में रूम में आ चुका था और अपने कपड़े उतार कर सिर्फ़ एक बारमोडा पहन कर बेड पर लेट गया…थोड़ी ही देर बाद नीरा रूम में आ गयी उसके हाथ में पानी की बोतल के साथ स्नॅक्स और ड्राइ फ्रूट्स की प्लॅट्स…उसने वो मेरे पास रखी टॅबेल पर रख दिया और मुझे देखने लग जाती है…
में–क्या हुआ ऐसे क्यो देख रही है…
नीरा–आप अपनी कसम कब पूरी करने वाले हो….
में उस पर पिल्लो फेंकते हुए…
में–बदमाश पहले तो मुझे कसम में फसा लिया और अब बेशर्मो की तरह खुद की ही शादी के बारे में पूछ रही है…जब तक तेरी पढ़ाई ख़तम नही होती….तब तक उस बारे में सोचना भी नही…अब चल भाग यहाँ से और खाना खा कर पढ़ने बैठ जा…
नीरा–अगर पढ़ाई हे की बात है…तो में कल ही स्कूल से. अपना नाम कटवा लेती हूँ…ना रहेगा बाँस और ना बजेगी बाँसुरी…
में उसके पीछे भागते हुए…उसे पकड़ लेता हूँ…
में–बाँसुरी की बच्ची मेरे सामने अपना दिमाग़ कम चलाया कर….
तभी नीरा पलट कर मेरे गले से लग जाती है और मेरी नंगी पीठ पर अपने हाथ घुमाते हुए कहती है….
नीरा— में आपका इंतजार पढ़ाई क्या…अपनी जान के जाने तक करूँगी…बस मुझे कभी अकेला मत छोड़ना…उसके बाद नीरा मेरे गाल पर एक जोरदार किस करती है और बाहर भाग जाती है…
रात के 11.30 हो रहे थे तभी अचानक मेरा मोबाइल बजने लगता है…
ये कॉल डॉक्टर आलोक का था…में एक पल कुछ सोचता हूँ और वो कॉल पिक कर लेता हूँ…
डॉक्टर–जय मैने वो डीयेने रिपोर्ट्स रेडी कर ली है, और …वो सारे डीयेने एक दूसरे से मच कर रहे है जैसे एक ही परिवार के हो…मुझे लगा शायद ये जानना तुम्हारे लिए इम्पोर्टेंट होगा इसीलिए टेस्ट ख़तम होते ही मैने तुम्हे फोन कर दिया…
में–सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आपने इस समय कॉल करके ये न्यूज़ सुनाई है…ये मेरे एक दोस्त के परिवार के सॅंपल थे जो मैने आपको टेस्ट करने के लिए दिए थे…कुछ ग़लतफ़हमियाँ होगयि थी उन सभी को इस लिए वो टेस्ट आपसे करवाने पड़े…
डॉक्टर–ठीक है जय मेरा काम अब ख़तम हुआ…कल किसी भी वक़्त आकर तुम वो रिपोर्ट्स ले जा सकते हो…
बाइ गुड नाइट…….
मैने अब तक उस बोतल में से केवल 3 हे पेग बना कर पिए थे…डॉक्टर. के फोन आने के बाद खुशी की अधिकता की वजह से जो भी पिया उसका थोड़ा भी नशा मुझ पर नही हुआ….
तभी मेरे दरवाजे पर दस्तक होती है..में उठ कर दरवाजा खोलने से पहले वो सारा सामान अपने बेड के नीचे सरका देता हूँ…और दरवाजा खोल देता हूँ…
सामने मम्मी खड़ी थी…उन्होने उस वक़्त एक साधारण सा साड़ी ब्लाउस पहन रखा था….लेकिन मम्मी उस में से भी मुझे काफ़ी सुंदर लग रही थी…
मम्मी को देखते ही मैने उन्हे अपनी बाहो में भर लिया और उनके गालो पर किस करने लगा..
मम्मी–अरे….अरे…पागल छोड़ मुझे क्या कर रहा है….आज इतना प्यार कैसे आ रहा है अपनी माँ पर…
में–मम्मी आज में बहुत खुश हूँ…और ये कहने के साथ ही मेने उन्हे और ज़ोर से भीच लिया खुद की बाहो में…
मम्मी–जय ऐसी क्या बात है जो मुझे इस तरह भीच रहा है…मुझे मारेगा क्या….छोड़ मुझे मेरा दम घुट रहा है…
मैने उनकी ये बात सुनकर अपनी पकड़ थोड़ी ढीली कर दी…और मेरी पकड़ ढीली होते ही वो ज़ोर ज़ोर से साँस लेने लगती है…
में–सॉरी मम्मी….वो बात ही कुछ ऐसी थी कि में खुशी के मारे आपको ज़ोर से हग कर बैठा…
मम्मी–अब मुझे बताएगा भी या अकेला ही खुश होता रहेगा…
में–मम्मी में आपका और पापा का ही बेटा हूँ…मैने उन सभी बालो का डीयेने टेस्ट करवाया था और इस से साबित हुआ कि मेरे अंदर पापा का खून है…में नाजायज़ नही हूँ माआ…..
मम्मी की आँखो में अब आँसू आ गये थे और इस बार उन्होने मुझे कस कर गले लगा लिया…
मम्मी–जय तूने आज ये बात बोलकर मेरे सीने से बहुत बड़ा बोझ उतार दिया है…
में–मम्मी में बस आपको खुश देखना चाहता हूँ…
मम्मी–तेरे मुँह से शराब की गंध कैसे आ रही है….तूने आज शराब पी है क्या….
में अपना सिर झुकाते हुए हाँ में अपनी गर्दन हिला देता हूँ…
मम्मी–सारी पी गया या मेरे लिए भी कुछ बचाया है….ये तो खुशी का मोका है…
में वहाँ से हट कर अपने बेड के नीचे से सारा सामान निकाल देता हूँ…और वापस उसे टॅबेल पर रख देता हूँ…
मम्मी मेरे बगल में ही आकर बैठ गयी थी बेड पर….और में उठ कर किचन में से ग्लास लेने चला जाता हूँ…
फिर रूम में आकर हम दोनो का ग्लास भरने के बाद मम्मी को एक ग्लास पकड़ा देता हूँ…
मम्मी उसे एक ही साँस में गटक जाती है….और उस खाली ग्लास को सामने टॅबेल पर रखते हुए कहती है….
मम्मी–ये शराब ज़्यादा मत पिया कर…ये सब कुछ खराब कर देती है…
में मम्मी को बस देखे ही जेया रहा था…तभी अचानक फिर से दरवाजे पर दस्तक होती है…में उठ पाता उस से पहले नीरा रूम में आ जाती है….वो हम दोनो को इस तरह शराब पीता देख, हम लोगो को बस एक टक देखती रहती है….
में वहाँ से उठता हूँ और नीरा को अपनी गोद में उठा कर बेड पर लेटा देता हूँ….और उसका सिर अपनी एक जाँघ पर रख देता हूँ….
में–मम्मी–में आपसे एक बात करना चाहता हूँ…
मम्मी नीरा के सिर पर हाथ फेरते हुए कहती है…
मम्मी–बोल जय क्या बात है….ऐसी कौनसी बात है जिसे कहने के लिए तुझे मेरी पर्मिशन की ज़रूरत पड़ गयी है…..
में–मम्मी इस पागल ने मुझ से एक कसम ले ली है….और मुझे समझ में नही आरहा कि में वो कैसे पूरी करूँ…
मम्मी–ऐसी कौनसी कसम में फसा दिया तुझे इस पागल ने जो तुझ से पूरी नही हो रही है…
में–मम्मी ये मुझ से शादी करना चाहती है ….
मम्मी–तो कर ले फिर…..क्या कहा तूने…
मम्मी ने चोंक कर एक बार फिर मुझ से पूछा…
में–मम्मी हम दोनो शादी करना चाहते है…. इस बार मेरी आवाज़ में धृड़ता थी.
मम्मी–ये कैसी बात कर रहा है जय…तुम दोनो भाई बहन हो ये पासिबल नही है…छुप कर नाजायज़ रिश्ते बनाना आसान होता है लेकिन इस तरह सबके सामने शादी करना नामुमकिन…
में–मम्मी हम दोनो यहाँ से बहुत दूर चले जाएँगे जहाँ हमे कोई जानता ना हो…
मम्मी –तू ये कैसी बाते कर रहा है जय….माना मुझ से भी ग़लती हुई थी इसलिए में तुम लोगो के साथ ज़ोर ज़बरदस्ती नही कर सकती….लेकिन फिर भी तुम दोनो मेरे बच्चे हो में कैसे देख पाउन्गि ये सब…
मैने अपनी जाँघ पर कुछ गीलापन महसूस किया जो कि नीरा के आँसुओ की वजह से हो गया था मैने उसको रोता देख उसे अपने सीने से लगा लिया….और मम्मी से कहने लगा…
में–मम्मी में कसम खा चुका हूँ अब मुझे कोई नही रोक सकता…नीरा के कॉलेज के बाद में उस से शादी करूँगा…चाहे कुछ भी हो जाए…
नीरा–सुबक्ते हुए….भैया मेरी वजह से आप घर मत छोड़ना…में ही सब कुछ छोड़ कर चली जाउन्गि…
में–तू जहाँ भी जाएगी मेरे साथ ही जाएगी…
नीरा मेरी बाहो में बिल्कुल किसी बच्चे की तरह समा रही थी…और मम्मी पता नही क्या सोचे जा रही थी…
मम्मी–कोई कहीं नही जाएगा….अगर तुम दोनो बे फ़ैसला कर ही लिया है तो ठीक है…लेकिन मुझे बस एक बात का जवाब दो….नेहा का में क्या करूँ??
नेहा को खुश रखने की आख़िरी उम्मीद मुझे तू ही दिख रहा था….लेकिन शाआद उसकी किस्मत में दुख ही लिखे है….
नीरा–मम्मी अगर आप नेहा भाभी की शादी भैया से करवाना चाहते हो तो मुझे इसमें कोई हर्ज नही है….में भाभी को अपनी सोतन मानने को रेडी हूँ….लेकिन सिर्फ़ एक शर्त है….भाभी जब तक खुद भैया से शादी के लिए हाँ नही कहेंगी उन से इस बारे में कोई कुछ नही कहेगा….
अगर उनकी किस्मत में भैया का प्यार लिखा है तो कभी ना कभी वो इनको मिल ही जाएगा…
मम्मी–ये किस्मत विस्मत कुछ नही होती…ना किसी ने कल क्या होने वाला है किसी ने देखा है….में सुबह ही नेहा से इस बारे में बात करूँगी….
में–नही मम्मी आप भाभी से इस बारे में कोई बात नही करोगी….और रही किस्मत की बात तो…जब में उस रात को घर छोड़ कर निकला था….मुझे हर बात पर यकीन हो गया है..इसलिए आपको भाभी से कोई बात नही करनी है….
मम्मी–ठीक है में कोई बात नही करूँगी….लेकिन अगर मुझे लगा कि वो अकेले नही रह पा रही है , उस पल में उस से बात ज़रूर करूँगी…. इतना बोलकर मम्मी बेड पर से उठ गयी और नीरा का हाथ पकड़ कर लेजाते हुए बोली…
मम्मी–अभी तेरी शादी नही हुई है…इसलिए अब से तू अकेले जय के साथ नही रहेगी….चल मेरे साथ और अपने रूम में जाकर चुप चाप सो जा …..
मम्मी की ये बात सुबकर नीरा उनसे अपना हाथ छुड़ा कर मेरे पास आई…और मेरे गालो पर एक ज़ोर दार किस करते हुए….
नीरा–अब जल्द ही हम दोनो की शादी हो जाएगी….उसके बाद हमे कोई अलग नही कर सकेगा….
फिर नीरा और मम्मी रूम से बाहर चले जाते है…
में मुस्कुराता हुआ शराब की उस बोतल को देखने लगता हूँ वो अभी तक आधी ही हुई थी…
मैने बोतल खाली करते हुए तीन बड़े बड़े पेग बोतल से बनाए और जल्दी जल्दी पी जाता हूँ…
अब मुझे नशा चढ़ गया था और में बेड पर लुढ़क जाता हूँ…और सपनो में खो जाता हूँ…
में पूरी तरह से बेहोशी की नींद में था…
तभी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैने अपनी जाँघ पर कुछ गीलापन महसूस किया जो कि नीरा के आँसुओ की वजह से हो गया था मैने उसको रोता देख उसे अपने सीने से लगा लिया….और मम्मी से कहने लगा…
में–मम्मी में कसम खा चुका हूँ अब मुझे कोई नही रोक सकता…नीरा के कॉलेज के बाद में उस से शादी करूँगा…चाहे कुछ भी हो जाए…
नीरा–सुबक्ते हुए….भैया मेरी वजह से आप घर मत छोड़ना…में ही सब कुछ छोड़ कर चली जाउन्गि…
में–तू जहाँ भी जाएगी मेरे साथ ही जाएगी…
नीरा मेरी बाहो में बिल्कुल किसी बच्चे की तरह समा रही थी…और मम्मी पता नही क्या सोचे जा रही थी…
मम्मी–कोई कहीं नही जाएगा….अगर तुम दोनो बे फ़ैसला कर ही लिया है तो ठीक है…लेकिन मुझे बस एक बात का जवाब दो….नेहा का में क्या करूँ??
नेहा को खुश रखने की आख़िरी उम्मीद मुझे तू ही दिख रहा था….लेकिन शाआद उसकी किस्मत में दुख ही लिखे है….
नीरा–मम्मी अगर आप नेहा भाभी की शादी भैया से करवाना चाहते हो तो मुझे इसमें कोई हर्ज नही है….में भाभी को अपनी सोतन मानने को रेडी हूँ….लेकिन सिर्फ़ एक शर्त है….भाभी जब तक खुद भैया से शादी के लिए हाँ नही कहेंगी उन से इस बारे में कोई कुछ नही कहेगा….
अगर उनकी किस्मत में भैया का प्यार लिखा है तो कभी ना कभी वो इनको मिल ही जाएगा…
मम्मी–ये किस्मत विस्मत कुछ नही होती…ना किसी ने कल क्या होने वाला है किसी ने देखा है….में सुबह ही नेहा से इस बारे में बात करूँगी….
में–नही मम्मी आप भाभी से इस बारे में कोई बात नही करोगी….और रही किस्मत की बात तो…जब में उस रात को घर छोड़ कर निकला था….मुझे हर बात पर यकीन हो गया है..इसलिए आपको भाभी से कोई बात नही करनी है….
मम्मी–ठीक है में कोई बात नही करूँगी….लेकिन अगर मुझे लगा कि वो अकेले नही रह पा रही है , उस पल में उस से बात ज़रूर करूँगी…. इतना बोलकर मम्मी बेड पर से उठ गयी और नीरा का हाथ पकड़ कर लेजाते हुए बोली…
मम्मी–अभी तेरी शादी नही हुई है…इसलिए अब से तू अकेले जय के साथ नही रहेगी….चल मेरे साथ और अपने रूम में जाकर चुप चाप सो जा …..
मम्मी की ये बात सुबकर नीरा उनसे अपना हाथ छुड़ा कर मेरे पास आई…और मेरे गालो पर एक ज़ोर दार किस करते हुए….
नीरा–अब जल्द ही हम दोनो की शादी हो जाएगी….उसके बाद हमे कोई अलग नही कर सकेगा….
फिर नीरा और मम्मी रूम से बाहर चले जाते है…
में मुस्कुराता हुआ शराब की उस बोतल को देखने लगता हूँ वो अभी तक आधी ही हुई थी…
मैने बोतल खाली करते हुए तीन बड़े बड़े पेग बोतल से बनाए और जल्दी जल्दी पी जाता हूँ…
अब मुझे नशा चढ़ गया था और में बेड पर लुढ़क जाता हूँ…और सपनो में खो जाता हूँ…
में पूरी तरह से बेहोशी की नींद में था…
तभी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
में पूरी तरह से बेहोशी की नींद में था…
तभी मेरे रूम का दरवाजा खुलता है और एक साया मेरे सिर के पास आकर बैठ जाता है….सब से पहले वो अपने होंठो से मेरे होंठो पर किस करता है…उसके बाद उसका हाथ धीरे धीरे मेरे नंगे सीने से सरकता हुआ मेरे बरमोडे में घुसने लगता है….
शराब के नशा और थकान से भरी नींद की वजह से मुझे कुछ भी होश नही था मेरे साथ क्या हो रहा है…उस साए ने मेरे बरमोडे में हाथ डालकर मेरे लिंग को सहलाना शुरू कर दिया….
मानव शरीर की कुछ इंद्रिया ऐसी होती है जो दिमाग़ के सोए रहने पर भी जाग्रत हो जाती है….उन्ही इंद्रियो में से लिंग भी एक है.,.
मेरा लिंग पूरी तरह से ताव में आचुका था और उस साए ने अपनी पकड़ लिंग पर मजबूत बना ली…
अगले ही पल उसने अपना हाथ बाहर निकाला और मेरे बरमूडे को मेरी टाँगो के नीचे तक सरका दिया…
कुछ पल तक वो साया मेरे पूरी तरह से तन्नाये लिंग को देखता रहा और अगले ही पल वो खुद के कपड़े उतारने लग गया….उसने अपने एक हाथ से मेरा हाथ उठा कर अपने चेहरे पर घुमाया फिर अपने बूब्स पर मेरे हाथ को रगड़ने लगा…
उसके बाद वो मेरे एक पैरों पर बैठ गयी और मेरा पूरा लिंग जड़ समेत अपने मुँह में भर कर उसे चूसने लगी…वो बिना घबराए मेरे लिंग को लगातार चूसे जा रही थी…तभी वो मेरे घुटने पर अपनी चूत को रगड़ने लग गयी…
में इस समय एक सपना देख रहा था जिस में रिया मेरे लिंग को चूसे जा रही थी…लेकिन में ये नही जानता था कि सपने से बाहर भी कोई मेरे जिस्म से अपनी आग बुझा रहा है…
वो मेरे घुटने पर अपनी चूत रगड़ते रगड़ते झड़ने लगी और उसी वक़्त में भी उसके मुँह में अपना लावा भरने लग जाता हूँ…
अब सब तरफ शांति छा गयी थी सपने में रिया और में भी शांत थे…और सपने के बाहर वो साया भी…उसके बाद उसने मेरे बरमूडा वापस उपर कर दिया…और अपने कड़े पहन कर वो साया बाहर चला गया….और में घनघौर नींद में आनद की अनुभूति करते हुए सोया पड़ा रहा….
सुबह एक हाथ लगातार मेरे कंधे को झींझोड़े जा रहा था…
भैया….भैया…उठो जल्दी उठो देखो सूरज सिर पर आ गया है और आप अभी तक सो रहे हो….
ये आवाज़ में पहचानता था….इतने सालो से जो मुझे नींद में से उठा रही थी ये आवाज़…
में–नींद में ही….क्या हुआ दीदी सोने दो ना…
रूही–अबे उठ जा बाहर चाचा जी इंतजार कर रहे है नाश्ते पर…
दीदी की ये बात सुनकर में चोंक कर बैठ जाता हूँ…चाचा जी….
में–तुम लोग कब आए…
रूही– हम लोग सुबह ही आए है , अब जल्दी चलो चाचा जी बुला रहे है….
उसके बाद रूही वहाँ से चली जाती है और में हाथ मुँह धोकर बाहर हॉल में आजाता हूँ…वहाँ सभी लोग बैठे हुए थे बस भाभी ही वहाँ नही थी…
चाचा–रात को देर तक जागता रहा क्या जय…
में–नही चाचा जी वो थकान की वजह से नींद थोड़ी ज़्यादा गहरी आ गयी थी…
चाचा–चल ठीक है आजा बैठ नाश्ता कर तेरी चाची ने आज आलू और मूली के परान्ठे बनाए है ….
में–तब तो बैठना हे पड़ेगा पता नही क्यो मुझे भी बड़े ज़ोर की भूक लग रही है…
मम्मी–रात को खाना नही खाएगा तो भूक तो लगेगी ही…
में–तभी में सोचु मुझे इतनी ज़ोर से भूक क्यो लग रही है रात को तो में खाना बिना खाए ही सो गया था…
चाचा–बेटा एक बात कहनी थी तुम से…
में–हाँ चाचा जी बोलिए क्या बात है…
चाचा–बेटा में सोच रहा था कोमल और दीक्षा का अड्मिशन इसी शहर में करवा दूं..तुम सब के साथ ये दोनो रहेंगी तो अच्छे बुरे की समझ भी आज़एगी और आगे पढ़ भी लेगी………
में–चाचा जी आपके कहने से पहले ही में इन दोनो से बात कर चुका हूँ….नीरा भी अभी स्कूल में बात कर लेगी और में भी कल कॉलेज में जाकर बात कर लूँगा….आप चिंता ना करे…
चाचा–तब फिर ठीक है अब में निश्चिंत होकर गाँव जा सकता हूँ….
में–चाचा जी में ऐसे नही जाने दूँगा आपको यहाँ से…कुछ दिन तो हमारे साथ रहना ही होगा…
चाचा–बेटा मुझे और तेरी चाची को जाना ही पड़ेगा नयी फसल लगाने का टाइम अब आ गया है इसलिए मुझे रोक मत…
में–ठीक है चाचा लेकिन जैसे ही आप लोग काम से फ्री हो जाओगे आप सीधा यहाँ आओगे…
चाचा–ठीक है बेटा जैसा तू चाहे…बल्कि में तो ये चाहूगा जब तुम लोगो की छुट्टियाँ हो तब एक बार तुम सब लोग गाँव ज़रूर आओ…
में–हाँ चाचा जी हम लोग ज़रूर आएँगे…
चाचा–ठीक है बेटा में यहाँ के बाज़ार घूम कर आता हूँ…खेती के लिए बीज और खाद सोच रहा हूँ यही से ले जाउ….
में–जैसा आप चाहे चाचा जी….
उसके बाद नीरा स्कूल चली गयी और चाचा बाज़ार मुझे कॉलेज जाना था लेकिन मैने आज कॉलेज जाने का प्रोग्राम कंसिल कर दिया…
चाची–जय तेरे लिए परान्ठे और लेकर आउ…
में –नही चाची…मेरा पेट भर गया है अब…
चाची मेरे पास खड़ी होकर बोलती है…
चाची–तू आज कॉलेज नही जाएगा क्या….
में–नही चाची ….में आज आप से कुछ बात करना चाहता हूँ…इसलिए कॉलेज नही जा रहा…
चाची–अरे वाह मुझ से बात करनी है इसलिए तू कॉलेज नही जा रहा ….आज कुछ ख़ास बात करनी लगता है…
में–हाँ चाची बात तो ख़ास ही है लेकिन में आप से थोड़ी देर अकेले में बात करना चाहता हूँ..आप मेरे रूम में चलिए में अभी आता हूँ हाथ धो कर…
में हाथ धो कर रूम में पहुँच जाता हूँ…चाची वहाँ मेरी कुछ बुक्स देख रही थी…मुझे रूम में आता देख कर उन्होने वो बुक्स वही रख दी और कहने लगी….
चाची– हाँ बोल क्या बात है……ऐसी क्या बात करनी थी तुझे अकेले में…….
मैने अंदर आने के बाद दरवाजा लॉक कर दिया और चाची की तरफ बढ़ने लगा…
में–चाची में आपसे ये जानना चाहता हूँ आपने मेरी बहनों को मुझ से दूर क्यो किया….
चाची–पागल ये कैसा सवाल है….में भला क्यो तेरी बहनों को तुझ से दूर करूँगी…
में–चाची मुझे सब पता चल गया है….कोमल और दीक्षा किसका खून है….में बस आपसे सच सुनना चाहता हूँ…
चाची–ये क्या बकवास कर रहा है तू…मुझे अब बाहर काम है में बाहर जा रही हूँ…..
मैने चाची को अपने बाहो में भरते हुए….आप क्यो सोई थी पापा के साथ….में ये सच जाने बिना आपको कहीं नही जाने दूँगा…
चाची की आँखो में अब आँसू आचुके थे….और वो अपनी सारी भडास निकालती चली गयी….जब उनके दिल का बोझ कम हुआ तो वो मेरे सामने किसी निर्जीव प्राणी को तरह खड़ी थी…
मैने अपना हाथ आगे बढ़कर उनके सीने से उनका पल्लू हटा दिया….
वो अचानक मेरी इस हरकत से वापस होश में आजाती है….
चाची ये क्या कर रहा है तू…..में तेरी चाची हूँ….तुझे ये सब शोभा नही देता….