24 दो से भले तीन
डॉली के इन लफ़्जों ने सोनिया को और उलझन में डाल दिया, “क्या मतलब ? मेरी तो समझ में कुछ भी नहीं आ रहा !”
“मतलब मेरे बड़े भाई तुम्हें बेहतर समझा सकते हैं।”, अपने भाई की माँसल गाँड पर च्यूटी भरती हुई बोली।
“राज ! मुझे लगता है कि तुम्हारी बहन शायद मेरी मम्मी और डैडी से हमारी चुगल करने की धमकी दे रही है ?” सोनिया अब काफ़ी परेशान लगने लगी थी।
“नामुमकिन! उल्टा मुझे तो ऐसा लगता है कि पछता रही कि जरा देर से यहाँ आयी। मैं अपनी बहन को अच्छी तरह से पहचानता हूं। पक्का वो भी बिस्तर में हमारे साथ शामिल होना चाहती है।” राज ने बदमाश्ही से मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “क्या कहती हो सोनिया ? कर लें शामिल ?”
“पर डॉली तो तुम्हारी सगी बहन है ना ?” सोनिया इलज़ाम सा लगाते हुए पूछा। सोनिया जानती थी कि अपने भाई के साथ बाथरूम में सुबह ऐसी ही करतूतें करने के बाद वो किसी पर ऐसा इल्ज़ाम लगाने की हक़दार नहीं थी।
“बहन है तो क्या ? बहन को क्या मोहब्बत का इजहार नहीं किया जा सकता ? ईमान से कहूं तो मैं तो बहन को रोजाना चुदता हूं।” राज ने शेखी बघारी, और अपनी मम्मी को भी। अरे भाई, इस दुनिया में ये दो शख्स ही तो मुझे सबसे प्यारे हैं! दिल में जो उनसे प्यार-मुहब्बत है, उसका अपने लन्ड से इजहार करता हूं! और दोनों मुझसे बे-इन्तेहाँ मुहब्बत करती हैं, जिसका इजहार अपनी चूतों से करती हैं ? लो कर लो बात, इसमें क्या बुराई है। ?” अपने तसाव्वुर में राज को अपनी मम्मी और बहन से चुदाई करते हुए देख कर सोनिया की चूत की लन्ड पर जुबिश और बढ़ गई।
“हाँ, मुहब्बत में कैसे बुराई ?” लजाती हुए सोनिया ने डॉली के चेहरे को देखा।
मुहब्बत जब बे-इन्तेहाँ हो तो इजहार भी लाजिमी है। राज की बात कहूं तो मेरे मन में भी आजकल ऐसी ही मुहब्बत जाग रही है।” सोनिया बोली।
वाकई ? कौन है वो खुशक़िस्मत ?” डॉली ने पूछा। सोनिया अपना राज खोलने में कुछ हिचकिचाई, पर हिम्मत कर के बोलि।
मेरे डैडी और मेरे भाई !” सोनिया ने झंपते हुए अपने जुर्म का इक़बाल किया। फिर सोनिया ने सारा माजरा कह दिया। अपने मम्मी-डैडी को जो देखा था, फिर उसका सपना, अपने भाई के साथ बाथरूम में की करतूत और अपने डैडी के साथ सुबह पूल के पास हुई आँख-मिचौली।।
“खुदा का क़रम है! अब समझ में आयी कि दोपहर को मुझ पर क्यों ऐसे लपक रही थी तू! इतना सब हो जाने के बाद तेरी चूत में आग लग रही होगी।”, राज सोनिया के मम्मों को मसलता हुआ बोला। उसका लन्ड अभी भी सोनिया की टाइट, गरम चूत में क़ायम था, हालंकि पहले से कुछ कम तना हुआ। । “अब बातें ही करते रहेंगे कि कुछ चुदाई भी करोगे ?’, डॉली ने अपने कपड़े उतारने के लिये खड़े होते हुए पूछा।
दोनों ने डॉली को अपना सलवार सूट उतारते हुए देखा। अपनी मम्मी की तरह ही उसके बाल लम्बे और सुनहरे थे। ब्रा नहीं पहन रखी थी। जैसे ही उसके सेब जैसे मम्मे कपड़ों के क़ब्जे से छूटे, उन्हें देख कर सोनिया के बदन में ऐसी शोरिश हुई, जो उसने पहले कभी महसूस नहीं की थी। राज ने भी सोनिया के बदन के अन्दर चन्द पलों से ठन्डे पड़े शोलों के पुर – तशद भभक उठने से उसकी चूत में आयी तरावट को अपने लन्ड पर महसूस किया।
“डॉली, आओ ना हमारे साथ बिस्तर में।” सोनिया ने उसका इस्तेक़बाल किया, “हाय! ऐसे न देखो मुझे !” ।
“शर्माती क्यों है मुई ? ले में आ गयी।”, डॉली अपने सलवार को उतार कर ऐड़ियों से अलग करती हुई बोली। बिस्तर पर दोनों सोनिया और राज उसे अपने कपड़े उतारते हुए देख रहे थे। डॉली ने अपनी पैन्टी नही उतरी, और दोनों के पास अपनी जाँघों को पूरी तरह फैला कर बैठ गयी।
राज अपनी बहन की जानी-पहचानी चूत को पैन्टी पर रिसते हुए देख कर मुँह से लार टपकाता हुआ होठों पर जीभ फेर कर मुस्कुराने लगा। डॉली ने उसकी कमीनगी-भरी हरकत को देख कर मुस्कुरा कर पूछाः ।
“भाई, भूखे हैं क्या ?”, डॉली आहें भरती हुई अपनी उंगलियों से पैन्टी पर अपने पेड़ को मलते हुए बोली। पतले नायलॉन कपड़े के पार भी अपनी चूत के सोज का एहसास उसे हो रहा था। राज जानता था की हस्तमैथुन करते सम उसकी बहन पैन्टी पहने रहती है। उसे अपनी लसलसी चूत पर गीले नायलॉन का एहसास एक अतिरिक्त मजा देता था।
“खुदा क़सम ! बड़ी हसीन लग रही हो, शब्बो !” अपनी बहन की उंगलीयों को पैन्टी के पतले कपड़े को चूत में डालता देख राज शराबी अन्दाज में बोला और अपना लन्ड सोनिया की चूतं में चलाने लगा।
“बड़े भाई, आज चूत – चाटाई का शोक़ नहीं फ़रमायेंगे आप ?”, डॉली अपनी पैन्टी के इलास्टिक को खींच कर अपनी गीली चूत के गुलाबी नजारे की राज को एक झलक दिखाते हुए मुस्कुराती हुई बोली।