अंगड़ाई ले रही थी, की तभी उसकी चोटी पकड़ कर वीर ने उसे भी अपने सीने मैं घुसा लिया।
साक्षी और तनु वीर के सीने में घुसी हुई एक अलग ही गर्मी महसूस कर रही थी और उनकी आंखें अपने आप बंद होने लगी।
तभी दोनो जल्दी से उठ जाती है और वीर को धकेल देती है।
तनु – यार ये तो हमे भी सुला देता।
साक्षी – अरे यार 2 मिनट और ऐसे ही रहते तो बस सो ही जाते।
साक्षी – वैसे उसे अच्छे से पता है हमे सुलाने कैसे है , मानना कैसे है, ही ही ही ही ही।
तनु – हा इसकी सीधापन देख कर बहुत प्यार आता है।
साक्षी – अगर ये सीधा और मासूम नही होता तो क्या तेरा दिल पिघलता।
तनु – वैसे अब इसका क्या फायदा अब तो वो प्यार हो गया है इससे।
साक्षी – कितना डरता है।
तनु कुछ कहती तभी वीर हड़बड़ा कर उठ जाता है और कहता है “भूकप आ गया , भूकंप आ गया”
जिसे सुन कर तनु और साक्षी हस्ते हुए बेड पर से जमीन पर गिर जाती है।
उनकी इस हसी से नीचे सभी का ध्यान इन पर आ गया , मधु निधि , उदय राज राखी सूर्य भान सभी बहुत खुश नज़र आ रहे थे, अपनी बेटियों की हसी देख कर उन्हें बस सुकून मिल रहा था, तभी राखी ऊपर की ओर जाने लगी।
तभी निधि धीरे से पुतपुआती है, अगर पापा और राज ने वीर के साथ ऐसा नही किया होता तो आज हमारे घर का मोहाल थोड़ा अच्छा होता, मुझे यू काम का बहाना बना कर के ऊपर नही जाना पड़ता।
तभी राखी कहती है अभी काम कर के दोपहर को चलना तू मेरे साथ अभी मुझे जाने दे।
तभी निधि खुश हो जाती है।
इधर वीर बस जमीन पर पड़े पड़े उन्हें देख रहा था, और कहता है सोने भी नही देती ऐसे कौन धकेलता है, वीर ने एकदम नर्म लहज़े से कहा था ये बात।
उसकी बात सुन कर तनु कहती है, जिसका पेट दुखने लगा था बहुत हसने की वजह से और वो वीर को प्यार से टपकी मारती है और हस्ते हुए कहती है, टाइम हो गया है एक बार सब सही कर लूं, फिर वापिस अपने सीने मैं घुसा कर सुला लेना।
वीर – तभी वीर आस पास रूम देखने लगता है , जो पूरा बिखरा हुआ पड़ा था
तभी तनु कहती है, हा सही पकड़े हम रूम की बात कर रहे है, ये सब सही करना है समझदार हो रहे हो तुम, और अपनी हालत देखू।
तभी वीर की नज़र अपने शरीर पर पड़ती है जहा पूरे सीने और गले पर नाखून के निशान थे और दातों के निशान थे जिन पर हल्का खून लगा था।
तभी तनु धीरे से कहती है ” ज्यादा लग गई ना”
वीर शरामते हुए कहते है ” नही ठीक है मुझे ये निशान अच्छा लगे”
तभी वीर की नज़र तनु और साक्षी पर पड़ती है जिसे वीर ने कल रात बहुत गंदी तरह से निचोड़ा था, नोचा था, ये देख कर के वीर धीरे से कहता है ” सॉरी “
साक्षी – aawwwww मेरा बच्चा , हाए इसी मासूमियत पर हम दोनो फिदा हो गए, और वैसे भी तुम्हारे ये हक जताना, वैसे भी ये तो तुम्हारा फर्ज है , अब चलो बाद मैं बात करना वर्ना कोई उठ जाएगा.
इधर जैसे ही दोनो खड़ी होती है तो तनु को हल्का दर्द हो रहा था , और साक्षी भी तनु का हाथ पकड़ लेती है और दोनो अपनी साड़ी उठाने लगती है तभी वीर दोनो को पकड़ लेता है।
और तनु कहती है ” अब छोड़ दो लेट हो रहा है , दुबारा नही बोलूंगी मैं , थोड़ा सब्र नहीं होता”
उसकी बात सुन कर वीर उसके गाल पर किस कर के दूर हट जाता है और तनु की स्माइल खिल जाती है और कहती है “पागल लड़का”
वो साड़ी धुड़ती तभी वीर की नज़र पर देखती है ,और खुशी से कहती है तुम रोक क्यू रहे हो साड़ी पहने से क्या लाए हो , जो देने से डर रहे हो।
वीर – वो वो मैं अलमारी की ओर देखते हुए वीर बोलता है
जिससे तनु चल कर अलमारी के पास जाति है और वीर की चीज ढूढने लगती है।
तभी साक्षी वीर के पास आ कर कहती है , ” क्या बात है तिरछी नज़र से देख रहे हो”
वीर “कुछ भी तो नही”
साक्षी – अच्छा तो अपनी पत्नी के साथ प्राइवेट टाइम स्पेंट करना है, तनु देखो ये क्या कह रहा हैं।
वीर – तनु बहुत मरेगी,
साक्षी – अच्छा इसलिए मुझे घूर रहे थे।
तभी वीर उसका हाथ पकड़ लेटा है और साक्षी हसने लगती है और कहती है ” रात भर मसला सुकून नही है अभी”
साक्षी को वीर जकड़ कर के किस करने लगता है और उसके पिछवाड़े को दबाने लगता है।

साक्षी – वीर से अलग होती है क्युकी उसकी नज़र तनु पर पड़ जाती है , जो उसे ही देख रही थी

साक्षी – कामिनी
साक्षी जल्दी से कुद कर अलमारी चेक करती है , और उसे भी एक नाइटी मिल जाती है और वो पहनने लगती है।
तभी तनु वीर के सामने आ कर खड़ी हो जाती है।

तनु – अच्छी लग रही हूं, ना।
वीर – तुम्हे कैसे पता की मैं कुछ लाया हूं।
तनु – आप भूल रहे है, जब हर कोई तुम्हे दितकार रहा था , तब मैं तुम्हें साथ थी , उल्लू प्यार करती हूं , तुम्हारी तनु इतनी भी नासमझ थोड़ी है।
तभी तनु वीर के गले लग जाती है और साक्षी भी नाईटी पहन कर बहुत खुश थी और कूदते हुए वो भी हग कर लेती है और दोनो को लेट हो रहा था तो वो दोनो जल्दी से भाग गई , क्युकी उनके शरीर से वीर की खुशबू आ रही थी ऊपर से दोनो चल नही पा रही थी, और सब के उठने का टाइम हो रहा था।
इधर दोनो जल्दी से बाहर निकल गई, और जैसे ही बाहर आई उनके सामने राखी बैठी थी जिसे देख कर तनु और साक्षी उनका आशीर्वाद लेती है, और राखी कहती है सदा खुश रहो तुम दोनो की हसी वापिस आ गई , इससे अच्छा और क्या होगा।
तभी राखी की नज़र साक्षी और तनु के जिस्म पर पड़ती है जिससे उसे हसी आ जाती है और कहती है जाओ जल्दी नहा कर फ्रेश हो लो और क्रीम लगा लेना निशान चले जाएंगे।
इसे सुन कर दोनो एक साथ बोलती है ,” नही ” और नहानी मैं भाग जाती है और वीर रूम की हालत सही कर के जैसे ही बाहर आता है तो उसे राखी लगा लेती है।
वीर – अरे गुड मार्निंग मम्मी जी
तभी वीर की नज़र जैसे ही दूसरी तरफ पड़ती है तो तनु उसे चप्पल की तरफ इशारे कर रही थी।
जिससे वीर डर जाता है और साक्षी हस देती है।
फिर दोनो वापिस नहाने चली जाती है और वीर भी नहाने चला जाता है।
जैसे ही नहानी के पास आता है तो उसे तनु और साक्षी एक साथ घुसती हुई नजर आई, तो वीर उनसे कहता है ” में भी चलु”
तनु – जी नहीं बाहर ही नहाओ और रखवाली करो हमारी कोई अंदर जाके नहीं और बाहर ही नहा लो, आप अंदर आओगे तो क्या करोगे हमे पता है।
वीर बाहर नहाने लगता है और दोनो इधर नहा रही थी।
और वीर को करना ही क्या था उसे सिर्फ अपने आप को साफ करना था , ताकि लिपस्टिक छूट जाए।
और वो जल्दी से नहा कर भागने वाला था की तभी उसे तनु को बात याद आती है।
वीर वही रुक जाता है और वही बैठ जाता है।
इधर जैसे ही वो दोनो नहा कर बाहर आती है तो वीर को खड़ा देखती है तो साक्षी हस्ते हुए कहती है वाह जी आप तो खड़े ही थे, अच्छा हुआ गए नही वर्ना मार्निंग गुड हो जाती।
वीर का ध्यान तनु और साक्षी की बात पर नही उनके चहरे पर था , जो सच किसी चांद जैसा लग रहा था।
तभी साक्षी कहती है क्या हुआ l
वीर – बहुत अच्छी लग रही हो तुम दोनो।
तनु – सूजी हुई है नही दूंगी।
उसकी बात सुन कर वीर झेप जाता है और साक्षी हस्ते हुए वीर को गले लगा लेती है, और कहती है “मत कर ना तंग सुबह सुबह”
और तनु और साक्षी के खिला खिला चहरा देख कर वीर को बहुत अच्छा लग रहा था साक्षी कपड़े डालने लगी थी , और तनु सीधे सीधे चली जा रही थी।
तभी वीर उसका हाथ पकड़ कर के उसे गोद मैं उठा लेता है, और बाहों मैं भर कर घूमने लगता है।
उसकी ये हरकत देख कर तनु भी हस देती है और कहती है जाने दो मुझे अब यार छोड़ दो सुबह हो गई है और तुम अब भी छोड़ने का नाम नही ले रहे।
वीर – तुम्हारी स्मेल अच्छी लग रही है ही ही ही।
तभी साक्षी कपड़े डालते डालते हस रही थी, और दोनो इस टाइम बहुत खुश थे,
वीर – हस्ते हुए अच्छे लगते हो तुम दोनो।
तनु – वो तो मैं हमेशा हस्ती रहती हूं।
अभी भी तनु वीर की बाहों मैं लटकी हुई थी, की तभी अंजलि वहा आ जाती है , और तनु को वीर की गोद मैं लटकी और हस्ते देख उसे ऐसे लग रहा था, जैसे उसकी आंखे अभी बाहर आ जाएंगी।
अंजली के लिए ये सब एक कोरे सपने जैसे था, वो तनु जिसके सामने किसी की हिम्मत नही होती थी उसे घूर कर देखने की आज एक लड़का उसे बाहों मैं भर कर छेड़ रहा था।
तभी,” तनु कहती है, हटो बेशर्म काव्या जाग जाएगी , तो क्या सोचेगी” ये कह कर तनु जल्दी से उतर जाती है और भागने लगती है।
वीर – यही सोचेगी की , उसका मम्मी पापा कितना प्यार करते है।
ये कह कर वीर वापिस उसे पकड़ने लगता है, तभी तनु की नज़र अंजली पर पड़ जाती है और वीर तब तक वापिस उसे दबोच लेता है।
तनु वीर की बाहों में कैद हो चुकी थी और उसका हाथ थामते हुए कहती है क्या हुआ अंजू।
अंजू – कुछ नही फ्रेश होना था।
तभी साक्षी कहती है यहां नई नई हो ना इसलिए अच्छा नही लग रहा होगा, लेकिन धीरे धीरे आदत हो जायगी तो मजा आएगा, सारी बहने मिलकर उदम मचाया जाएगा, ये रहा बाथरूम।
साक्षी – आओ
साक्षी अंजली को बाथरूम पर छोड़ते हुए, तिरछी नज़र से वीर को देखती है और दोनो हसने लगते है।
तनु – नही नही अंजू तू मत जाना बहन देख तू मत जा।
अंजली – क्या हुआ ,
साक्षी – अरे ये उल्लू है , तू जा बहन,
अंजली को बाथरूम मैं धकेलते हुए, साक्षी कहती है।
अंजली बाथरूम मैं आते हुए, सोचती है तनु क्यों रोक रही थी।
तभी उसे बहुत जोर से खिलकरियो की आवाज आती है , जो तनु और साक्षी की होती है।
तनु – ही ही ही ही ही छोड़ दो ना।
साक्षी – ही ही ही ही मैं क्यो छोड़ दूं आपको।
तभी साक्षी तनु की कमर पकड़ने लगती है और तनु उल्टा साक्षी को पकड़ लेती है और वीर अब साक्षी का हाथ पकड़ लेटा है और तनु कहती है बच्चू अब कहा जाओगी।
फिर साक्षी की खिलकरिया गूंज जाती है और फिर दोनो भागने लगती है।
इधर जैसे ही दोनो का ध्यान सामने पड़ता है तो रूही अनु राखी, निधि सब उन्हें हस्ते हुए देख रही थी।
तभी पीछे अपनी कमर पर हाथ रख कर अंजली हस्ते हुए दोनो को देख रही थी।
इधर ये सब को अपनी ओर ऐसे घूरते हुए देख कर साक्षी और तनु के फेस पर लाली छा जाती है और वो दोनो चुप चाप अपने बिखरे बाल सही करते हुए , चुप चाप वीर के पीछे दोनो खड़ी हो जाती है।
इधर वीर ने अपने पीछे दोनो को छिपा हुआ, देख कर उनके आगे आता है और कहता है , क्या हुआ आप सब ऐसे क्यों देख रही है।
तभी मंजू कहती हुई “अपनी बच्चियों को ऐसे खेलते देख हम भी खेलने आ गए,”
तभी राखी आ कर दोनो बहेनो को सीने से लगा लेती है, और कहती है, “तुम्हारी ये हसी सुनने के लिए ही तो हम सब के कान तरस गए थे”
तभी उन सब की नज़र रूही और अंजली पर पड़ती है तो वो उन्हे घूरने लगते है।
और रूही डर जाती है और अंजली के पीछे आ जाती है और सब अंजली के यह होने का जवाब मांग रही थी।
तभी अंजलि कुछ बोलती उसके पहले वीर ने अंजली का हाथ पकड़ कर के रूही की कमर को जकड़ लेता है।
तभी साक्षी कहती है “इतना इंट्रोडक्शन ठीक है या और देना है”
तनु – साक्षी शान्त
वीर आगे आ कर साक्षी का हाथ पकड़ लेता है और तनु के कंधे पर हाथ रख देता है।
तनु – मेरी बहने है दोनो, और अब सौतन है मेरी।
मंजू – तुम रूही हो।
रूही अपना सर हिला देती है और मंजू रूही को गले लगा लेती है, और नम आंखों से उसे देखती है।
राखी – अंजली
अंजली दौड़ कर रोते हुए, राखी के गले लग जाती है और अब मोहाल एक दम प्यारा हो गया था।
तभी वीर धीरे से तनु और साक्षी को इसारा करता है और दोनो भाग जाती है।
और रूम में आ जाती है और वीर हसने लगता है।
तनु – ज्यादा दात मत दिखाओ।
तभी साक्षी और वीर हस्ते हुए एक दूसरे को देखते है और आगे बढ़ते है।
तनु – मैं मार दूंगी देखो अब नही।
साक्षी – बन्नो ही ही ही
तनु – नही ना यार देखो सब इधर ही है , सब जाग गय।
फिर दोनो साड़ी पहनने चली जाती है और वीर काव्या के पास आ कर उसे जकड़ लेता है, और अनु को इशारे से इधर बुलाता है।
अनु – क्या है
तभी वीर उसको बैठने का बोलता है जिससे वो चिल्ला कर कहती नही बैठना मुझे जाओ ना सबका हाथ पकड़ो मेरे पास क्यों आ रहे हो जाओ।
वीर – अच्छा कोई जल रहा है।
अनु – अबे गधे तेरे से कौन जलेगा।
वीर – अच्छा तो ठीक है रूही को बुला लेता है।
अनु – आने दे उसे, मुंह ना तोड़ दूं उसका तो कहना।
वीर हसने लगता है और उसे भी काव्या के साथ जकड़ लेता है।
और अपने पैर उसके पैर पर लाद देता है।
और उसकी सलवार को थोड़ा ऊंचा कर के उसके उसके पेट पर हाथ रख देता है।
अनु – इतना ही प्यार है तो आते क्यो नही मेरे पास , मुझे भी एहसाह करो अपनी वाइफ होने का या बस ऐसे ही रहूंगी मैं, मुझे भी तो जरूरत है ना प्यार की इतनी बुरी हो गई मैं की अब तू मेरे साथ रह कर बात भी नही करना चाहता।
अनु – हा तुझे बदन नही दिया , मैने क्युकी नही लगा सही लेकिन एक बार मेरा दिल तो जीतो , अगर जान भी ना दे दूं तो कहना, मैं किसी भी वाइफ के खिलाफ नही हूं, ना ही रूही के , ना ही अंजू दीदी की , लेकिन मुझे ऐसे अकेला छोड़ देते हो , तो बुरा लगता है।
अनु – बोलो मैं गुस्सा करती हूं , डाट देती हूं इसलिए तू बात नही करता ना मुझसे।
तभी वीर उसकी कमर पर हल्की सी चिकोटी काट लेता है जिससे वो चिहुंक जाती है और उसे एहसाह होता है वीर का हाथ कहा था।
फिर वीर उठ कर उसके माथे पर किस करता है , और कहता है तुमने तो गुस्सा किया ही नहीं कभी वो तो तुम्हारा प्यार था, वैसे भी सलवार और जींस में अच्छी लगती हो मेरी बिल्ली, वैसे भी तुम्हारे आलावा मेरा पास कोई जीरो फिगर वाली है बताओ।
वीर – आह जी आप देखना मैं बहुत टाइम स्पेंट करूंगा आपके साथ , क्या करता नही मैं पागल।
फिर वीर कहता है तुम मेरी वाइफ हो और वाइफ ही रहोगी, तुम्हारा मुझ पर हक बनता है और हमेशा रहेगा, मेरी हो तुम बस मेरी समझी , वैसे भी हमारी सुहागरात पेंडिंग है अभी।
तभी वीर उसे और काव्या को जकड़ कर के सो जाता है।
एक तरफ काव्या वीर के सीने मैं घुसी हुई थी, और इधर अनु को वीर ने जकड़ रखा था उसकी पैर पर अपने पैर और उसकी कमर को कस कर जकड़ रखा था।
इधर ये सब सुन कर अनु के गाल पूरे लाल हो गया थे, और वो अपने धुप्पते से वीर का हाथ छुपा लेती है और वीर के हाथ पर अपना सर रख देठी है और उसकी दिल की धड़कने बड़ जाती है, जिसे वो काबू नही कर पा रही थी आज पहली बार किसी ने उससे ऐसे बात की थी, जिसे सोच सोच कर उसके गाल हुए जा रहे थे ऊपर से वीर के स्पर्श ने भी उसे पत्नी होने का अहसास दिलाया था, और वो कब वीर को जकड़ कर के सो जाती है पता ही नही चलता
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दौड़ते हुए एक युवा लड़का आता है और कहता है ” भाई रूही इंडिया आ गई”
आदमी – हा हा हा हा रोहित तुमने कमाल कर दिया, इंडिया का सबसे बड़े डॉन इतनी जल्दी चकमा खा जाएगा, उम्मीद नहीं थी।
लड़का – अब क्या करना है
आदमी जोर जोर से हसने लगता है और उसके सीने में गोली दाग देता है, ” मेरे लिए लॉयल रहने के लिए शुक्रिया, लेकिन ये राज और मेरे हर काम जो मैं करना चाहता हूं ये किसी को नही पता चलने दूंगा, और इस बार मैं फेल नही होऊंगा”
आदमी फोन निकलता है और किसी को कॉल करता है ।
“हा खलीफा बोल रहा हूं , अपने सारे आदमी इंडिया से वापिस बुला लो, रोहित कोई एहरा गहरा नही है, इंडिया से दूर दूर तक दूरी बना लो और शांत बैठो कुछ टाइम, और राजेश और रमेश से कॉन्टेक्ट करो”
“सर ” ये आवाज़ सुन के खलीफा फोन काट देता है और उस आवाज की तरफ़ देखता है और कहता है ” क्या है “
सर वो आपको हमारे नए बिजनेस पार्टनर से मिलवाना था, ” ये है रचना इंडिया की सबसे बड़ी कंपनी “”X Forum”” के को फाउंडर पूरे वर्ल्ड में इनका बोलबाला है”
खलीफा – हा हा i hope हम दोनो मिलकर वर्ल्ड में बोलबाला करेंगे।
रचना – ofcourse सर , मैं कभी फेल नही हुई, आप खुद जान जाएंगे, मैं चीज हूं क्या,
उसकी बात सुन कर खलीफा भी उसे देखने लगता है।
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एक प्लेन में बैठा रोहित और उसकी गोद मैं बैठी लड़की दोनो ऑडियो पर रचना की बात सुन रहे थे,” और रोहित स्माइल करते हुए बोलता है ” इट्स माय टर्न सर खलीफा”