Update 12
तनु – अब क्या है
वीर कुछ नही बोलता बस उसके सीने पर अपना सर रख कर लेट जाता है और कब भी तनु सो गई उसे पता ही नहीं चला
अब आगे
वीर सो तो गया था लेकिन थोड़े टाइम बाद उसकी नींद खुल जाती है और जब वो देखता है तो तनु के ऊपर लेटा हुआ था उसके सास लेते हुए चूचे जिसको देखने मात्र से ही वीर की सास तेज़ हो गई।
वीर अपने आप को कंट्रोल करने की कोशिश करता है लेकिन आज उसने पहली बार किस किया था तो उसका दिमाग जरा भी काम नही कर रहा था।
तभी वो सोती हुई तनु के होठ पर अपने होठ रख देता है और उसके नीचे के होठ को अपने मुंह में भर के नोचने लगता है और अब वीर जरा भी अपने होश में नहीं था।
वही वीर की इस हरक़त से तनु की नींद खुल जाती है और वीर को गुस्से से देखती है और वीर को धकेल देती है अपने ऊपर से और धीरे से कहती है दिमाग़ खराब है क्या तुम्हारा तुमको कुछ समझ में नहीं आता।
वीर चुप चाप सुन रहा था और क्या ही करता।
तनु – काव्या बगल में सो रही है अगर वो नही सो रही थी तो अभी पीट के रख देती।
तनु थोड़ी देर चुप होती है और अपनी बेटी की तरफ़ मुंह करती है तभी उसकी क़मर पर एक हाथ आ कर उसको जकड़ लेता है।
तनु – रात को तुमको हो क्या जाता है, इतनी हिम्मत कैसे आ जाती है तुम्हारी।
वीर कुछ नहीं कहता बस उसकी साड़ी का पिन खोल रहा होता है जो ब्लाउज पर लगा हुआ था जिससे उसका पल्लू कंधे से नीचे ना आए।
वीर को ये करता देख तनु एक बार पलट जाती है और उसको धकेल देती है जिससे उसका सर टकरा जाता है हल्का सा।
लेकिन वीर वापिस आता है उसके पास और पिन निकलने लग जाता है और ये देख कर तनु धीरे से कहती है यार क्यो नाटक लगा रखा है मानते क्यों नहीं मेरी बात काव्या उठ जाएगी तो क्या मुंह दिखाने के लायक रह जाऊंगी मैं।
तनु – मैं बाद में तैयार हो जाऊंगी तो खुद सब करने की परमिशन दे दूंगी मुझ पता है तुम बहुत अच्छे पति हो ना देखो अब तो मैं इज़हार भी करी ना।
लेकिन वीर उसकी बात बहुत प्यार से सुनता है और धीरे से कहता है ठीक है और वापिस पिन निकलने लग जाता है।
इस बात तनु का पूरा दिमाग हिल गया और वो उठ का वीर को एक झापड़ मारती है और कहती छूना भी मत अब सुबह तुम्हारी ऐसी की तैसी नहीं करी मैने तो मेरे नाम भी तनु नहीं देखना तुम।
तभी वीर अपना गाल सहलाता है लेकिन थप्पड़ बहुत टाइट था जिसकी आवाज सुन कर साक्षी और अनु भी उठ गई।
अनु – दीदी क्या हुआ
साक्षी – चुप बिलकुल चुप वर्ना तनु हम दोनो को मार देगी चुप चाप सुन।
तभी तनु अगल बगल देखती है की सब सो रही है या नही और फिर बोलती है मैना बोला एक बार जब बस बस अब बस तुमको समझ नहीं आता पहले ही मेरे होठ दर्द कर रहे है ऊपर से साड़ी थोड़ा साथ क्या दिया सर पर चढ़े जा रहा हो दिमाग मत खराब करो मैं नहीं करना चाहती इतनी हवस चढ़ी है तो बताओ।
तनु वापिस लेट जाती है और वीर वापिस उसकी पिन खोलने लग जाता है तनु की आंखे गुस्सा से लाल हो गई उसने वीर को पटापटना शुरू कर दिया।
लेकिन वीर रूका नहीं।
तो तनु उसकी तरफ देखती है और कहती है क्या है हा?
तनु मन मैं कहती प्यार से समझाना पड़ेगा।
तनु – क्या है हा बोलो
वीर – बहुत अकेला फील करता हूं आज पहली बार किस किया तुमने तो बहक गया लेकिन मेरी नियत ऐसी नहीं है मैं कुछ खराब नहीं चाहता मैं धीरे से ही सही तुम्हारा दिल जीत लूंगा।
तनु – तो क्यों नाटक लगा रखा है सो जाओ, दिया ना मैने एक किस तो क्या कर रहा हो।
वीर – बस थोड़ा अपनापन चहिए इसीलिए अल्पिन (पिन) निकालकर साड़ी क़मर तक कर रहा था जिससे तुम्हारा ब्लाउज के पीछे जो पीट दिख रही वहा सर रख कर सोना है।
तनु – ठीक है फिर बिना नाटक के से जाओगे
वीर – पक्का
तनु जल्दी से उठ जाती है और पिन निकालकर साड़ी नीचे कर देती है जिससे उसकी कमर के ऊपर बस ब्लाउज रह जाता है।
और रात में कुछ दिख नहीं रहा था लेकिन वीर को तनु के चूड़ियों की छन छन की आवाज़ आ रही थी।
फिर तनु लेट जाती है दूसरी तरफ मुंह कर के और काव्या को देखती है जो सो रही थी उसको प्यार से सहलाती है।
वीर भी उसको सहलाता है जब दोनो को कन्फर्म हो जाता है की काव्या सो गई तो तनु कहती है अब सो जाओ तुम भी हरकतें तुम्हारी ऐसी है की पूछो मत बच्चो जैसे।
वीर उसकी कमर को जकड़ लेता है और उसकी गांड़ का फील लेता हुआ उसकी पीट पर अपने गाल रख देता है।
वही वीर की बाहों में पड़ी तनु सोचती है पागल लड़का मेरा थोड़ा साथ पाने के लिया इतना मार खाया, वैसे तनु जैसी भी थी उसे इस वीर से थोड़ा तो प्यार था उसके अंदर की लड़की को वीर धीरे धीरे जगा रहा था लेकिन आज वीर ने उसको अहसास दिला दिया की वो एक शादी शुदा है, बच्ची के उठ जाने का डर और पति की ऐसी तड़प देख उसे हसी आ रही थी यही जिंदगी तो वो जीना चाहती थी।
तनु – अभी तो मैं 28 साल की हूं, चलो अब मेरी लाइफ सुधर रही है अच्छा है।
तभी तनु को पता चलता है की वीर की तरफ पिट कर के सो रही है इसका मतलब वीर मेरी गांड़
इतना सोच कर जल्दी से तनु करवट बदल लेती है जिससे देख कर वीर डर जाता है और कहता है अब मेने कुछ नहीं किया बस मैं तो पेट से खेल रहा था तुम्हारे।
वही ये सुन कर तनु कुछ नहीं कहती बस वीर को घूर कर देखती है और कहती सोना है या नही चुप चाप।
वीर उसके होठ को देखता है और धीरे से दूसरी तरफ़ देख कर कहता है नींद नहीं आ रही।
तनु उसे अपनी तरफ खीच लेती है और वीर तुरंत उसके होठ को चूमने लगता है उसकी जीभ से अपनी जीभ मिला देती है तनु इस अहसास से ही वीर का लन्ड खड़ा हो जाता है और तनु के साड़ी के ऊपर से ही टोकरे मार रहा था।
फिर तनु उसको रोकती है और अपनी आंखों को खोलती है और वीर के सीने में घुस जाती है और वीर अब कब सो जाता है उसे पता नहीं चलता।
वही वीर की बाहों में तनु भी सो जाती है।
और इन दोनो को सो जाने के बाद अनु हस्ती है और कहती है दीदी बड़ी जबरदस्त किस थी तनु दीदी का तो पूरा होठ खा गया ।
साक्षी – मेहनत का फल है मेहनत का इतना गुस्सा सहता है बेचारा दिन भर हम सब के लिया सब कुछ करता है तो थोड़ा ही सही तनु हंसना सिख रही है।
अनु – वैसे दीदी ये कहना गलत होगा की अब तनु दीदी वीर के बिना सो नहीं पाती।
साक्षी – सो जा वर्ना अगला नंबर हमारा और तुम्हरा होगा।
वही अनु को जल्दी से साक्षी सुला देती है।
और खुद भी सो जाती है।
वही सुबह जब तनु की नींद खुलती है तो वो देखती है की उसके ऊपर वीर सो रहा है और वीर ने अपने एक हाथ से काव्या को भी पकड़ रखा है और तनु वीर को ऐसे हाल में देख कर उसकी सुबह बन जाती है।
लेकिन अब तनु उठे कैसे क्युकी वो तो नीचे दबी हुई थी।
किसी तरह तनु उसके नीचे से निकल कर आती है और जब वो अपनी हालत देखती है तो जल्दी से बाथरूम भाग जाती है।
तनु के पूरे बाल बिखरे ब्लाउज के बैटन खुले ऊपर के और साड़ी का पल्लू कमर के नीचे लटका हुआ गले पर होठ पर काटे जाने के निशान, पीट पर दात के निशान।
सब चीज उसके शादी शुदा होने के सबूत दे रहे थे।
वही तनु जल्दी से बाथरोम में नहाते टाइम सोचती है अभी उटेगा तो देखूंगी रात को तो बड़ी हिम्मत आ रही थी अभी मेरी तरफ देख कर दिखाएं, ज़रा उठने दो तो देखती हूं रात की हिम्मत का हिसाब लुंगी उठो तो देखू तुमकों।
वही तनु को रात की बात पर हसी भी आ रही थी कितना डर रहा था वो।
फिर तनु ये सब बात छोड़ कर नहा कर टाइम देखती है तो उसका दिमाग हिल गया था 9 बजे इस लड़के ने बिगाड़ के रख दिया है।
जल्दी से तनु नहा कर बाहर आती है तो देखती है अब वीर काव्या को अपने सीने में छिपाए हुए सो रहा है और उसका दूसरा हाथ साक्षी की कमर पर था।