You dont have javascript enabled! Please enable it! पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Uodate 27 - KamKatha
पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी - Erotic Incest Story

पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Uodate 27

Update 27

साक्षी – उसे कैसे पता की रूही के पास वो चीज़ है।

साक्षी – कुछ तो बात है लेकिन कोई नही हम सब संभाल लेंगे वैसे भी टेंशन मत लो

तनु – रात भर मेरी क्या हालत होगी आज तू नहीं जानती, वो केवल मैं जानती हूं , नई पत्नी की हवस भी मेरे से उतरेगा।

अब आगे —

साक्षी – तू ना वैसे ये बता सेक्स लाइफ कैसी चल रही है आज कल हमेशा खिली खिली रहती है, तू

तनु – हा अब इतना प्यार करने वाला मिला है तो खुश तो रहना पड़ेगा ही, वैसे क्या बोल रही है अब बता

साक्षी – अरे मैं कह रही उसे कैसे पता की रूही के पास वो चीज़ है।

तनु – रूही की खूबसूरती , रूही की अदा , उसका साफ दिल, और ये बात तो कोई नहीं टाल सकता ना की उसके जितना सुंदर तो कोई नहीं है और यही वजह है जिससे उसको सक हुआ होगा।

साक्षी – उसने रूही को इंडिया बुलाने के लिए इतना दिमाग़ लड़ाया।

तनु – वो जो भी है हमे उसे हल्के में नहीं लेना है और मैं नहीं चाहती थी रूही गलत हाथ में पड़े।

साक्षी – तू बड़ी कामिनी है यार नागिन कही की, उससे वीर की शादी करा दी ताकि वो वीर के प्यार में पड़ जाए , और वीर की हर बात मानना शुरु कर दे और तू उसकी सेफ्टी पर नज़र रख सके।

तनु – वैसे एक रीज़न और है

साक्षी – क्या

तनु – मुझे नहीं पता हमारे दुश्मन क्या घात लगा कर हमला करेगा , लेकिन उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता इसलिए हमे पास और साथ रहने की जरूरत है, दूसरा रीजन है रूही की खुशी वो टूट चुकी है बचपन से अनाथ रही है ऊपर से अंजली ने उसे बहार फेक दिया , और अब उसे जरूरत है जो उसे प्यार की नज़र से देखे उसे प्यार का अहसास दिला सके, और वीर उस चीज़ के करीब रह सके।

साक्षी – वैसे ये सुंदरी तू ला रही है, इससे अनु का दिल बहला रहेगा।

तनु और साक्षी आपस में बात कर रही थी।

इधर अंजली बहुत थक गई थी तो वो काव्या को ले कर सो गई थी।

इधर रूम में अनु, रूही को सजा रही थी और उसे कह रही था।

अनु – तुझे पता है वीर बहुत अच्छा है, मासूम है बहुत डाट खाता रहता है , सबसे लेकिन उसने इसे घर बना दिया, वर्ना ये बस ईट थी।

रूही – क्या फ़र्क पड़ता है ये शादी तो बस सौदा है ताकि मैं घर छोड़ कर ना जा सकू, और इस घर में रह जाऊ, क्युकी दीदी को पता है अगर मेरी शादी वीर से हो गई तो मैं वीर के लिए लॉयल रहूंगी, और उसकी केयर करूंगी।

अनु – कुछ मत करना तू, मैं तेरी सीधेपन का फायदा किसी को नहीं उठाने दूंगी इतना तो मत सोच।

रूही – अच्छा मैं ना सोचूं फिर क्या करू ये शादी मेरे से पूछे बिना की जा रही।

अनु – तू ये शादी नहीं करना चाहती।

रूही – एक लड़का जो आज पहली बार दिखा, जिससे आज देखी और उससे शादी की जा रही है उसकी 4 पत्नी पहले ही है और तू कहती है मैं तुरंत तैयार हो जाऊ, ऊपर से उसने भी मना किया।

अनु – सुन मेरी बात,

रूही – बोल

अनु – बताऊं तुझे वीर के बारे मैं कैसा है वो।

रूही – हा बता इतनी तारीफ़ कर रही है जो उसकी मुझे जबरदस्ती सब बहने मिल कर एक लड़के से शादी करवा दे रही हो , वो भी पता नही कैसा हो क्या सोचता हो।

अनु उसकी बात सुन कर हस रही थी और कहती है तुझे डर है वीर कैसा है, क्यू तुझे डर है, वो कैसा है।

तभी रूही कुछ बोलती उसके पहले अनु गेट लॉक कर देती है और जो नाईटी पहनी थी उसे सरका कर गिरा देती है जिससे अब वो पूरी नंगी हो जाती है।

वही उसे देख कर रूही अब उसे ही घूरने लगती है और उसे अपनी आंखें पर बरोशा नहीं हो रहा था, वो उसके बदन को सहलाने के लिए अपने हाथ को आगे बड़ती है लेकिन अनु उसका हाथ पकड़ लेती है और कहती है “खबरदार अगर हाथ लगाया तो बेशक तो सबसे सुंदर है लेकिन आज तक मेरा वीर ने भी हाथ नहीं लगाया और ऊपर से तू अभी गैर है, मुझे छुने का हक सिर्फ वीर और उसकी पत्नियां का है”

रूही उसके पास से हट जाती है और अनु एक साड़ी निकाल लेती है और फिर पता नहीं क्या सोचती है वापिस रख देती है, और कहती है “नाराज़ मत हो वीर कैसा है इसका जवाब तो मिल गया ना, वैसे भी जो तू चाहती है उसके लिए छूट है , बट उसके पहले तेरी मांग मैं वीर के नाम का सिंदूर होना पढ़ेगा, फिर प्रोमिस मैं नही रोकूंगी तुझे”

रूही – हा ठीक है, अब कपड़े पहन ले साड़ी क्यो अंदर रख दी तूने।

अनु – समझ जाएगी धीरे धीरे

रूही – मुझे यकीन नहीं हो रहा तू अभी तक वर्जिन है

अनु – तुझे क्या लगता है , मैं खुद वीर की तारीफ की वो यू ही थी।

रूही – चल अब बाहर चलते है, शादी करने

अनु – वाह जी आपको सौतन बनाने की इतनी जल्दी

रूही – वीर तो वैसे भी मुझसे शादी नही करना चाहता।

अनु – क्या

रूही – कू कुछ भी तो नही यार चल वर्ना सो जाऊंगी।

इधर ये दोनो रूम से बाहर आते है और इधर वीर भी ऊपर आ रहा गया था और चुपके से झाक रहा था तनु को उसे ऐसे झांकते देख साक्षी देख लेती है और हस देती है और कहती है “पत्नी का खौफ देख कर अच्छा लगा”

इधर वीर कुछ कहता उसके पहले कोई वीर के कंधे पर थपटपता है और कहता है “कुछ देख रहे हो चुपके चुपके”
एकाएक तनु के आने से वीर घबरा जाता है और दौड़ कर साक्षी के पीछे खड़ा हो जाता है।

और उसके पेट को पकड़ कर उसके कंधे पर अपना सर टिका लेता है और फिर तनु को देखता है और कहता है “में तो बस देखने आया था बहुत देर हो गई थी ना”

तनु हसने लगती है उसके इस बिहेवियर पर और साक्षी जो उसकी बाहों मैं खड़ी थी , उसे अच्छा लग रहा था की वीर उसके पीछे सेफ फील कर रहा है।

तभी तनु कहती है “वैसे अच्छी बैक चुनी है ,सेफ्टी के लिए क्यों एकदम सेफ”.

तभी रूही को पकड़ कर अनु बाहर आती है और उसको देख कर सभी का ध्यान रूही पर चला जाता है।

रूही ऐसे सब को अपनी ओर घूरता पा कर शर्मा जाती है और कहती है ऐसे मत घूरो मुझे।

तभी उसकी नज़र वीर पर पड़ती है जो उसे नहीं बल्कि साक्षी को देख रहा था इधर साक्षी उसके बाहों से आजाद हो कर रूही के पास आती है और अपने हाथ से अपनी आंखो के पास लगा काजल उसके माथे पर बहुत हल्का सा लगा देती है और कहती है “ये मेरी तरफ से तुम्हारा वेडिंग गिफ्ट ये तुम्हे हर बुरी नज़र और बुरी शक्तियों से बचायेगा और कोई तुम्हारा कुछ नहीं कर पाएगा तुम हामेसा हस्ती रहो नज़र ना लगे किसी की।

और रूही को हग करते हुआ कहती है चुपके से “तनु ने तुम्हे चुना है लकी हो, तनु कभी किसी को वीर के पास नही भटकने देती लेकिन तुम खुद उसकी पसंद हो”

ये कह कर वो चुप चाप तनु के बगल खड़ी हो जाती है और तनु रूही को गले लगा कर अलग होती है और कहती है देखना तुम बहुत खुश रहोगी , तभी रूही की नज़र तनु के गले पर और होठ पर पड़ती है जो वीर के प्यार की गवाही दे रहे था जिसे देख कर तनु हस्ते हुए कहती है “ऐसे मत देखो तुम्हारा इससे भी बुरा हाल होगा और यही तो प्यार है”

तभी रूही की नज़र वीर पर पड़ती है जो उसे घूर रहा था, वो ये बात भूल गया की सब यही मौजूद है।

तभी अनु रूही के आगे खड़ी हो जाती है और कहती है आंखें नोच लुंगी मैं तुम्हारी अगर उसे देखा तो , तू तो शादी नहीं करना चाहता था ना तो अब क्यों घूर रहा है उसे”

उसकी ये बात सुन कर सब हसने लगते है और अनु रूही का हाथ पकड़ कर कार की तरफ़ ले जाने लगती है और वीर उसे जाता देख रहा था, और अब वो वही अटक जाता है और रूही एक बार तिरछी नज़रों से उसे देखने लगती है और कहती है जब इतना ही घूरना था तो सबके सामने मना क्यो किया मुझे बड़ा आया।

इधर अनु उसे कहती है क्यू मैने कहा था ना।

रूही – हा, शर्म नही आती उसे क्या ऐसे कोई घूरता है , दीदी लोग देख रही थी।

अनु – क्या कह कर मना करोगी, अभी तो मैने रोक दिया तब क्या कहोगी शादी बाद की अपनी पत्नी को क्यो घूर रहे हो, और जैसी तेरी हरकतें है ना वैसे तू बहुत जल्दी टांग खोल देगी।

रूही – छी कितनी गंदी बात करती है तू।

तभी सब चले गए थे और तनु कहती है चलो जाओ शादी करो और मुझे नींद आ रही है मैं सोने जा रही और हा साक्षी साथ रहेगी शादी मैं, अब जाओ और अच्छे से एंजॉय करो।

इधर वीर जो तनु को देखता है उसे बाय बोल चला देता है और जाने से पहले तनु का जोड़ा देख रहा था जो बहार ही तांगा हुआ था।

तनु – जाओ यार जल्दी इतना लेट क्यों कर रहे हो।

उसकी बात सुन कर वीर अपना सर नीचे कर के चला जाता है और तनु स्माइल कर के कहती है पागल।

वीर कार मैं आ कर के बैठ जाता है और कार ड्राइव कर के सीधा मंदिर आता है और शादी की तैयारी में जुट जाता है और वीर टाइम निकल कर बस रूही को घूर रहा था।

तभी पंडित जी शादी के लिए ढुलहन और दूल्हा को आगे बुलाते है और वीर और रूही आगे आ जाते है और शादी शुरू हो जाती है।

वीर अब रूही के बगल बैठा था और उसे ही देख रहा था और उसे ऐसे घूरता देख रूही अपनी नज़रे फेर लेती है और वीर दुसरी तरफ देखने लगता है और ऐसे ही शादी की सारी रस्में पूरी हो जाती है और रूही उठ कर जाने लगती है और वीर उसे ही देखने लगता है

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वीर उसे ऐसे सजा हुआ देख कर पूरा हिल गया था, और कहता है मेरे नसीब में ऐसे सुंदर लड़की आएगी मुझे उम्मीद नहीं थी।

तभी वो कहता है ये तनु जितनी सुंदर है और अनु जितनी स्लिम हाए

इधर वीर वापिस घर के लिए आने लगता है और रूही को देख कर धीरे से कहता है , मुझे ऐसे इग्नोर क्यो कर रही हो।

उसकी बात सुन कर रूही कहती है “तुम तो मुझसे शादी नही करना चाहता थे, तो अब क्या हो गया हा, जाओ ना मेरे पास क्यों आ रहे हो, और शर्म तो आती नहीं ऐसे घूरते हुए, सब क्या सोच रहे होंगे हर कोई मुझे ही घूर रहा है पूरे शादी के टाइम कौन घूरता है”

वीर – तो अपनी वाइफ को घुर रहा हूं, किसी दूसरे को थोड़ी

रूही – हा तो घूरो लेकिन मुझे अनकोफेटेबल तो मत करो, सब क्या सोच रहे है, की देखो लड़की और लड़के को और क्या घूर रहे हो मुझे दिख नही रह क्या।

वीर – अच्छा ठीक है डातो मत लेकिन , मैं क्या करू तुमसे बात करना चाहता हूं लेकिन तुम करती ही नहीं।

रूही – हा तो इतना ही करना है तो क्यों मना किया था शादी के लिए और अब बच्चो जैसे हरकतें कर रहे हो, अभी सब के साथ चलो बाद मैं कभी मेरा मूड किया तो मैं बात करने खुद आ जाऊंगी।

वीर – प्रोमिस

रूही – हा प्रोमिस

वीर – वैसे तुम बहुत अच्छी दिख रही हो।

रूही – मस्का काम नहीं करेगा, वैसे भी सबसे सुंदर वाइफ हूं तुम्हारी तो मुझे पटाने की कोशिश कर रहे हो लेकिन तुम मेरे साथ टाइम स्पेंड तक नहीं कर पाओगे।

वीर – थैंक्स टू अंजली और अनु।

रूही कुछ और बोलती उसके पहले अनु उसे वापिस ले कर चली जाती हैं, और कहती है क्या कह रहा था वो ” अरे कुछ नहीं वो तो बस मुझसे बात कर रहा था”

ऐसे ही वो सब घर आ गए और घर आते ही काव्या और अंजली के बगल रूही और अनु तुरंत सो गए थे क्युकी रात काफी हो गई थी।

वीर कार पार्क कर के सबसे देर में आता है।

और जब वो आता है तो अपनी 3 पत्नी को ऐसे सोते देख उसकी नियत तो बिगड़ जाती है और उसका मन भी था तीनो के साथ सोने का लेकिन वो बस तरस कर रह जाता है और कहता है आप सब ने बहुत फेस किया है वादा रहा तुम सब की स्माइल वापिस लाऊंगा अंजली तुम्हारा हर दिन खुशी से भर दूंगा।

ये कह कर वो एक चादर डाल देता है सभी के ऊपर और काव्या को किस कर के अंजली का बाल सहलाता है और और अनु को और रूही को प्यार से सोता देख कर वो हस कर चला जाता है।

वीर – मेरा बहुत मन कर रहा है लेकिन तनु और साक्षी को इतनी रात परेशान करना ठीक नहीं है, वैसे भी ऐसे मोहाल मैं उन्हे सेक्स के लिए कहना गलत होगा, इसलिए वीर नहाने का सोच कर ठंडे पानी से नहाने चला जाता है और जो कापकाप्ते हुए जल्दी से रूम में जाने लगता है क्युकी वो बहुत तेज कप रहा था।

जैसे ही वीर रूम में अंदर आता है उसका बॉडी का रोम रोम कप जाता है और उसका दिमाग ही हिल गया।

वीर की नज़र बेड पर पड़ती है जो फूलों से सजी हुई थी, और वही साक्षी ढूलहन के जोड़े में बैठी थी और नाक को रुई से साफ कर रही थी।

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वीर तो जैसे जम ही गया और तभी उसकी नज़र बेड के दुसरे छोर पर गई जहा तनु ढूलहन के जोड़े में बैठी अपना पल्लू पकड़े वीर को देख रही थी और मासूम सा चहरा बनाया हुआ था।

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वीर कुछ कहता उसके पहले तनु कहती है दुश्मन को उनका काम करने दिया जाए और वैसे भी ये दुश्मन का नहीं वाइफ का टाइम होता है समझे, उल्लू कही के तुम्हारी दोनो पत्नियां है ढूलहन के जोड़े में है अगर हमारे होते हुआ आप तड्पो तो फिर हम दोनो कैसी पत्नी फिर।

वीर की सिटी पीटी गुल हो चुकी थी और साक्षी और तनु के दूसरे की तरफ देख रही थी और स्माइल करते हुए बोली 1 बजे है 6 बजे तक टाइम हैं।

To be continued…..

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