You dont have javascript enabled! Please enable it! पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Uodate 5 - KamKatha
पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी - Erotic Incest Story

पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी – Uodate 5

Update 5

दोनों वीर की नजर का पीछा करती है तो पाती है की वो उन दोनो की गांड़ देख रहा हैं

दोनो का खून जल जाता है और दोनो एक दूसरे को देखती है किसी तरह गुस्सा कंट्रोल करती है

तभी सूर्य भान और उदय भान गुस्सा मैं नीचे आते है और तनु से कहता है क्या नाटक लगा रख है ये

तनु – देखो मामा आपकी बेटी की शादी है तो चैन से हो जाने दो वर्ना मैं आपकी जिंदगी का सत्यानाश कर दूंगी

राखी – बस बहुत हो गया अब। तू क्या चाहती है तनु मैं खुश ना रहूं,वैसे भी तुम वीर से बात नी करती तूने इसे कभी अपना नी समझा , फिर आज तुझे मौका मिल रहा है सब से छुटकारा पाने का तो ये सब क्यों कर रही है तू

तनु – पति है वो मेरा उसको, मैं मारू पीटू बहस करू ये मेरा हक है आज वो सीधा हो गया सुधर गया तो आप उसके साथ नौकर जैसा बिहेव कर रहा है

तनु – वो आज खुशी से रह रहा है साथ रहने चाह रहा है तो ऐसा कर रहे हो अगर वो पहले जैसा हो गया तो आप सब की हिम्मत हैं क्या उसको छुने की

सूर्यभान – जबान को लगाम दे तनु वर्ना जबान बहार निकल दी जाएगी

तनु – हा हा हा हा गिरा हुआ इंसान धमकी किसी और को देना

उदय भान – निकल जा मेरे घर से इसके पहले की में धक्के मार कर भागा दूं आज के बाद अपनी घटिया सकल मत दिखा देना

राखी – भैया मेरी बेटी को माफ कर दो वो इतनी रात कहा जाएगी कैसे आज रात को उसको रहने दो

तनु – मुझे भी कोई शौक नी है तेरा इस घर में रहने का

तनु वहा से निकल जाती है और राखी चिलाते हुआ उसको रोकने लगती है तब तक तनु चली जाती है

वीर ये सब बहुत चुप चाप देख रहा था और उसको ये तो समझ आ गया था की तनु उसके लिए लड़ रही थी और आज इतनी रात वो उसके लिया घर छोड़ कर चली गई

तभी वीर भी बाहर जाने लगता है और तभी उदय भान बोलता है तुम कहा जा रहा हो और

वीर – जब मेरी पत्नी को ही घर से निकाल दिया गया तो मेरा भी क्या काम

साक्षी भी इसके पीछे जाने लगती है और तभी उदय भान और राज उसको बोलते है क्या हुआ साक्षी किधर जा रहा हो

साक्षी – आप माने या ना माने लेकिन ये दोनो मेरी फैमिली है और वीर अब बदल चुका है और जहा मेरा परिवार नही रहेगा वहा मेरा भी रहना ठीक नही होगा

और वीर और साक्षी तनु के पीछे पीछे चलने लगता है

तभी ये बात तनु नोटिस करती है और चिल्लाते हुए कहती है मेरे पीछे पीछे क्यों आ रहा हो

साक्षी – तो कहा जाए हम दोनो

तनु – घर वापिस जाओ अपने मेरे साथ मत आओ जो मर्जी करो लेकिन मेरे साथ मत आओ

वीर – मुझे तुम्हारे साथ रहना है

तनु इतनी रात को बहस करना ठीक नी समझी और चुप चाप चलती रही

तभी वीर पलट कर देखता है तो उसकी नज़र साक्षी पर पड़ती है वो देखता है की साक्षी आज 🟡 पीली कलर की साड़ी पहने हुए थी

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तभी वीर ने साक्षी का हाथ पकड़ने के लिया आगे बड़ता है लेकिन साक्षी उसी टाइम पीछे हट जाती है क्युकी उसको किसी की आवाज आती है तभी उसका हाथ सीधा तनु की गांड़ पर लग जाता है

*Chaataaaaaak*

फिर आवाज गूंजी और ये आवाज सुन कर साक्षी हस्ते हुए गिर पड़ी

साक्षी इतनी हसी की वो जमीन पर लेट गई हस्ते हस्ते

तभी वीर चुप चाप मुंह बना लेता है और तभी साक्षी कहती है ” वीर सॉरी वो मुझे किसी की आवाज आ गई थी इसलिए मैं पीछे हट गई ”

तभी तनु कुछ कहने वाली थी लेकिन एक आवाज उन सब के कानो मैं पड़ती है

मां लूटो ना लूटो ना

वीर पलट कर देखता है तो लड़की जो सही से बोल नी पा रही थी वो उन सब के पास दौड़ते हुए आ रही थी

तनु दौड़ते हुए उसके पास जाती है उसको अपने से चिपका लेती है

तनु – मेरी बच्ची तू बाहर क्यों आई हा तुझे कहा था ना चुप चाप ऊपर रहो

तभी वो बच्ची कहती है मां मे में लेटी थी लेकीन फिर मैं

साक्षी – ये कब हुआ साक्षी

तनु – मेरी बेटी के सामने कुछ मत बोलो मैं बाद मैं सब बताऊंगी मैने इसको बहुत प्यार से पाला है

वीर – ये मेरी बेटी है?

तनु उसको घूरती है और वीर चुप चाप साक्षी के पीछे खड़ा हो जाता है

साक्षी – हा तुम्हारी बेटी

तभी वो दोनो लड़के अजय और रोहित इधर आते है और कहते है आप दोनो को राज ने बुलाया है चलो

अजय – चलो साक्षी ये बच्चो जैसी जिद छोड़ दो

अजय ने साक्षी को इतने हक से कहा था की अभी तक वीर जो साक्षी के पीछे खड़ा था उसके कंधे पर हाथ रख कर वो पीछे हट गया

तभी साक्षी के दिल में दर्द होने लगा और इसके पहले की वीर अपना हाथ उसके ऊपर से हटा पता साक्षी ने उसका हाथ पकड़कर अपनी कमर पर बांध दिया

तनु – तुझे एक बार मैं समझ नी आता क्या हा

साक्षी अजय को घूर कर देखती है और कहती है क्या बोला जरा फिर से बोल तो

रोहित – भाई चल यहाँ से वर्ना लेने के देने पड़ जाएंगे

अजय और रोहित वहा से भाग जाते है

अजय – ये वीर का बच्चा कहा से आ गया बे

रोहित – भाई कुछ भी कहो बड़ा कड़क माल है यार दोनो साक्षी और तनु दोनो इतना कसा हुआ माल हाए

अजय – अबे गांदू दोनो एक से बडकर एक गुस्सा वाली दूर रह वर्ना जिंदा खा जाएगी

रोहित – अब समझा मैं

अजय – क्या

रोहित – यही की वो तुझेसे वीर को जलाने के लिए बात कर रही थी ही ही ही ही

वही वीर अब चुपके से तनु को देखता है उसके चूचे उसकी गांड़ सब उभार देख कर उसकी सास थम जा रही थी

तभी वो बच्ची कहती है आप मेरी मम्मी को क्यों घूर रहा हो ऐसे हा

और उसकी ऐसे टूटी हुई आवाज सुन कर साक्षी फिर हसने लगती है और उसको कहती है मम्मी से पूछो

बच्ची – मम्मी ये कोन है जिसके लिए आप इतना लड़ रही थी

वीर को उसकी मीठी मीठी तुतराने वाली आवाज बहुत प्यारी लग रही थी वो थी ही इतनी प्यारी

तभी तनु कहती है ये तुम्हारे पापा है काव्या

काव्या – आप आते तू नी

साक्षी – हस्ते हुए कहते है सॉरी मोटी

काव्या – मैं आप दोनो से बात नी करूंगी

तभी अनु वहा आती है और कहती है अरे दीदी आप लोग मेरे से क्यो गुस्सा हो मैने क्या बिगाड़ा आप का कम से कम मेरी शादी तो अटेंड कर लो

तभी मधु और बाकी सब भी कहते है वापिस चलो

लेकीन जब राज वीर की तरफ आया तो साक्षी उसके आगे खड़ी हो जाती हैं

राज – जीजा जी आप कहिए ना उन दोनो तो शायद मान जाए

तभी वीर देखता है की काव्या बेचारी को गोद में उठाए उठाए तनु का पूरा हाथ दर्द करने लगा था और साक्षी भी चुप चाप एक पेड़ के पास बैठी हुई थी

वीर – चलो घर

तनु – मुझे नही जाने उस घर जहा मुझे घर से निकाल दिया गया मेरा भी इगो है और तुम होते कोन हो मुझे बोलने वाले

काव्या को अच्छा से पता था तनु का गुस्सा इसलिए वो चुप चाप साक्षी की गोद में बैठी जाती है

वीर – तुम्हारा पति

तनु – मैं नी मानती तुमको अपना पति समझे अपनी साक्षी को उठाओ और चले जाओ

तनु की डाट सुन कर वीर चुप चाप अपना सिर नीचे कर के सुनता रहता है

तभी काप रहे हाथो से उसका हाथ पकड़ लेता है

तनु फिर उठने लगती है और हाथ को छुड़ा कर आगे बड़ती है तभी वीर उसको रोक कर खुद काव्या को उठा लेता है

काव्या – पापा आ अब हम कहा जाएंगे सुनिए मम्मी से ज्यादा बात मत करना मम्मी जब गुस्सा रहे तो बात मत करना

वीर – चॉकलेट खाओगे

काव्या – नही

वीर – क्यो

काव्या – जब मैं चॉकलेट मांगीती हूं ना तो मम्मी बहुत परेशान होती है

तनु – काव्या आवाज ना निकले मुंह से

फिर तनु कहती है चलो अब घर की ओर और तनु और साक्षी आगे जाने लगती है जो बहुत थक गई थी

तभी साक्षी तनु को इशारे करती है

तनु – पहले जब हम दोनो को प्यार की जरूरत थी तब इन्हें घिन आती हम दोनो से अब जब पक्के जवान हो गए हम दोनो तो पता नी कहा का प्यार जाग गया है हरकते देखो कामिने की 😑 क्या चल रहा है ये

साक्षी – घर पर बात करेंगे

तभी साक्षी और तनु रुक जाती है और वीर तनु और साक्षी से लड़ जाता है उसका ध्यान तो गांड़ पर था

वीर – क्या है रुक क्यों गई

साक्षी – आगे आगे चलो बेटी नही लिए होते तो बताते

वीर जल्दी से आगे ले कर चलने लगा तभी वो दोनो घर के बाहर आते है

तभी वीर वही गेट पर रुक जाता है जहा इस बार उसको इस जगह पर जाना नही चाहता था वही उसको रुका हुआ देख कर साक्षी आ जाती हैं

और उसका हाथ पकड़ लेती है

साक्षी – चलो

सब घर के अंदर आ जाते है और साक्षी को देख कर सब खुश हो जाते है

राज – चाची देखो दीदी आ गई

उदय भान और सूर्य भान भी आ गए और कड़क आवाज़ में कहते है आ गए ना सब

साक्षी – हा और यहां पे वापिस आना हमारी सबसे बड़ी गलती थी

राखी साक्षी को पकड़ कर ऊपर ले जाने लगती है तभी

वीर को देख कर उदयभान कहता है जा अपनी सही जगह पर तबेले पर

वीर कुछ कहता उसके पहले तनु वापिस आती है और साक्षी को इशारे करती है कुछ

साक्षी काव्या को लेंकर ऊपर चली जाती है और तनु वीर का हाथ पकड़ कर ऊपर ले जाने लगती है और पलट कर कहती है

“हमारे पति के सामने आवाज और औकात दोनो नीचे”

तभी अनु कहती है पापा बस कीजिए अगर दीदी जीजू के साथ खुश है तो दिक्कत क्या है

अब उदय भान को कुछ बोलना सही नही लगा लेकिन वो हस्ते हुए कहता हैं ठीक है जाओ

और इधर वो तीनो ऊपर जाने लगते है और तनु देखती है की अजय और रोहित उदय भान से बात कर रहे है

फिर वो सब ऊपर आ जाते है जहा घर का एक हिस्सा था ऊपर

राखी उन सब को छोड़ कर नीचे जाने लगी क्युकी वो नीचे ही सोती थी

वीर देखता है घर का ये हिस्सा

काव्या – ही ही ही ये हमारा नन्हा सा घर है 1 कमरा है एक रसोई है और छोटा सा छत

वीर अब छत को देखता है जो दिखने मैं तो छोटी सी है लेकिन पेड़ की छाव आ रही थीं और बहुत प्यारा लग रहा था

तभी वीर को आवाज आती है बहस की जो बहुत जोर से लड़ रही थी दोनो

वीर – दो दो शादियों के बाद का सुकून हू

इधर रूम में

साक्षी – तो तू कोनसा अच्छी है डायन है डायन खून चूसने वाली

तनु – मैने बोला ना बेड पर में सोऊंगी तुम जमीन पर

साक्षी – मैं सोऊंगी बोली ना समझ नही आता क्या काव्या के साथ

तनु – मुझे नी सोना जमीन पर

तभी वीर रूम में जाता है और जमीन पर बिस्तर रखा हुआ था वो उठाया और ले कर काव्या के पास आता है और छत के कोने जहा पेड़ की छाव भी आ रही थी वही पर बिस्तर सजा दिया

और चुप चाप बैठ गया

तभी काव्या कूदती हुई आती है अरे वाह क्या मस्त लग रहा है ही ही ही ही

तनु – देख मुझसे बहस मत करों

तभी साक्षी और तनु बाहर आते है तो देखते है वीर काव्या को जकड़ कर सोया हुआ है

साक्षी – तेरी वजह से वो दोनों भूखे सोए

तनु – कामिनी

साक्षी – हट

तनु – ये सो रहा है इसलिए सुकून हैं वर्ना जाग रहा होता तो एक बवाल ही हैं तुझे गुस्सा नही आतीं

साक्षी – क्या करू हा उसको बोल दूं की अपनी वाइफ को क्यों घूर रहे हों हा

तनु बस साक्षी को देखती है

साक्षी – एक तो हम दोनो का ये कसा हुआ बदन दिन भर घूरता रहता है लेकिन ठीक है कम से कम मैं खुश हो इस वीर से

तनु – वैसे ये वीर इतना भी बुरा नही है डाट खाता रहता है डरता भी है हम दोनो से शायद हम दोनो इसकी इन्ही सब बातों से जीना सीख जाए

साक्षी – हा लेकिन मुझे तो मजा आता है इतने दिन से साथ हूं पीछे पीछे लगा रहता है

तनु – मैं नी जानती कुछ ना ही जानना चाहती हूं

साक्षी – मुस्कील है हमारे लिए आगे बढ़ना लेकिन जैसी इसकी हरकते रहती है ना वो देख कर हसी आ जाती है

तनु – हा वो तो देख रही हूं मैं, शर्म तो है नी बेटी के सामने ऐसे घूर रहे था

साक्षी – 😂 तू अभी ही परेशान हो गई अभी तो शुरुआत है

तनु – मतलब

साक्षी – कुछ नही

तनु – क्या है बता ना

साक्षी – वैसे इसके साथ रहने से भले ही ये चाहे जैसा हो लेकिन अच्छा लगता है कम से कम कोशिश कर रहा है

तनु – कोशिश, मुझे मेरी बेटी की खुशी के आगे सब फीका नजर आ रहा, वो इसके आने से खुश है

साक्षी – हा

तनु – वैसे भी में कुछ नही जानती लेकिन इतना जानती हूं अब अकेला जीना सीख गई इसलिए मैं अब नही मतलब रखना नही चाहती लेकिन मेरी बेटी को में अकेला नी देख सकती थी

साक्षी – बड़ी टाइट हो गई है तू तो

तनु – तेरी हरकते कब ठीक होंगी

साक्षी – सुन जरा ब्रा छुपा कर रखना

तनु – ठीक है समझ गई वैसे इसकी हरकते देख कर समझ नी आता गुस्सा हूं या हसू

साक्षी – मैं चली सोने तू भी चल साथ

तनु और साक्षी उसके अगल बगल लेट जाती है

इधर लेट लेटे साक्षी कहती है तनु

तनु – हा

साक्षी – इसने साबित कर दिया की हम दोनो से प्यार करता है साथ रहना नही बल्कि हमारा साथ चाहता है

तनु – हा इसीलिए दिया है एक मौका जीते ले हमारा दिल तोड़ दे हम दोनो की बेरुखी अगर इतना ही है तो हम एहसाह दिलाए प्यार का अभी तक इसने फैमिली का विश्वास जीता हमारा नही

साक्षी – ऐसे नही तनु हमारे साथ इसने जिस लड़की के लिए ये सब किया इस लड़की के सामने हमारे आगे पीछे घूमे याद है ना उस लड़की के सामने हमारी इज्जत करे उसको भी पता चले की हम अब इसकी वाइफ है हमारा राज चलता है वीर पर

तनु – कल तैयार रहना वो वापिस आ रही है और देखना कल वीर चला जाएगा तेरा सारा घमंड टूट जाएगा

साक्षी – ठीक है लेकिन वादा कर तू अगर वीर हम दोनो को चुनता है तुझे हमारे साथ रहना पड़ेगा शहर चलना है पड़ेगा वीर को एक मौका देना पड़ेगा

तनु – सपने मत देख वीर कभी नही चुनेगा हमे लेकिन वादा करती हूं अगर वीर ने हमारे लिए कल लड़ा हमरा साथ के लिए उसका सामना किया तो मैं उसको एक मौका दूंगी साथ तो रहूंगी ये वादा किया लेकिन उसको हमारा दिल जीतना पड़ेगा

साक्षी – वो तो हैं साथ रहेंगे अब ये इसकी प्रोब्लम है कब जीत पाए हमारा दिल लेकिन हमारा साथ चाहता है हमारे साथ रहना चाहता है तो कल साबित करे

इधर एक रूम में उदय भान सूर्य भान अजय और रोहित बैठे थे

अजय – ही ही ही ही ही कल वो आ रहीं है अब तो वीर चला जाएगा और नही जाएगा तो उसको जाना पड़ेगा जबरदस्ती ही ही ही

रोहित – अब तो भाभी तेरी हो जाएंगी
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