You dont have javascript enabled! Please enable it! पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Uodate 25 - KamKatha
पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी - Erotic Incest Story

पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Uodate 25

Update 25…

तनु – हमारा केवल चहरा सेम है बस और कुछ नही आज के बाद ऐसा मत करना वर्ना मैं क्या कोई नहीं बचा पाएगा

अंजली – बड़ी मां के जाने से उदास हो ना

तब तक तनु जा चुकी थी

अब आगे

अंजली – वो कौन थे, तनु जिन्होंने रोशनी मां को मार दिया और तुम इतना गुस्सा मैं इसीलिए हो ना क्युकी तुम उन्हे नहीं बचा पाई

तनु – तुमसे मतलब नही है चुप चाप अपना काम करो और निकल जाओ और आज जो कुछ भी हुआ उसे किसी को बताना मत

अंजली कुछ कहती उसके पहले वहा वो लड़का आ गया और अब रूही भी उठ चुकी थी।

उस लड़के ने और रूही ने अंजली को ले कर घर आ गए।

तभी वहा एक अजीब से बूढ़ा आ गया और वो तनु के पास आ कर कुछ दिया और बोला और चला गया।

रूही – तुम कौन हो, और वहा क्या कर रहा था

लड़का – म म म मेरा नाम रोहित है

रूही – तो डर क्यो रहे हो ,

रोहित – घर में कौन कौन है, मैं मेरा भाई छोटा और मेरी मां

तब तक अंजली और रूही घर आ गई और जमींदार ने अंजली को इसी हालत देख कर पुरे गांव में हड़कंप मचा दिया

*************

इधर दूसरे तरफ उस दिन से अंजली की मुलाकात नहीं हुई तनु और साक्षी से।

*************

जंगल मैं कई लोगो की लाश थी, उनमें से एक जिंदा था अभी जो अपनी अंतिम सास ले रहा था, जिसने अंजली को तलवार मारी थी।

तभी उसके पास एक बच्चा रोते हुए आता है

“पापा पापा पापा आपको क्या हुआ पापा”

“बेटा अपना ध्यान रखना मैं उसे लेने मैं हार गया लेकिन तू मेरी मौत का बदला लेना और उसे अपना बना लेना, तभी मेरी मौत का सहारा मिलेगा”

ये कह कर उसकी अंतिम सास भी बंद हो गई, और वो लड़का चिल्लाते हुए वही रोता रहा, और फिर गांव में निकल गया और बोला ” आपके हर जख्म का बदला लूंगा मैं हर उस चीज़ का, और उसे हर एक दिन भुगतना पड़ेगा पापा”

तभी वो लड़का निकल गया।
**********

और अंजली और रूही बैठ कर बात कर रही थी तभी वहा जमींदार आता है और कहता है “बेटा अब तुम दोनो का यह रुकना सही नहीं है अब बहुत कुछ देख लिया है तूने और अब तू शहर जाएगी समझी अगले हफ्ते”

अंजली – मेरी पत्नी साथ जाएगी

जमींदार – तेरी हरकते कब सही होगी, हा एक जगह पैर टिकते ना तेरे तो आज कही न जाना पड़ता

ऐसे ही जमींदार उन्हें सुना कर वहा से निकल जाता है

रूही – ले सुन ली, और मुझे भी सुनवा दिया तूने

अंजली – हम साथ साथ है hehehe

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इधर रमेश और राजेश बगीचे में खेल रहा था तभी उनकी बॉल टकरा जाती है एक लड़के से।

रमेश – भाई मेरी बॉल दे दे

राजेश – क्या नाम है बे तेरे पहले इधर देखा नहीं

“वीर नाम है मेरा” उस लड़के ने कहा

वीर – अभी नया नया आया हूं, गांव में

राजेश – कहा रहता है

वीर – यही जंगल मैं अकेला

राजेश – कोई नही आज से हमारे साथ रह लेना

तभी वीर कहता है ये जंगल मैं कोई आंटी मार गई ना

रमेश – हा बहुत रोकड़ा है उनके पास सारी उनकी बेटी के नाम रोशनी आंटी थी वो पता नहीं कौन लोग थे वो बेचारी को मार गया

ऐसे ही वो लोग बात करते करते घर चले गया और देखते देखते ही तीनो की दोस्ती गहरी होती है।

तभी वीर एक दिन बाहर घूम रहा था तभी उसे सामने से साक्षी और तनु बैठी हुई दिखाई दी और वो उन्हें ही घूरने लगा

तभी उसकी नज़र राजेश पर पड़ती है जो एक पेड़ पर बैठ कर उसी को देख रहा था।

राजेश – यहा क्या कर रहा है तू

वीर – कूच भी तो नहीं नही

राजेश – कुछ ज्यादा ही साक्षी और तनु के पास नही बतकता तू

वीर – वो वो मैं मेरा कुछ काम है

राजेश – चल ठीक है मैं तेरा साथ दूंगा बदले मैं मुझे जायदाद चहिए बस

वीर – ठीक है लेकिन तू मुझसे कभी कुछ नही पूछेगा ।

राजेश – ठीक है

तभी उन दोनो की नज़र अंजली पर पड़ जाती है और वीर उसे देखता ही रह जाता है सेम टू सेम तनु की कॉपी

राजेश – अबे ये जमीनदार की बेटी है, लेकिन राज की बात है ये लड़की तनु की बहन है

राजेश – बस राज है कभी पूछियो मत

वीर उसे देखता हुआ कहता है मेरा प्लान पूरा होने में तू मदद करेगी

वीर – तुझे जायदाद चहिए ना

राजेश – हा

तभी वीर उससे कुछ कहता है और राजेश हस देता है और कहता है “तू तो पक्का कामिना है बे”

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इधर अंजली और रूही का शहर जाने का टाइम हो गया था जिस बस से वो जा रही थी उसी बस से रोहित भी जा रहा था।

अंजली – तुम कुछ बोलते क्यों नहीं रोहित बोलने के पैसे लगते है क्या

रोहित – नहीं मम्मी कहती हैं, किसी से बात नही करना चहिए मुझे बस पैसे कमाने है और खुद को कामयाब बना कर बहन को अच्छा से पालना है

तभी अंजली हस्ती हुई कुछ कहती उसके पहले कोई अंजली को कहता है “क्या मैं इधर बैठ सकता हूं”

अंजली कुछ कहती उसके पहले अंजली के साथ एक आदमी बोलता है पीछे बैठ जा इतनी सीट खाली है

ऐसे ही अंजली और रूही कॉलेज आ गई और धीरे धीरे वीर ऐसे ही उसके करीब आने की कोशिश करता लेकिन अंजली हमेशा रोहित के साथ रहती।

एक दिन अंजली उधर बैठी थी अकेला कॉलेज में तभी उधर वीर उसके बगल में बैठ जाता है और कहता है “अगर महारानी आपकी आज्ञा हो तो हम आपको कुछ कह सकते है”

अंजली – ही ही ही ही बिलकुल कह सकती है आप

वीर – मैं लड़का हूं यार

अंजली – वैसे आज आपकी इच्छा पूरी हो गई है ना हमे अकेला पा कर

वीर – हा सालो की इच्छा पूरी हुई मेरी

अंजली – चलो बताओ फिर क्या काम है , जो सालो से परेशान हो

वीर – वो मैं

तभी वहा खुदते हुआ अचनक से रूही आ जाती है और कहती है “चलो मेरा साथ मैं कुछ दिखाती हूं”

अंजली – अरे उसे बोलने तो दे
वीर – तू कौन

रूही – मैं इसकी पत्नी हूं, अब बागो यह से

वीर – ये बहनचोद कहा से आ गई ये तो कॉलेज में थी क्लास मैं।

तभी उन दोनो के जाने के बाद राजेश बोलता है सीसे का था दिल मेरा पत्थर का जमाना था

वीर – राजेश अब पानी सर से ऊपर जा चुका है

राजेश – मतलब

वीर कुछ नही अब तू देखना

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रोहित अपने रूम में सोया था तभी उसे कॉल आती है।

रोहित – हेलो

“हेलो हमारी बात रोहित से हो रही है”

रोहित – जी

“सर आपकी जॉब लग गई है, आपको आपकी फैमिली सहित रहने के लिए क्वार्टर भी दिया जाएगा”

रोहित उससे जॉब की सारी डिटेल निकलवा लेता है और अपनी फैमिली के साथ वही निकल जाता है।

कुछ दिन बाद रोहित उस जगह आ जाता है और अपनी छोटे भाई को एक एड्रेस देता है वही आने को।

रोहित मम्मी – बेटा ये तो बहुत बडी बिल्डिंग है, लेकिन शायद ये अभी बनी नहीं है।

अजय (रोहित का छोटा भाई) – चलो ना ऊपर चलने को बोला है

दोनो ऊपर जाते है तो ऊपर कोई नही होता है तभी उनकी नज़र रोहित पर पड़ती है जो एक दम कोने बेहोश पड़ा होता है और उसकी हालत खराब होती है।

वो जैसे ही उस कोने में जाते है एक आदमी जो वही खड़ा था उन्हें उधर ही धकेल देता है।

और काफी टाइम बाद रोहित बेहोसी की हालत से बाहर आता है तो उसके सामने एक लड़की खड़ी होती है।

रोहित – ये कैसा मजाक है, तुमने मुझे क्यो बुलाया यह

लड़की – अबे मैं खुद मरने आई हूं, तुम्हे क्यों बुलाऊँगी

रोहित कुछ नहीं बोलता तभी उसे अहसास होता है और वो नीचे झांकता है तो चिल्ला देता है नहीं

रोहित – मां मां मां , भाई भाई भाई

लड़की आगे जा कर उसके कंधे पर हाथ रख देती है और कहती है ये दुनिया है यहां ऐसा ही होता है कोई अपना नहीं होता

रोहित – मैने किसी का क्या बिगाड़ा था , मैने तो इस दुनिया मैं कभी किसी से राबता नही रखा

लड़की – रोना बंद करो पहले तभी तो आगे कुछ करोगे,

रोहित रोते रोते उस लड़की को जकड़ लेता है, वो लड़की रोहित की बाहों मैं होती है और अपना फोन निकल कर फेक देती है, और रोहित को जकड़ लेती है।

*************

उस दिन के बाद से रोहित कभी नही दिखा लेकिन उसके कारनामे पुरे शहर में फैलने लगे , पैसों के लिए जान लेना उसका पेसा बन गया , और उस लड़की जिसने रोहित को उस टाइम सभला था , वो थी पल्लवी।

पल्लवी – रोहित मैने तुम्हारा दिया गया नंबर ट्रेस किया ये किसी वीर के नाम है।

रोहित – वीर,वीर,वीर ही ही ही ही ही कब तक बचोगे बच्चू

पल्लवी – वो वो एक …….

रोहित – ये क्या बकवास है

पल्लवी – अभी यही अच्छा है रोहित की हम सही टाइम का इंतजार करे, तुमने कभी कुछ बुरा नही किया है तो अभी भी मत करो।

रोहित – क्यू क्यों किया उसने ऐसा क्यों मैने क्या बिगाड़ा था किसी का, और वो खुद एक xxxxx है।

***********

इधर रोहित की गैर मौजूदगी में अंजली और वीर करीब आते जा रहा थे।

वीर – क्यो ना हम सगाई कर ले क्यों।

अंजली – ठीक है, गांव चल कर पिता श्री से बात करेंगे।

इधर वीर उसके पास से हो कर रमेश और राजेश के पास आता है और कहता है प्लान शुरू करो।

इधर वो सभी गांव आ गए और शादी की तैयारी शुरू हो गई।

और मौके पर रमेश और राजेश निकल गया और वीर की शादी दोनो से हो गई।

इधर अंजली जब ये सुनती है तो पैर पटकते हुए अपना पापा के पास जाति है और कहती है ये सब आप क्यों करवा रहे है।

जमींदार – बेटी तनु तेरी बहन है, सगी और इसीलिए ये सब मुझे करवाना पड़ रहा है।

ये सुन कर अंजली वही फुट फूट कर रोने लगती है और अपनी बहन के लिए खुश हो कर ये घर छोड़ कर चली जाती है।

इधर सब कुछ होने के बाद जमींदार के घर आता है एक लड़का

जमीनदार – देखो तुम जो जो कहते थे , वो वो हो गया ना अब मेरी बेटी का पीछा छोड़ दो , सारी जमीन और हिस्सा तुमको दे दिया मेरी तनु और अंजली का पीछा

तभी वो लड़का हस्ते हुए निकल जाता है और बस गोलियों की आवाज़ आती है।

वही इन सब चीजों से अंजली एक दम सदमे में आ जाती है।

तभी अंजलि को रूही सभलती है और उसे सारी सचाई बताती है।

अंजली – तुझे कैसे पता, की ये वीर का काम है और किसी का नहीं।

रूही – में एक हैकर हूं, दीदी आप भूल गई क्या।

अंजली – मेरी वजह से पिता जी मारे गया।

रूही – नहीं इन सब की वजह है तनु और साक्षी का पास्ट वो दोनो कुछ गहरा राज छिपा रही है, लेकिन दीदी ये सब वीर भी नहीं कर रहा है उससे कोई और करवा रहा है।

अंजली – ये लड़का किसका है।

रूही – दीदी ये सड़क पर पड़ा था अनाथ था इसे मैं अपना नाम दूंगी।

रूही – ये लीजिए फोन और सारी बात तनु को बता दीजिए।

अंजली ने उसकी बात मान कर ठीक वैसा ही किया।

तनु ने पूरी बात सुनी तो वो अब और टूट चुकी थी उसका सब कुछ छीन लिया गया था , और दूसरी तरफ साक्षी हर दिन जिल्लत की जिंदगी जी रही थी।

उन दोनो को उनकी मां के एक वचन ने रोक रखा था, और ऐसे ही ज़िंदगी वो सब जी रही थी।

**********

वीर कार चला रहा था और एक जंगल मैं आ कर रुकता है जैसा जैसा तुम तुम कह रहे हो वैसा वैसा मैने किया।

आदमी – हा ठीक है जैसे बोलूं वैसा ही करने का अब जा यहां से और आज तनु के पास जा और ये दवाई मिला कर तनु को दे दे और उस चीज़ को मेरे पास लाओ।

वीर कार ले कर तनु के घर आ जाता है और तनु बेहोश भी हो जाती है लेकिन तनु की खुबसूरती देख कर वीर का मन डोल गया और उसने उसके साथ वो किया जिसके बाद उसे काव्या मिली।

इधर वीर को जिस काम के लिया भेजा गया था वो काम हुआ ही नहीं।

लेकिन उस रात से वीर के साथ अजीब अजीब से चीज होने लगी उसका लन्ड खड़ा होना बंद हो गया शरीर में एनर्जी कम होती चली जा रही थी और उसकी याददस्त कमजोर होती जा रही थी और उसका गले पर एक लाल निशान आ गया था।

और ये सब बात वीर के नोटिस करते ही उसने ये बात राजेश हो बताई।

राजेश – हमे जायदाद जल्दी से जल्दी ले लेनी चहिए अंजली की शादी करा के।

**************

अंजली उदास हो कर बैठी थी और कुछ काम कर रही थी तभी उसके पास रूही आ गई और कहती है “उदास मत हो मैने बहुत कुछ पता किया “

अंजली – तो अभी हमे क्या करना चाहिए

रूही – बताती हूं,सबसे पहले तो तुम्हे याद करना है मैं तुम्हारी वाइफ हूं

अंजालि – हा तो

तभी रूही उसे पकड़ कर के अपनी तरफ खीच लेती है और अपने होठ उसके होठ से मिला देती है

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और धीरे धीरे दोनो के जिस्म से कपडे उतार जाता है।

रूही – अब ठीक है

अंजली – तूने ये अच्छा नहीं किया

रूही – क्या मतलब

अंजलि उसे एक थप्पड दे देती है और कहती बेहसर्म ऐसे करते हुए तुझे शर्म नहीं आई अपनी ही बहन के साथ मैं तो तुम्हे बहन मानती थी, आज के बाद अपनी सकल मत दिखाना।

रूही – तो इसमें मेरी क्या गलती अगर बचपन से मुझे आपने वाइफ वाइफ कह कर अपने करीब रखा और अब मैं ऐसी बन गई तो मुझे छोड़ दे रही हो

अंजली गुस्सा मैं निकल जाती है और जैसे ही वो बाहर जाती है रमेश उसे ले कर चला जाता है।

फिर काला साया आ जाता है और वीर की जगह sid आ जाता है और इससे इनका पूरा किया धरा बिगड़ जाता है।

और उस दिन से रूही और अंजली की कभी मुलाकात नही हुई।

*********

और फिर रमेश और अंजली इंडिया वापिस आ जाते है, और वीर के गांव आ जाते है जहा वीर रहता था।

और फिर शादी हुई और राजेश और रमेश पैसे लें कर कागजाद ले कर निकल गया।

(नोट – ये पार्ट आपने शुरूवात मैं पड़ा है इसीलिए ज्यादा डिपली नहीं लिखा)

**********

इधर शादी होने के बाद तनु अंजली के पास आती है और कहती है रूही कहा है।

अंजली – 

😑

तनु – उससे बात करो और बोलो राजेश और रमेश पर नज़र रखे और तुम वापिस सिटी जाओ और वीर का छुपा हुआ बिजनेस सभालो और अच्छा से नज़र रखो, कुछ गडबड ना हो, क्युकी मुझे शक है ये सब के पीछे वीर नही कोई था जो हमारे साथ हुआ पास्ट मैं इतनी जिल्लत हमे उठानी पड़ी।

अंजलि – हा कोई और है जो तुम्हे उस राज को हटीयाना चाहता है और उसका कनेक्शन रोशनी मां से है, लेकिन मैं वीर को मारना चाहती हूं।

तनु – ये वीर नही है कोई और है ।

अंजलि – में जा रही हूं , लेकिन तू अपना ख्याल रखना ।

तनु – में तो कबका मर गई हूं, अंजू बस एक जिंदा लाश हूं अब।

अंजली – मेरा सोच मेरा साथ कौन है हर कोई तो मेरा खिलाफ है

फिर अंजली वहा से निकल गई और रूही रमेश और राजेश और रोहित पर नजर बनाए रखी थी

और हर छोटी छोटी बात तनु से बताती उसने ही बताया था कि वीर पर कोई हमला करेगा।

अंजली – रूही

अंजली चिल्लाते हुआ सोच से बाहर आ जाती है।

***************
एक बड़ी सी बिल्डिंग में एक आदमी सिगरेट जलाते हुआ कहता है “तुम्हे क्या लगा अंजली तुम इतनी आसानी से मेरा खेल बिगाड़ लोगी , सालो पहले तो मेरा हो जाना चहिए था उसे लेकिन रोशनी ने तुम्हे बच्चा लिया, लेकिन अब मैं तुम्हे गेम बिगड़ने नही दूंगा”

हा हा हा हा हा मैने ही रोहित को बताया की उसके बेटे के मरने के पिछे कोई और नहीं तुम्हारा हाथ है, वीर तो एक प्यादा था मेरी जान , बाजी तो अभी शुरू हुई है।

रोहित के होते हुआ मुझे कुछ करने की जरुरत नहीं, विलन बनते नही उन्हें ये दुनिया खुद बनाती है , तुम बदल गया ना वीर लेकिन रोहित फिर भी तुम्हारी जान ले लेगा और उसके बाद तनु को उसे बहार निकलना पड़ेगा।

लेकिन मुझे ये समझ नही आ रहा आखिर उस रात ऐसा क्या हुआ की वीर तनु से डरने लगा।

***************

अंजली – रूही रूही, रूही रूही, मेरी रूही को छोड़ दो।

रोहित – ऐसे ही मेरा बेटा भी तड़प रहा होगा जब तूने उसे मारा होगा।

तभी रचना के एक गोली फायर की और वो गोली सीधे जा कर रूही के पैर में लग गई।

अंजली – मेरी बच्चू रूही हिम्मत रख तुम्हे कुछ नहीं होगा , क्यो मेरे पीछे पड़े हो हमने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है, हा हू मैं वीर की पत्नी इसलिए मुझे मारने आए हो, तुम।

रोहित – नही वीर का और मेरा मामला अलग है , वो हम एक दूसरे से निपटा लेंगे , वक्त आने पर क्युकी वीर के पीछे जो है उसे मरना पड़ेगा , लेकिन तुम अंजली तुमसे ये उम्मीद नहीं थी।

अंजली फुट फूट कर रो रही थी और रूही रूही कर रही थी।

रोहित – वीर को जब तक बचा सको, बचा लो।

अंजली – मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था रोहित।

रोहित – क्यों मारा तूने मेरे बेटे को क्यो मैने तो तुम्हे और वीर को कुछ नहीं कहा , अपनी दुश्मनी के बौजुद भी कुछ नही कहा , क्युकी मुझे पता था वीर इतना घटिया इंसान है still तुम उसके साथ हो मतलब ये वीर हो ही नही सकता फिर तुमने मेरा बेटा को क्यो मारा।

अंजली – मैं तुमको अपना भाई बनाई, तुम्हारी मां को इज्जत दिलवाई , और तुम्हारे भाई को पढ़वाया और तुम कहते हो मैने तुम्हारे बेटे को मरवाया बहुत खूब रोहित अच्छा सिला दिया आपने।

रचना – कामिनी

तभी रोहित उसे रोक देता है और अंजली से कहता है ठीक है तुमने नहीं किया तो किसने किया फिर।

अंजली – हवस इंसान को खोखला कर देती है ऐसा कौन है, जो साक्षी और मेरे पीछे पड़ा हो, और किसे मेरे मरने से फायदा होगा।

रोहित – कुछ समझ नहीं आ रहा , लेकिन तुम जाओ और ध्यान रहे तुम्हरा सामना जिससे होगा और इस इंडिया का सबसे खूंखार आदमी है , मुझे इसके आलावा कुछ नही पता , और मैने वीर पर कोई हमला नहीं किया , मैने हमेशा केवल अपने खबरी भेजे है, जिन्हे कोई ना कोई मार दिया जो मुझे नहीं पता

अंजली – तो तुम ये क्यों कहते रमेश से ये तेरे आदमी है ,

रोहित – दहशत बनाने के लिय,तुम्हे हॉस्पिटल भेज देता हूं, ज्यादा खून नहीं बहा होगा रूही का।

रचना – मैं छोड़ दूंगी डैड

अंजली – मेरी नजरो से दूर हो जाओ सब के सब वर्ना अच्छा नहीं होगा, में तनु की बहन हूं , तनु की और वो आएगी

****************

इधर होटल में वीर तनु को अपनी गोद मैं बैठाया हुआ था की तभी उसके फोन पर एक मैसेज आता है, जिसे देख कर के तनु जल्दी से उठ जाती है और वीर को चलने के इशारा करती है, वीर कुछ कहता उसके पहले तनु जोर से चिल्ला देती है।

वीर तनु को गुस्से मैं देख कर डर जाता है और चुप चाप कार चलाने लगते है।

वीर कार ले कर एक घुमशुम घर पर आता है और तनु वीर का हाथ थाम कर अंदर ले जाती है और अंदर जाते ही अंजली बेहोश पड़ी होती है जो बहुत रोने के वजह से बेहोश हो गई थी।

तनु – ये लड़की कभी सुधर ही नही सकती, इसको बोलती हूं आम करती है इमली

वीर – बहन किसकी है

तनु – क्या बोला

वीर – केके कुछ नहीं

तभी तनु की नज़र रूही पर पड़ती है जिसका खून बहुत जा चुका था, तभी वो वीर के हाथ में अपने नाखून गड़ा देती है जिससे वीर बेहोश हो जाता है।

और फिर आधे घंटे बाद जब होश आता है अंजली को तो वो देखती है वो रूही की गोद मे पड़ी है

अंजली – रूही रूही रूही तू ठीक है वो उठ कर उसे गले लगा लेती है।

रूही – अरे मुझे क्या होगा , कौन सा मुझे गोली लगी थी 

🤦

अंजली आंखे फाड़े रूही को घूर रही थी, और तभी उसकी नज़र तनु पर पड़ती है जो अपनी गोद मैं वीर का सर सहला रही थी उसे होश में लाने के लिए, जिस पर उसे बहुत प्यार आ रहा था, वीर चाहे जैसा भी हो वीर से वो बहुत प्यार करने लगी थी, हद से ज्यादा।

तनु मन मैं कहती है अभी सो रहा है उठेगा तो

🤦

 बच्चो जैसा हाल कर लेगा 

🤦

 मुंह फूला कर , ऊपर से गुस्सा करेगा।

**************
इन सब से दूर एक आदमी अपना फोन पटक देता है और कहता है पहले वीर का बाप और अब वीर और अब सारे पत्ते मेरे फेल क्यो हो जाते है
तभी वो कॉल कर के कहता है अपने आदमी से “जिस घर मैं वो है सब को उड़ा दो साक्षी को छोड़ कर”

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