You dont have javascript enabled! Please enable it! पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Uodate 7 - KamKatha
पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी - Erotic Incest Story

पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Uodate 7

Update 7

तभी तनु और साक्षी का ध्यान काव्या पर जाता है तो देखती है तो वो उन दोनो से बात नही कर रही थी उल्टा दूर जा रही थी वो बस वीर की गोद में बैठी क्रीम लगा रही थी।

तनु – क्या हुआ बेटा

अब आगे

साक्षी – बेटा जरा आप नानी के साथ जा कर खेलोगी

तभी ऊपर अंजलि आती है और तनु उससे कहती है अब बोल रण्डी क्या बक रही थी नीचे बंदूक दिखा कर

वही ये सुन कर अनु बेचारी डर जाती है और चुप चाप बैठ जाती है कोने में तभी वो ध्यान देती हैं उसके बगल चुपके से वीर छिपा बैठा है

तभी वो दोनो अपना ध्यान तनु पर लगाते हैं

साक्षी – हम दोनो ने क्या इधर ट्रस्ट चला रखा है कोई भी आएगा और हमारे पति से शादी कर लेगा अब सच सच बता

तभी अंजलि कहती है वाह अकड़ तो देखो तुम दोनो की, तुम दोनो की जिंदगी जहानुम कर दी थी मैंने लेकिन अकड़ नही गई हा।

अंजलि – इस बक्चोद के साथ रहना का मुझे भी कोई शौक नही है समझी लेकिन मुझे मेरी प्रॉपर्टी चाहिए वही लेने आई हूं मैं

साक्षी – कामिनी दिखा दी ना अपनी औकात

अंजलि – हा किया मैने ये सब, रमेश मेरा भाई है हमने ये सब बस पैसे के लिए किया लेकिन वीर की खानदानी प्रॉपर्टी वीर की शादी बाद उसकी पत्नी के नाम हो गई यानी मेरी अब मुझे किसी चीज से नही मतलब

तनु – गंदे खून का नतीजा अच्छा तो कभी हो ही नहीं सकता मुझे यही उम्मीद थी तेरे से

साक्षी – बहस बंद करो तुमको प्रोपर्टी चाहिए थी तो मुझे बताया होता मैं पहले ही दे देती ये इतना लंबा चौड़ा नाटक क्या करना

तभी साक्षी वीर को आवाज लगाती है

वीर आता है साक्षी उससे कहती है इन सब कागज पर सिग्नेचर करो

उसकी बात मान कर वीर चुप चाप कर देता है तभी अंजलि कहती है थैंक्यू umaaah 😘

अंजलि – अब मैं जाती हूं

तनु – इतनी भी जल्दी क्या है

अंजलि – क्या मतलब

तनु – उसके सामने devoce पेपर रख देती है और कहती है अब इस पर सिग्नेचर करो और फिर तुम्हरा वीर से सारा रिश्ता खत्म

अंजलि हस्ते हुआ सिग्नेचर कर देती है और चली जाती है

साक्षी – साली रण्डी

तनु – अनु का क्या करना है

तभी उन दोनो का ध्यान अनु पर जाता है जिसको किसी बात से मतलब ही नहीं था

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साक्षी – इसको तो किसी चीज से मतलब ही नहीं है ये पिक क्लिक कर रही है

तनु – अनु इधर आओ

अनु – हा दीदी

साक्षी – वीर से शादी के लिया हा क्यो की

अनु – क्या करती मैं मेने देख पापा को किसी और के साथ मरने से अच्छा है अपनी बहनों के साथ ही रह लूं

तभी अनु कहती है दीदी आपने अंजली को इतनी तेज तलाक दे कर क्यो भागा दिया और आपको कैसे पता चला

तनु – हाथ में उसके हीरे की रिंग थी और अगर कोई किसी से प्यार करता है तो 17 साल इंतजार नही करता और उनकी नजर वीर की खानदानी जमीन पर थी जो वो लेकर गए।

साक्षी – और भागने के पीछे की वजह हैं काव्या उसके लिए उसके पापा बेस्ट और हम किसी बाहरी को नही आने देंगे जिससे उसका दिल टूटे तू अगर बहन नही होती तो तेरा भी यही हाल करते।।

अनु – मुझे मत चाटो

तनु – इसको रहने का तरीका सिखा दो

साक्षी – समझ जाएगी खुद ही

तभी वीर रूम से बाहर आता है और कहता है क्या हम सब घर चले अब शहर

तनु उसको इग्नोर कर के रूम में चली जाती है खाना बनाने चली जाती है

उसके बाद अनु सोचती है रहने का तरीका मतलब कहना क्या चाहती हैं

तभी वीर को देख कर वो भी उसको अनदेखा कर के चली जाती है

तभी साक्षी उसके पास आ जाती है और कहती है तुम्हारा घर तो अंजली का हो गया और तुम्हारा टूर का बिजनेस भी

तभी वीर ये सुन कर उदास हो जाता है

और अनु साक्षी को भी ले कर चली जाती है

तनु – बता दिया

अनु – हा दीदी ने बता दिया

तभी तनु की नज़र वीर पर पड़ती है जो एक कोने चुप चाप उदास बैठा हुआ था

साक्षी भी उसको देखती है तो उसे अच्छा नही लग रहा था

अनु – आप लोग उसे क्यों देख रही हो सुन नही था क्या अगर वीर पहले जैसा होता ना तो अब तक ये भी हमे छोड़ कर प्रोपर्टी ले कर चला जाता अंजली के साथ, तब ये अंजली का ही राग जपता और ये एक तो पता नही कोन है कोनसा वीर है भले ही ये बदल गया बट रहेगा तो वीर ही।

और ये बात सच भी थी वीर पहले जैसा होता तो बहुत चीज बदल चुकी होती

तभी साक्षी कहती है बस करो अनु बहुत बोल ली तुम्हारा तो पति है ना और जैसा भी है कोई भी है कोसिस तो कर रहा है ना वो साथ पाने की तुम्हारा भी साथ दिया ना उसने इतना ही नफरत है तो उसके नाम का सिंदूर क्यों लगा ली

अब अनु चुप हो गई तभी तनु कहती है जाओ जरा काव्या को बुला कर ले आओ और डरो मत

अनु भाग जाती है जल्दी काव्या को लाने

तभी साक्षी वीर के पास आ कर बैठ जाती है और दूर से उनको तनु भी जाक रही थी

साक्षी – क्या हुआ उदास हो क्यो

तनु – अरे उसी के लिया होगा अंजली के लिए बुला दूं उसको

साक्षी – रुको करती हूं कॉल

वीर बहुत धीरे से कहता है मेरे पास जब 3 वाइफ है तो मुझे उसकी क्या जरूरत

साक्षी – तो क्या बात है

वीर – मैं क्या करूंगा 28 साल का हूं मेरे पास पैसा कमाने का क्या जरिया है मेरा घर सब कुछ तो चला गया

साक्षी – अच्छा ये बात है चलो एक गुड न्यूज़ देती हूं ये जो घर का ये हिस्सा देख रहे हो ये हमारा छोटा सा घर है और उस साइड भी एक रूम बनवा देंगे बाकी रही बात तो पैसे कमा कर फिर आ जाएगा सब

साक्षी – और वैसे तुम्हारी वाइफ भी तो है तुम्हारे पास मैं और तनु भी, नही छोड़ कर जा रहे कही ही ही ही

तनु – नई शुरुवात करो हम भी पुरानी बात छोड़ कर तुमको एक मौका दिए ना क्या ये तुम्हारा घर नही है

वीर अब बहुत खुस हो गया था उसको पहली बार तनु कुछ बोली फिर उसने पता नही क्या सोचा उसने जल्दी से तनु और साक्षी को गले लगा लिया

इससे पहले की साक्षी अलग होती 1 सेकंड बाद एक आवाज आई

• चाटाअक *

वीर के गाल लाल हो गए

साक्षी ये देख कर हसने लगती हैं और हस्ते हस्ते गिर पड़ती है वही छत पर बेचारी लेट जाती है और उसका पेट दुकने लगता है

वही ये हसी की आवाज नीचे तक आती है जो रूम में उदास बैठी निधि सुनती है तो वो भी स्माइल करती है राज और राखी ,उदय और सूर्य, मधु पूरा परिवार वही बैठा था

वही ये सुन कर निधि कहती है चलो अच्छा है ऊपर खुशी का मोहाल है

तभी नीचे हस्ते हुआ भागते हुए अनु आतीं है और वो किसी तरह हसी को रोकती है और देखती है सामने काव्या अकेली बैठी हैं

अनु को देख कर राज कहता है दीदी आप नीचे आओ बैठो ना

तभी उदय भान बोलता है बिटिया

अनु – चलो काव्या ऊपर चलो अपने घर

निधि – ये भी तो तुम्हारा घर है

अनु – मेरा घर ऊपर है चले बेटा

काव्या आ जाती है और ऊपर चली जाते है दोनो

जैसे ही काव्या ऊपर आती हैं वैसे वो देखती है साक्षी ऊपर छत पर पड़ी हस रही थी और रूम में तनु काम कर रही थी लेकिन एक खुश नुमा मोहाल था

तनु मन मैं सोचती है चलो कम से कम ठीक तो हुआ सुबह से नाटक हो रहा था मैं अपनी बेटी को क्या बोलती अगर वीर की शादी हो जाती तो वैसे भी बड़ा आया हम दोनो की ही डाट खाएं मार खाए तभी तनु कहती है मैं क्यों सोचूं रही उसके बारे में

तभी उसको हसी की आवाज़ आती है जिससे वो समझ जाती है की काव्या आ गई

तभी तनु बाहर आतीं है और उसके पीछे पीछे निधि भी आती है

मम्मी ये मौसी ऊपर क्या कर रही है इतनी देर से हमारे घर

साक्षी – बेटा वो ये वो ये ! वो वाली मम्मी से पूछो

तभी निधि हस देती है और तनु से कहती है बताओ

तनु – ये भी तुम्हारी मम्मी है

काव्या – मेरी और कितनी मम्मी है

तनु – बस लास्ट है और कोई नही आएगी पक्का

काव्या – अब कोई नही आएगी ना मुझे नही चाहिए और

तनु – प्रोमिस अब कोई और नही आएगी अब आई तो किसी की जान जाएगी

ये सुन कर वीर डर जाता है और थोड़ा पिछे हो जाता है तभी तनु ये हरकत देख कर थोड़ा स्माइल कर देती है

और साक्षी फिर हसने लगती है और अनु भी हसने लगती है

फिर वीर अनु को देखता है तो वो नोटिस करता है अनु भी बहुत कसा हुआ माल है 27 साल की ये भी है कतई चोदने लायक

तभी तनु अनु को घूरती है तो अनु डर जाती है तभी अनु साक्षी को आखों में देखती है तो पाती है वो कुछ समझ रही थी

अनु भी लड़की थी उसको समझते देर नहीं लगी की वो दोनो उसको क्या कहना चाहती है तभी अनु देखती है वीर उसके जिस्म को घूर रहा है

तभी वो गुस्सा मैं वीर को देखती है तो वो फिर साइड हो जात है

तभी काव्या कहती है मम्मी

तनु – क्या है

काव्या – मतलब अब पापा इनको भी घूरेंगे, पापा इनको भी सोते टाइम चादर डालेंगे और ठंड लगने पर माथा टच करेंगे जैसे आपको किए थे कल और फिर मुझे उनके पास लिटा देंगे

वही ये बात सुन कर साक्षी और तनु के गाल थोड़ा लाल हो जाते है ये उनके साथ पहली बार था जब कोई उनको प्यार जता रहा था

वही अनु ये सुन कर अजीब नज़रों से वीर को देखती है जो मन मैं कहता है पोल खुल गई

तभी तनु काव्या के कान नोचते हुए कहती है बहुत बोलने लगी है तू मार भूल गई है क्या चल कमरे में बड़ी आई तू रात को सोती है या यही सब करती है

तभी काव्या की नज़र निधि पर पड़ जाती है और कहती है अरे मैं तो आपको देखा ही नहीं मामी ।

काव्या – सोरी मम्मी मामी के सामने ये बात नही पूछनी थी ना

तभी ये सुन कर वीर जल्दी से उसको उठा लेता है और कहता है चलो रूम में टीवी देखते है

काव्या – नही है पापा आपको पता है मेरी सभी सहेली के पास है टीवी

तभी वो दोनो बात करते है रूम में चले जाते है

और इधर बच गए अनु और साक्षी और तनु

वही ये तीनों अच्छी तरह से समझ गए की अब इनकी अच्छी वाली खिंचाई होगी

निधि – तो साक्षी वो एक हेल्प करेगी मेरी

साक्षी – हा बोलो ना निधि

निधि – वो मेरा कंडोम खतम हो गया है तुम दोनो के पास एक्स्ट्रा है क्या

वही ये सुन कर तनु को खासी आ जाती है और वो कहती है आप बैठो मैं चाय बना देती हूं

साक्षी – म म म बर्तन धूल कर आती हूं

निधि – अरे चाय और बर्तन छोड़ो और इधर बैठो तो

अनु – वो भाभी मेरी सहेली आ रही है मैं उसको बुला कर आती है

निधि – अरे रुक तो

वही फिर निधि कहती है इतने सालो बाद तुम्हारी हसी से घर गुलजार हो गया साक्षी बस ऐसे ही हस्ती रहो तुम उम्मीद है तनु भी हासेगी जल्दी क्यों

तनु कुछ नही कहती लेकिन निधि जानती थी तनु ने बहुत कुछ फेस किया है उसका दर्द उसकी पीड़ा गांव वालो के ताने और वही साक्षी जिससे हर दिन मार खाते हुआ सुनना

और इन दोनो की वजह से बेचारी अनु को घर में कैद कर दिया गया

तनु कुछ कहती लेकिन उसकी नजर तभी काव्या पर पड़ती है जो तकिया फेक रही थी वीर पर

काव्या – ही ही ही ही पापा ये लो ये मेरी प्यारी तकिया है

तभी वो तकिया वीर को लग जाती है और वीर गिर जाता है

तभी काव्या उछलने लगती है और दोनो हाथ से नेता की तरह हिला कर कहती है थैंक्यू

वही ये देख कर तनु को हसी आ जाती है फिर उसकी आंखों में आसू आ जाते है

एक साल पहले उसकी बेटी बस घर पर अकेले रहती ना बोलती है ना हस्ती है।

तभी उसके कंधे पर किसी का हाथ फील होता है और वो देखती है उसके एक तरफ साक्षी और दूसरी तरफ अनु लटकी है

फिर दोनो अलग होती है और साक्षी कहती है आदत डाल लो ऐसे

तभी वो दोनो अलग होते है और निधि वापिस से काव्या को बुलाती है लेकिन तभी काव्या चुपके से बाहर जाक कर रूम का गेट बंद कर देती है

ये देख कर अनु को हसी आ जाती है और कहती है कुछ कांड किया इसने तभी तनु अंदर आती है देखती है रूम अब कबाड़ हो चुका था

और तनु को देख कर काव्या डर जाती है और चुप हो जाती है और वीर उसको इशारे से मना करता है

तभी तनु कहती है बिल्ली कही की ये रूम को क्या किया

काव्या – मम्मी ही ही ही

काव्या तनु के गले लग जाती है और फिर तनु खाना निकल देती है जिसमें खाना कम था और खाने वाले ज्यादा

तभी अनु कहती है मुझे भूख नही है तभी साक्षी अंदर आती है और अपनी सैंडल उठा लेती है जिसको देख कर अनु कहती है अब भूख लग गई।

तभी वीर ये सीन देख कर उदास हो जाता है क्युकी ये अब उसकी ज़िमेदारी थी की वो घर पर किसी चीज की कमी ना रहने दे और उसके घर पर खाना का भी समान नही था।

वही तनु गांव के बच्चो को ट्यूशन देती थी जिससे उसको कुछ पैसे मिल जाते थे क्युकी उदय भान उसको पैसे देता नही था

और अब साक्षी और अनु उसके पैसे लेंगी भी नही

तभी साक्षी वीर को देखती है और उसके हाथ पकड़ लेती है उसको अच्छा से पता था वीर क्या सोच रहा था उसकी हरकते किसी नए नए पति के जैसे थी।

अनु और तनु ये नोटिस करती है

तभी साक्षी कहती है खाना खाओ फिर हम भी खाए भूख लगी है

वीर खाना खा लेता है और फिर सब खा लेते है थोड़ा थोड़ा।

तभी वीर काव्या के पास जाता है और कहता है चॉकलेट खाओगे बेटू

काव्या कुछ सोचती है फिर कहती है नही मुझे नही चहिए उसके बदले मेरी मम्मी के लिए साड़ी ला दोगे सब मेरी मम्मी को चिड़ाती है की मेरी मम्मी के पास साड़ी नही है

तभी वीर कहता है आपके पापा का प्रोमिस है आज आपके लिए बहुत सारी चॉकलेट लाऊंगा और बहुत साड़ी लाऊंगा आपके लिए

काव्या – प्रोमिस

वीर – हा प्रोमिस

काव्या – नही पिंकी प्रोमिस करो

वीर- अरे ये कैसे करते है

काव्या – अरे बुधु अपनी उंगली बड़ी उगली के पीछे रखो फिर कहो

वीर हस्ते हुआ कहता है ओके पिंकी प्रोमिस

तभी वीर को याद आता है दुकान से तो रेडिमेट ब्लाउज भी आता है फिर वीर चुप चाप साक्षी के पास जाता है लेकिन वो और अनु सहेली के घर चली गई थी साथ मैं काव्या को भी ले कर चली गई।

तभी वीर तनु के रूम में जाता है जहा वो अपना पेटीकोट और साड़ी फट गई थी वो सिल रही थी वीर को देखते ही वो कहती है चिल्ला कर क्या है जाक क्या रहे हो

वीर कुछ नही कहता बस अलमारी ओपन कर के देखता है कोने में तनु की ब्रा राखी हुई थी फिर वो उसको टच करता है ये देख कर तनु गुस्सा हो जाती है और उसकी आंखे लाल हो जाती है और बहुत तेज थप्पड़ मारती है वीर को कहती है ये क्या बदतमीजी है

तनु – इसी लिए मेरी बेटी के पास आ कर अपना रहे हो हवस में अंधे हो गया हो याद रहे मैने साथ रहने का फैसला किया है बेटी के लिया तुमसे प्यार नहीं है तुम एक गिरे हुआ हवस से भरे इंसान हो जो तुमने मेरे साथ किया ना वो याद है

तनु – निकल जाओ वर्ना अच्छा नही होगा

वीर ये सब सुन कर बस अपनी नम आंखों से आसू पोछते हुए कार ले कर अपनी चला जाता है

वीर – तुम मुझे मत अपनाओ लेकिन तुमको मैं जीना फिर से सीखा दूंगा साक्षी और तनु ये मेरा वादा है तुम्हारी नजरो में चाहे जितना गिर जाऊ लेकिन अपनी बेटी की नजरो मैं नही गिरना चाहता अब चाहे मर जाऊ लेकिन किसी को भी तुमको ताने नही मारने दूंगा।

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