You dont have javascript enabled! Please enable it! पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Uodate 18 - KamKatha
पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी - Erotic Incest Story

पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Uodate 18

Update 18

तनु – चैनल बदलो और ढंग कर लगाओ गलत आदमी के साथ गलत ही होता है।

अनु – ही ही ही ही मर गया मदरचोद।

तभी वीर की नज़र तनु पर जाती है तो उसका लोड़ा ही खड़ा हो जाता है और वो तनु से इशारे करता है।

अब आगे

तनु वीर का इशारा देख कर हस देती है और आगे हो जाती है और काव्या को पकड़ कर बैठ जाती है और घूम कर वीर को जीभ से चिढ़ाती है

वीर – प्लीज़ आओ ना।

तनु – नहीं आऊंगी, रात को बहुत छेड़ रहे थे, ना हमे।

वीर – प्लीज़ ना पक्का ज़रा भी तंग नहीं करूंगा।

तनु – नहीं, और तुम्हे कही बाहर नहीं जाना, कार जमीदार ले गया खुद, और पैसे दे गया, तुम अब से घर पर रहोगे और आस पास रहोगे बस।

काव्या – यस पापा साथ रहेंगे पूरा दिन।

तनु – हा बच्चा पापा घर पर रहेंगे , और अगर मेरी बात मानेंगे तो ही पापा भी खुश रहेंगे।

वीर रात को लेना है तो उसकी बात माननी पड़ेगी वैसे भी मेरा काम तो हो ही रहा है।

तभी वीर देखता है तनु मूवी देखते टाइम बहुत खुश थी।

वीर उसे एक टक घूरे जा रहा था, तभी उसे बर्तन गिरने की आवाज़ आती है, जिसे गुस्से मैं अनु ने फेका था।

वीर के लिए ये वार्निंग थी ये उसे याद करवाने के लिए था उसकी वाइफ ही है तनु , ये समझ कर वीर की फट जाती है और वो अब तनु को भी देखना बंद कर देता है।

अनु – नहीं घूर लो ना, अब तुम मुझे घूरना तब बताउंगी।

ये सुन कर तनु हसने लगती है।

और इधर हसी का मोहाल देख कर निधि भी आ जाती है और कहती है वाह क्या बात है बहुत हस रही हो।

तभी निधि की नज़र टीवी पर पड़ जाती है और कहती है वाह जी तुम लोग अब बताना भी जरूरी नहीं समझा, कम से कम बता देती देखने तो दोगी नहीं टीवी।

तनु – ऐसा नहीं है निधि , कल ही आई , और तब से टाइम नहीं मिला वर्ना पक्का बताती, वैसे अब तो हम सब रोज देखेंगे।

तभी राखी जो एक दम पीछे खड़ी थी।

वो अन्दर आती है और अब राखी और निधि की नज़र अनु पर पड़ती है तो दोनो के गाल एक पल के लिए लाल हो जाते है।

वही ये देख कर अनु जल्दी से तनु के सामने खड़ी हो जाती है और कहती है बैठो ना भाभी, बुआ , चाची।

निधी और मधु एक टक बस अनु को घूर रहे थे तभी मधु मन मैं कहती है ये सब आपस में चाहे जितना लड़े , लेकिन एक दूसरे को कुछ भी होता है तो सबसे पहले एक दुसरे को बचाती है।

तभी निधि बैठ जाती है और राखी और मधु एक टक खुशी से वीर को देखती है।

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वीर – क्या हुआ आप दोनो मुझे क्यो देख रही है।

तभी वीर की नज़र कही और जाती तभी उसे दो लड़की की आवाज़ आती है।

“दीदी कितनी मजबूत सैंडिल है ना”

तनु ,”हा जरा भी नीचे गई अगर तो टूट जाएगी शायद सैंडल”

वीर अब अपनी नज़र जल्दी से ऊपर कर लेता है, उसे ये धमकी समझ आ गई थी।

तभी राखी उसे गले लगा लेती है और कहती है तुम जब से आए हो मेरी बच्ची जीना सीख गई।

तभी वो दोनो भी बैठकर टीवी देखने लगी।

और अनु भी बैठ गई और तनु वीर के पास आ कर कहती है धीरे से बच गई वर्ना सैंडल टूट जाती।

वीर – तुम्हे क्या लगता हैं , में अब अपनी ही सासु मां को निहरूंगा।

तनु – बेटा मैं अच्छी तरह जानती हूं , तुम्हे।

तभी तनु का आंचल पकड़ कर निधि कहती है अब तो उसे छोड़ दे या दिन मैं भी शुरू रहना है।

ये सुन कर तनु झेप जाती है।

और काव्या को पकड़ कर बैठ जाती है।

और फिर कोई कुछ नहीं कहता है, तभी वीर की नज़र बाहर खड़ी साक्षी पर पड़ती है जो अपने बाल सुखा रही थी।

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तभी वीर उसके पास जाता है और ज्यादा पास जाने पर उसकी हार्ट बीट बड़ जाती है।

तभी हस्ते हुए साक्षी मुड़ती है और देखती है।

“मुझे पता था तुम बाहर आओगे मेरे लिए” साक्षी की ये बात सुन कर वीर उसकी तरफ देखता है।

साक्षी – तुम्हे पता है तुम भले ही चाहे जैसे हो, तुम हमेशा मुझे स्पेशल फील करवाते हो।

वीर – तुम अभी भी मुझसे नफ़रत करती हो।

साक्षी – पागल मैं क्यों करने लगी ऐसा।

तभी साक्षी वहा पर टेक लगा कर वीर को देखती है।

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वीर – मैं तुमसे प्यार करता हूं , बहुत।

साक्षी – हा तो मैं भी तो बहुत प्यार करती हूं तुमसे।

वीर – तो क्या तुम

साक्षी – हा क्या मैं आगे बोलो ये धक धक क्यो सुना रहे हो अपनी।

वीर की हिम्मत अब जवाब दे चुकी थी उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था।

वीर – मुझे नहीं पता मैं तुम्हे प्यार करता हूं तुम्हारे करीब आना चाहता हूं , लेकिन कुछ समझ नहीं आता डर लगता है सब भूल जाता हूं, दिल जवाब दे जाता है मेरा कुछ पल्ले नहीं पड़ता।

वीर कुछ और बोलता उसके पहले साक्षी उसके मुंह पर उंगली रख देती है।

साक्षी – आई लव यू , में खुद इंतजार कर रही थी, इतना मत सोचो।

वीर – तो तुम कुछ करने क्यो नहीं देती।

साक्षी – क्या नहीं करने देती।

वीर – वो वो मुझे वो करना है।

साक्षी – वो वो क्या करना है बताओ ना।

वीर – मुझे मुझे साड़ी उतारनी है तुम्हारी।

साक्षी – अच्छा ऐसा बोला ना आओ उतार लो।

ऐसा कह कर साक्षी अपना पल्लू गिरा देती है और अपनी मदहोश चाल में वीर के पास आतीं है।

साक्षी के इतना करीब आ कर वीर की सारी हवस बुझ गई।

वीर – न न न न न नहीं बाद में करेंगे।

साक्षी – अरे अभी तो बोले साड़ी उतारना है।

तभी वीर थोड़ा दूर हो जाता है और साक्षी उसके और करीब आ जाती है।

वीर खड़ा था और साक्षी उसके इतने करीब आ गई की वीर को अपने सीने मैं साक्षी के चूचे फील हो रहे थे।

और ये मोहाल देख का वीर ने अपनी आंख बंद कर ली।

और साक्षी हसने लगती है और कहती है तुम्हे क्या लगा तुम ऐसे मेरे करीब आ जाओगे , तुम्हारे दिल पर मेरा कब्जा है समझे।

साक्षी – चलो अब आंख खोलो…

वीर अपनी आंखो को बंद कर के दूसरी तरफ सर किया हुआ था।

साक्षी – ओह शीट(shit) veeeeeeeeer देखना मत मेरा ब्लाऊज फट गया।

वीर – क्या कैसे

वीर हड़बड़ाते हुए बोलता है और जल्दी से अपनी आखें खोल लेता है,और उसके सीने पर देखता है जहा ब्लाउज था।

वीर फिर तेजी से सास कंट्रोल करते है वापिस मूंद लेता है।

साक्षी ये देखती है और कहती अरे वाह मतलब सास कंट्रोल नहीं हो रही , लेकिन मजे पूरे लेने है।

वीर – नही ऐसा नहीं है,

साक्षी – तो कैसा है बताओ।

वीर – नहीं हा नहीं हा अरे दूर हटो ना म मेरा मतलब साक्षी।

साक्षी – बेचारी बड़ी मुस्किल से अपनी हसी रोक रही थी।

तभी साक्षी कहती है मैं तो नही जाऊंगी दूर, मैं तो अपने पति के साथ रहुंगी, वैसे भी तनु के साथ इतना प्यार मेरे टाइम है ये बच्चू।

वीर जाने लगता है तभी साक्षी उसे पकड़ लेती है और वापिस उससे इतना सट जाती है की वीर की सास अटक जाती है।

वीर – सा सा सा

साक्षी अपने नुकीले सीने वीर के सीने मैं गड़ा रही थी।

साक्षी – मैं क्या कहती हूं , जल्दी से एक बेबी कर ले हम सब वर्ना बचारी काव्या अकेला फील करेगी ना।

वीर – हल्ह्ह हा

साक्षी – तो फिर आंख खोलो ना और देखो।

तभी साक्षी वीर का हाथ पकड़ लेती है और अपने सीने की तरफ लाने लगती है।

वीर ये देख कर बहुत तेज सास ले रहा था।

जिससे साक्षी को बहुत हसी आ रही थी, वो हाथ अपने सीने के जस्ट ऊपर लाती है तभी उसकी नज़र वीर के पैंट पर जाती है जहा तंबू बन गया था।

साक्षी – ही ही ही ही सैयां जी ये नीचे क्या है , नया फोन लिया क्या दिखाओ ना।

वीर अब तेज से सास लेता हुआ, हड़बड़ा जाता है और दूर भाग जाता है।

वीर – आई लव यू ना ।

साक्षी – मैं नहीं मानती तुम्हारा दूर , भाग रहे हो मैं सुंदर नहीं हुं ना।

वीर की आखें अभी भी बंद थी, इसीलिए वो नही देख पा रहा था की साक्षी हस रही हैं और बोलता है नहीं मैं सच्ची प्यार करता हूं ना।

साक्षी – तो वापिस आओ।

वीर वापिस आता है।

जैसे ही वीर खड़ा हुआ , साक्षी उसके कंधो मैं हाथ डाल कर खड़ी हो जाती है मुस्कुराते हुए।

साक्षी – आ जी इतना प्यार इतनी शर्म अपनी बीवी से , हा।

साक्षी को वीर के साथ इतना अच्छा लग रहा था की कोई भी देख सकता था कि वो कितना प्यार करती है।

तभी साक्षी वीर से पूरा सट जाती है जिससे वीर का लन्ड उसे अपनी जांघों पर फील होता है और वीर अब काप रहा था।

साक्षी अपनी नाक वीर की नाक के पास लाती है और थोड़ा वीर के गाल सहलाती है।

जिससे वीर को हल्का झटका लगता हैं।

साक्षी- आआआआह्ह्ह्ह वीईईईईई आई उह्ह्ह वीर

जैसे ही वीर ये साक्षी के मुंह से सुनता है उसका लन्ड फुकारने लागत है, और पानी छोड़ने के करीब आ गया था।

साक्षी – आआआहा जान सुनिए ना आराम से।

वीर के हाथ कप रहे थे वो करना सब चाह रहा था लेकिन कुछ नहीं कर पा रहा था बचपन से उसके दिल में साक्षी बसी थी आज उसके इतने करीब आने से वो ज़रा भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।

तनु – हद है मैं यह फस गई बाहर इतना मस्त शो चल रहा है।

तभी उसे वीर पर तरस आ जाता है और अनु को इशारा करती है जो काफी देर से ये शो देख रहे था।

तभी अनु चिलाती है दीदी आओ ना मूवी देखो।

साक्षी – आ रही।

फिर साक्षी जल्दी से दूर हट जाती है और वीर से कहती है आई लव यू बाकी का शो का इंतजार करना।

वीर – ठीक है मैं जाऊ अभी।

साक्षी – हा जाओ।

तभी वीर बाथरूम भाग जाता है जिसका लन्ड से साक्षी ने बिना कुछ किए ही पानी निकलवा दिया।

साक्षी – बच्चू मैं तुम्हारी फेवरेट थी और रहूंगी ,मैने कहा था ना जैसे ही तुमने तनु का दिल जीता मैं तुम्हे अपने प्यार का इजहार कर दूंगी।

साक्षी – मुझे पता है तुम वीर नहीं कोई और हो, लेकिन जो भी हो मेरे बहुत करीब जो मुझे याद नहीं आ रहा , लेकिन अब मुझे याद नहीं करना अब तुम्हारी वाइफ हूं, तुम कभी मेरे पास आने की हिम्मत नहीं जुटा सकते।

तनु – क्यो छेड़ रही थी।

साक्षी – अभी तो शुरुवात है बच्चू, मैने कहा था ना तेरे बाद मैं पक्का इज़हार कर दूंगी।

तनु – बेचारा का रहा था।

साक्षी – बेचारा 🤣 तुम्हारा बेचारा मेरी ब्रा और पँटी बाथरूम ले गया था और उसने सोचा मैंने देखा नहीं।

तनु बस हस रही थी।

साक्षी – तुम कभी हिम्मत नहीं जुटा पाओगे , ये रिश्ता मैं आगे ले चलूंगी मैं तुम्हे बतूंगी तुम्हारी साक्षी भी किसी से कम नहीं ये तो तुमने देख लिया, आज रात को तुम्हे कौन बचाएगा मेरे पति देव जी।

तनु – 🤣😂 बजी आज बैंड इसकी, यार वो तेरे से बहुत प्यार करता है।

साक्षी – पता है लेकिन हिम्मत नही जुटा पा रहा और तड़प रहा अंदर ही अंदर और ये तड़प मैं खत्म करूंगी, अब तू देख धीरे धीरे कैसे इतना करीब ला दूंगी फिर खुद भाव खाऊंगी।

साक्षी मन मैं सोचती है जिस तरह ये तड़पता है ऐसा लगता है जैसे बचपन से मेरे लिए फिकर है , खैर कोई नहीं।

तनु – चल अंदर।

दोनो अंदर चले आते है।

इधर वीर बाथरूम में साक्षी की पैंटी को अपने लन्ड पर रख कर के हिला रहा होता है।

वीर – मम्मी मम्मी आआआआआह्हह

ऐसा कहते ही वीर का पानी निकल जाता है और वो जल्दी से पैंटी डाल कर रूम में आने लगता है।

वीर – मैं डरता नहीं साक्षी से वैसे भी वो तो मेरी वाइफ है मैं इस बार खुद उसको पकड़ लूंगा, बचपन की बात दूसरी थी अब दूसरी बात है, अब वाइफ है मेरी वैसे भी बचपन से में यही चहता था तो अब क्या हुआ।

वीर – फिर कहता है मन करता लेकिन हिम्मत नहीं होती साक्षी को आराम से बात कर के करना था मैं जानता हूं अब वो खुद बात करेगी और धीरे धीरे क्लोज आएगी मैं कौन सा उससे डरता हूं।

तभी वीर रूम में आता है।

और आते ही उसकी हार्ट बीट बड़ जाती है।

तभी वीर अनु के बगल चुप चाप बैठ जाता है।

वीर – देखता है आजू बाजू और साक्षी उसे नहीं दिख रही थी और वो फिर मूवी देखने लगता है सब ऊपर इसी रूम में थे।

तभी अचानक से लाइट ऑफ हो जाती है और वीर डर जात है।

वीर कुछ और करता उसके पहले वीर पैर पर एक पैर आ जाता है और उसके पैर के अंगूठे के साथ खेलने लगता है।

वीर कुछ करता उसके पहले उसके सीने पर दो चूचे गड़ने लगते है।

वीर – प्लीज़ साक्षी यह नहीं सब है साक्षी प्लीज़ रात को जितना मन उतना कर लेना प्लीज़ मत करो , कोई देख लेगा।

साक्षी – 🤫 शाह आवाज नहीं कोई नहीं जान पाएगा, चुप चाप लेटो , और अनु आराम से हमे छुपाना।

वीर नही लेट रहा था लेकिन साक्षी ने उसे खींच के जमीन पर लिटा दिया धीरे से उसके पास लेट गई।

वीर अभी बाहर जो हिम्मत की बात कर रहा था फिर से उसकी हिम्मत उड़ गई लेकिन वो समझ गया अब वो अपने मुंह से चू भी नहीं निकल पाएगा।

तभी एक हाथ से उसकी शर्ट के बैटन खोलने लगी।

साक्षी – प्यार करेंगे हम दोनो

इधर तनु और साक्षी इन्हे छिपाने की कोशिश कर रहे थे और दोनो की गांड़ फटी पड़ी थी।

वीर को अभी बस डर लग रहा था अगर किसी ने देख लिया तो लोड़े लगने पक्के थे।

तनु- इसको हुआ क्या।

वीर – मैने इज़हार किया था प्यार का।

साक्षी – तो बस मेरा पति मेरा जो मन वो करूंगी , अब तुम दोनो कवर करो बस , बीच में मत आओ।

तनु समझ गई थी ये नहीं रुकेगी।

वीर मन ही मन सोच रहा था प्यार करना था धीरे धीरे ओपन हो कर साक्षी तो मेरी मां निकली।

अनु धीरे से तनु से कहती है दीदी हमेशा से ऐसी है उन्हे ऐसे मामले में रिस्क लेना छेड़ना और तंग करना बहुत पसन्द है, खासकर पति जब ऐसा हो तो हर कोई का दिल फिसल जाता है।

साक्षी मन मैं कहती है ना जाने कितने सपने संजोए थे बरसो से थैंक्यू ऐसा पति देने के लिए थोड़ा ओपन नहीं है बट मैं करवा दूंगी और आज तो मेरी मन्नत पूरी हो गई, और अब तुम देखो वीर के बच्चे।

वही वीर ऐसा नेचर देख कर दंग था।

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