शनिवार को शॅरन अपने बेटे से मिलने उसके बोरडिंग स्कूल जा रही थी & फिर दूसरे दिन लौटते समय उसे टोनी से भी मिलना था.इस वजह से ठुकराल के पास शनिवार सुबह से रविवार शाम तक का समय था कामिनी के साथ रंगरलिया मनाने का.
शनिवार को कामिनी 11 बजे ठुकराल की कार मे बैठ गयी & 40 मिनिट बाद वो उस कार से उसके बंगल के अंदर उतर रही थी.माधो ने उसे पहली मंज़िल पे बने ठुकराल की ऐषगाह तक पहुँचा दिया & खुद वाहा से चला गया.कामिनी अभी भी बुर्क़ा पहने हुए थी.
“वाउ!”,उसने ऐषगाह को हैरत भरी निगाहो से देखा.
“वेलकम,कामिनी जी,वेलकम!”,ठुकराल 1 बातरोब पहने हुए था & उसके चेहरे पे मुस्कान खेल रही थी,”..आपने तो आज इस खाकसार के ग़रीबखाने की इज़्ज़त बढ़ा दी.”
“ये ग़रीबखाना है,ठुकराल साहब?!”,ऐशागाह की हर 1 चीज़ वैसे भी बस जिस्मो के खेल को ध्यान मे रख के बनाई गयी थी & सोफे के उपर की नंगी मूर्तिया & बाकी नंगी पेंटिंग्स देख के कामिनी का वो शक़ की ठुकराल औरतो का रसिया है अब पूरे यकीन मे बदल गया.
“आपके हुस्न के सामने तो ये कुच्छ भी नही,कामिनी जी,..अब इस बुर्क़े को हटा के हम पर मेहेरबानी कीजिए & हमारी प्यासी आँखो को अपने बेमिसाल हुस्न का दीदार कराईए.”
कामिनी ने मुस्कुराते हुए अपना बुर्क़ा उतार दिया.ऐसा करते ही ठुकराल के चेहरे की मुस्कान गायब हो गयी & उसके चेहरे पे वासना की परच्छाई आ गयी.कामिनी ने 1 गोलडेन कलर की स्लीव्ले,शॉर्ट ड्रेस पहनी थी जोकि उसके घुटनो से करीब 8 इंच उपर थी,उसके पैरो मे घुटनो तक के बूट्स थे.कसे लिबास मे उसके सारे उभार और निखर के सामने आ रहे थे.कामिनी ने ठुकराल की हालत तो देख ली थी मगर अंजान बनते हुए वो उसकी तरफ पीठ कर 1 बार फिर से ऐषगाह को निहारने लगी.
“ओह्ह्ह….क्या कर रहे हैं?!”,ठुकराल ने उसे पीछे से अपनी बाहो मे भर लिया था & उसके बॉल चूमने लगा था,”..घर आए मेहमान से आप ऐसा ही सलूक करते हैं क्या?ना पानी पुचछा ना ही बैठने को कहा बस शुरू हो गये!”,कामिनी ने नखरे भरे अंदाज़ मे कहा.
“आइए बैठ के बात करते हैं.”,ठुकराल ने उसे खींचा & सोफे पे बैठ उसे अपनी गोद मे बिठा लिया & अपनी बाई बाँह उसकी पतली कमर मे डाल दी,”..& ये लीजिए,अंगूर का पानी पीजिए.”,उसने मेज़ से उठा के वाइन का ग्लास उसकी ओर बढ़ाया.
“उउन्ण….बस..मैं दिन मे नही पीती.”,कामिनी ने 1 घूँट भर के ग्लास वापस मेज़ पे रख दिया.
“सही कहा,आपके जैसी नशीली चीज़ को नशे की क्या ज़रूरत!”,ठुकराल ने दाए हाथ से उसके चेहरे को नीचे झुकाया & उसके होंठो को अपने होंठो से सटा दिया.
“अफ….कितने बेसबरे हैं आप.”,कामिनी ने किस तोड़ कर अपनी डाई बाँह उसके गले मे डाल दी & बाए हाथ से उसके चेहरे को सहलाने लगी.
“आपके जैसी हुसनपरी देख के तो फरिश्ते भी सब्र भूल जाएँ मैं तो अदना सा इंसान हू.”,ठुकराल ने उसे फिर झुका के चूम लिया.कामिनी ने फिर छूटना चाहा मगर इस बार ठुकराल उसे छ्चोड़ने के मूड मे नही था.वो बड़ी शिद्दत एक साथ उसके होंठ चूमने लगा.थोड़ी ही देर मे कामिनी के दिल मे भी मस्ती भरने लगी & वो उसके सर को थामे उसकी किस का जवाब देने लगी.ठुकराल का बाया हाथ तो कामिनी की कमर सहला रहा था & दाया उसके बूट्स & ड्रेस के बीच से दिख रही उसकी जाँघो को सहला रहा था.
कभी वो अपनी ज़ुबान कामिनी के मुँह मे डालता तो कभी कामिनी उसके मुँह मे अपनी ज़ुबान घुसा उसकी जीभ से लड़ा देती.ठुकराल ने 1-1 करके उसके दोनो बूट्स उतार दिए & उसकी गोरी टॅंगो & मखमली जाँघो पे अपने हाथ फेरने लगा.कामिनी की मस्ती अब और बढ़ गयी थी.उसने बेचैन हो साँस लेने की गरज से अपने होंठ ठुकराल के होंठो से अलग किए तो ठुकराल ने उन्हे उसकी गर्दन पे लगा दिया.कामिनी को नीचे अपनी गंद पे बातरोब के भीतर से चुभता उसका लंड महसूस हो रहा था & उसे उसकी लंबाई का अंदाज़ा हो गया था.
कामिनी का प्लान था ठुकराल को अपने जिस्म की हवस मे अँधा कर उस से उसके राज़ निकलवाना & इसके लिए ज़रूरी था की वो उसपे पूरा भरोसा करे & ये तभी मुमकिन था जब वो पूरे दिल से उसके साथ चुदाई मे शरीक होती.ठुकराल की हर्कतो & लंड के एहसास से उसे यकीन हो गया था की उसे इस काम मे ना केवल कोई भी परेशानी नही होगी बल्कि शायद बहुत मज़ा भी आएगा.
“उउन्ण….नही..!”,उसने अपनी जाँघो से फिसलते ठुकराल के डाए हाथ को अपनी ड्रेस मे घुसने से रोकना चाहा & उसकी कलाई पकड़ ली मगर ठुकराल भी पुराना खिलाड़ी था.उसने 1 बार फिर उसके होंठो को अपने होंठो की गिरफ़्त मे ले लिया & जैसे ही कामिनी उसकी किस से मदहोश होने लगी उसने फ़ौरन हाथ को उसकी ड्रेस मे घुसा दिया & उसकी पॅंटी के उपर से उसकी चूत पे फिराने लगा.
“उउन्न्ह…उऊन्ह…!”,कामिनी चूमते हुए आहे भरते हुए छटपटाने लगी तो ठुकराल ने उसकी पॅंटी के किनारे से अपनी बीच की लंबी उंगली को घुसा सीधा उसके दाने पे लगा दिया & गोल-2 घूमने लगा.कामिनी तो मस्ती मे पागल हो गयी & ठुकराल के कंधो पे बाहे रख उसके सर के बॉल नोचती हुई उसे चूमती हुई अपनी कमर हिलाने लगी.ठुकराल ने उसे मज़बूती से थाम के पाने लंड पे बिठाए हुए उसे चूमते हुए उसके दाने पे उंगली चलाना जारी रखा.
कामिनी की चूत पानी छ्चोड़े जा रही थी & कामिनी अब हवा मे उड़ रही थी.उसने किस तोड़ी & ठुकराल के सर को अपनी बाहो मे कस लिया.जोश से उसकी चूचिया और फूल गयी थी & ड्रेस के गले मे से उसका क्लीवेज झाँकने लगा था.ठकुराल ने उसे थामे हुए उसके दाने को रगड़ते हुए उसके क्लीवेज को चूमना शुरू कर दिया.कामिनी के लिए बात अब बर्दाश्त के बाहर थी,उसने ठुकराल के सर को अपने सीने पे दबा दिया & उसकी उंगली की रगड़ ने उसके दाने को ऐसे छेड़ा की वो ज़ोर-2 से आहे भरते हुए झड़ने लगी.
ठुकराल ने उसकी पॅंटी से अपना हाथ निकाला & उसकी नशीली आँखो मे झाँकते हुए अपनी उंगली पे लगे उसकी चूत के रस को चाट लिया तो कामिनी ने उसके चेहरे को चूम लिया.ठुकराल ने उसकी पीठ पे लगे ज़िप को नीचे किया & उसकी पीठ पे हाथ फिराने लगा.कामिनी 1 बार फिर उसके होतो को चूमने लगी तो ठुकराल ने उसकी ड्रेस के स्ट्रॅप्स को कंधो से नीचे खींचना चाहा.
उसके ऐसा करते ही कामिनी उसके होंठो को छ्चोड़ हँसती हुई उसकी गोद से उतर गयी & उसके सामने खड़ी हो गयी.फिर उसने अपनी बाहे अपनी छातियो के नीचे लगाके बाए हाथ से दाए स्ट्रॅप & दाए से बाए स्ट्रॅप को नीचे किया & फिर बड़े नशीले अंदाज़ मे बदन को मटकते हुए ड्रेस को अपने जिस्म से अलग कर दिया.
उसने नीचे ब्रा नही पहनी थी & ड्रेस हटते ही उसकी बड़ी-2,मस्त चूचिया नंगी ठुकराल की आँखो के सामने चमक उठी & उसका मुँह उनकी खूबसूरती,उनके आकार & उनकी कसावट को देख के आश्चर्या से खुल गया.वो सर से पाँव तक कामिनी के हुस्न को निहारने लगा.उसने आज तक उसके जैसी खूबसूरत लड़की नही देखी थी..लगता था मानो 1-1 अंग को उपरवाले ने बड़ी मेहनत से केवल मर्दो को पागल करने के लिए बनाया था.
कामिनी मुस्कुराते हुए आगे आई & उसके बातरोब की डोरी खोल दी.बातरोब को फैलते ही उसकी आँखो के सामने ठुकराल का लंबा & बहुत ही मोटा लंड तुमक उठा.लंड के छेद पे प्रेकुं की 1 बूँद चमक रही थी.कामिनी ने उसकी टाँगे फैलाई & उनके बीच ज़मीन पे घुटने टीका के बैठ गयी & लिंग को अपने बाए हाथ मे ले लिया,फिर उसकी जड़ पे जहा वो आंडो से निकलता था,1 किस ठोंक दी.
“आहह..!”,ठुकराल ने आँखे बंद कर सर सोफे की पीठ से टीका दिया.कामिनी लंड की लंबाई पे अपने रसीले होंठो की छाप छ्चोड़ने लगी.ठुकराल ने मस्ती मे आ उसके सर को पकड़ लिया & उसे लंड को मुँह मे लेने का इशारा किया.कामिनी ने लंड की फॉरेस्किन को अपने आगे के दन्तो मे पकड़ के हल्के से खींचा.ठुकराल के साथ आज तक किसी लड़की ने ऐसा नही किया था,ये एहसास उसके लिए बिल्कुल नया था & वो सोचता था कि वो चुदाई के हर पहलू से वाकिफ़ था!
कुच्छ दर्द मगर उस से भी ज़्यादा मज़े के एहसास से उसने अपनी गंद को सोफे से उठा दिया मानो कामिनी के गुलाबी मुँह मे लंड को पूरा घुसा देना चाहता हो मगर कामिनी ने उसे ऐसा करने से रोका & लंड के सूपदे पे फूँक मारने लगी.अब तो ठुकराल बेचैनी की सारी हदें पार कर गया & उसके सर को पकड़ के लंड पे दबाने की कोशिश करने लगा.कामिनी ने इस बार लंड पे अपनी जीभ फिराई & उस से निकले प्रेकुं को चाट लिया.
ठुकराल को थोड़ा चैन पड़ा.कामिनी ने लंड पे पहले बहुत धीरे-2 जीभ फिराई & फिर उसकी रफ़्तार को तेज़ करती गयी.ठुकराल के लंड को आजतक किसी ने ऐसे नही तडपया था & उसे बहुत मज़ा आ रहा था.कामिनी ने लंड को अपनी गिरफ़्त मे ले जब उसे अपने मुँह मे भरा तो ठुकराल के मुँह से 1 और आह निकल गयी.अब कामिनी लंड को हिलाते हुए चूसने लगी & ठुकराल भी उसके सर को पकड़ अपनी कमर हिलाके उसके मुँह को चोदने लगा.
कामिनी ने 1 हाथ से लंड को हिलाते हुए उसे चूस्ते हुए दूसरे हाथ से ठुकराल के आंडो को पकड़ के ज़ोर से दबाया तो ठुकराल अपने उपर काबू नही रख पाया & कमर उचकर कर कामिनी के मुँह मे अपने पानी की धार छ्चोड़ने लगा.कामिनी भी उसके लंड पे मुँह कसे हुए उसे हिला-2 कर उसके लंड को मानो निचोड़ने लगी.उसने उसके लंड को तभी छ्चोड़ा जब तक उस से निकले पानी की 1-1 बूँद को उसने अपने हलक से नीचे नही उतार लिया.
ठुकराल को अपने उपर बड़ा गुमान था की वो जब चाहता तभी झाड़ता था मगर इस लड़की ने उसे हरा दिया था.हानफते हुए उसने नीचे देखा तो पाया की उसके सिकुदे लंड को मुँह से निकाल कर कामिनी उसी को ओर शोखी से देख रही है.उसने उसकी बाहे पकड़ उसे उठाया तो वो उसके उपर आ उसे चूमने लगी & चूमते हुए उसने उसके कंधो से उसके बातरोब को नीचे सरका दिया.
अब दोनो के बदनो के बीच बस कामिनी की पॅंटी की पतली सी दीवार थी.कामिनी ठुकराल के बालो भरे सीने पे अपनी भारी चूचिया दबाए उसे चूम रही थी & ठुकराल उसकी पीठ सहला रहा था.दोनो 1 बार फिर मस्त होने लगे थे.ठुकराल ने कामिनी की जंघे पकड़ के उसे सोफे के उपर कर लिया,अब कामिनी उसके दोनो तरफ घुटने टिकाए बैठी उसे चूम रही थी & ठुकराल उसकी गीली पॅंटी को नीचे कर रहा था.
पॅंटी उतार कर ठुकराल ने उसे कमर पकड़ कर सोफे पे खड़ा कर दिया & उसके चिकने पेट को चूमते हुए उसकी गोल,गहरी नाभि मे जीभ फिराने लगा.कामिनी की मस्ती और बढ़ने लगी & उसके गले से हल्की-2 आहे निकलने लगी.ठुकराल ने उसकी कमर को मज़बूती से थामा & उसकी चूत की दरार पे जीभ फिराई,”..आअनन्नह…!”,कामिनी करही तो ठुकराल ने अपनी लपलपाति जीभ उसकी चूत मे घुसा दी & चाटने लगा.कामिनी के बदन मे जैसे बिजली दौड़ने लगी.वो तेज़ी से आहे भरने लगी,ठुकराल की जीभ उसके दाने को छेड़ रही थी & उसे लग रहा था की उसकी टांगो मे जान ही नही है.
सोफे के उपर जो खजुराहो की मूर्तियो की नकल थी उनमे से 1 खड़ी हुई नंगी लड़की की चूचियो को सहारे के लिए कामिनी ने थाम लिया.ठुकराल किसी दूध पीते कुत्ते की तरह उसकी चूत चाट रहा था.कामिनी मूर्ति की चूचियो को पकड़े बेचैनी से पानी कमर हिला रही थी.ठुकराल ने अपनी जीभ की रफ़्तार बढ़ा दी & उसके दाने पे गोल-2 चलाने लगा.कामिनी जैसे ही झड़ने को हुई उसने दाने को छ्चोड़ जीभ को चूत के अंदर घुसा दिया & घुमाने लगा.कामिनी उसकी इस हरकत से पागल हो गयी & मूर्ति को पकड़े हुए अपनी कमर आगे-पीच्चे करते हुए उसके मुँह पे झाड़ गयी.
ठुकराल ने उसका सारा पानी पी लिया & निढाल होकर उसकी गोद मे बैठती हुई कामिनी की कमर को थाम उसकी चूत को सीधा अपने लंड पे लगा दिया.जैसे-2 कामिनी नीचे होते गयी उसका मोटा लंड उसकी चूत मे घुसता गया,”..ऊओवव्व…!”,कामिनी अभी-2 झड़ी थी & इतनी जल्दी लंड घुसने से उसकी चूत मे खलबली मच गयी.वो आगे हो ठुकराल के गले लग गयी & कमर हिलाने लगी.ठुकराल का लंड बहुत मोटा था & ना केवल उसकी चूत की पूरी गहराई नाप रहा था बल्कि उसकी मोटाई ने चूत को कुच्छ ज़्यादा ही फैला दिया था.
कामिनी के लिए इस वक़्त ठुकराल केवल 1 मर्द था-1 तगड़े लंड वाला मर्द & वो उसके जिस्म का पूरा मज़ा उठाना चाहती थी.ठुकराल के सर को अपनी बाहो मे भर वो आगे-पीछे हो उसे चोदने लगी तो ठुकराल ने उसकी गर्दन को चूमते हुए उसकी गंद को थाम लिया & फिर उठ खड़ा हुआ.कामिनी उसे चूमने लगी तो वो उसे लिए हुए अपने बड़े से गोल बिस्तर पे आके बैठ गया.बैठते ही कामिनी फिर से कमर हिलाकर चुदाई करने लगी.
ठुकराल के हाथ उसकी पूरी पीठ & चौड़ी गंद को मसला रहे थे & उसके जिस्म मे 1 बार फिर फुलझाड़ियाँ छूटने लगी थी.उसने धकेल कर ठुकराल को बिस्तरा पे लिटा दिया & उसके सीने पे हाथ जमा कर उचक-2 कर चुदाई करने लगी.ठुकराल बदस्तूर उसकी गंद मसले जा रहा था.कामिनी मस्ती मे डूबी हुई आहे भरते हुए बस लंड पे कूदे जा रही थी.चूत मे तनाव बहुत बढ़ गया तो वो थोडा पीछे झुक गयी & बाए हाथ को ठुकराल की जाँघ पे रखा दिया & दाए को वैसे ही उसकी छाती पे रखे ज़ोर-2 से कमर हिलाने लगी.
ठुकराल ने बाए हाथ से उसकी गंद की फाँक को मसल्ते हुए दाए को उसके पेट पे रखा & उस हाथ के अंगूठे से उसके दाने को रगड़ने लगा.अब तो कामिनी की खुमारी बिल्कुल आख़िरी मंज़िल पे पहुँच गयी.उसकी आहे अब बहुत तेज़ हो गयी & उसकी कमर झटके खाने लगी-वो तीसरी बार झाड़ रही थी.
ठुकराल फ़ौरन उठ बैठा & उसकी कमर को जकड़ते हुए अपने होंठ पहली बार उसकी चूचियो से लगा दिए.झड़ती हुई कामिनी के लिए ये बहुत मज़ेदार एहसास था लेकिन उसका जिस्म 1 बारी मे इतने मज़े को जैसे बर्दाश्त नही कर पाया & वो ठुकराल को पीछे धकेलने लगी मगर ठुकराल उसकी अनसुनी करते हुए उसकी मोटी चूचियो को चूसने लगा.कामिनी अभी भी पहले की खुमारी से बाहर आई नही थी & अब 1 बार फिर ठुकराल उसे स्वर्ग की ओर ले जा रहा था.
ठुकराल के हाथ उसके पूरी पीठ पे से फिसलते हुए आगे आए & उसकी चूचियो को अपनी गिरफ़्त मे ले लिया.उसके होंठ चूमती हुई कामिनी करही & फिर से अपनी कमर हिलाने लगी.उसकी किस का जवाब देते हुए ठुकराल ने उसकी गंद को थामा & उसे पलट के अपने नीचे बिस्तरा पे लिटा दिया & उसपे चढ़ के उसकी चूचियो को मसलते हुए उसकी चूत मे बड़े गहरे धक्के लगाने लगा.
वो उसके चेहरे & गर्दन को चूमते हुए उसके सीने के उभारो पे अपनी जीभ फिराते हुए उन्हे अपने मुँह मे भरने लगा तो कामिनी & मदमस्त हो गयी & अपनी टाँगे हवा मे उठा दी.ठुकराल ने जी भर के उसकी कसी हुई,मोटी चूचियो को मसला & चूसा & फिर अपने घुटनो पे खड़ा हो उसके हवा मे उठाए पैरो को पकड़ कर चोदने लगा.चोद्ते हुए उसने कामिनी की टांगो को आपस मे सटा कर सीधा खड़ा कर दिया.ऐसा करने से उसकी पहले से ही कसी चूत जैसे और कस गयी & उसका मोटा लंड उसकी चूत की दीवारो को और ज़्यादा रगड़ने लगा.
“हाइईईईई….आऐईयईईई….ऊऔुउईई….ऊओफफफफ्फ़….!”,कामिनी अब आहे नही भर रही थी बल्कि चिल्ला रही थी.ठुकराल ने उसकी टाँगे पकड़ी & दोनो को दाई तरफ गिरा दिया,अब कामिनी का कमर से नीचे का हिस्सा मानो दाई करवट पे लेटा हुआ था & उपरी बदन सीधा.थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद ठुकराल ने पैंतरा बदला & कामिनी को पूरी तरह से दाई करवट पे करते हुए उसके पीछे खुद भी करवट से लेट गया & वैसे ही चोदने लगा.
उसने कामिनी की दाई टांग उठा के उसके नीचे से अपना दाया हाथ घुसा के उसकी जाँघ को उठा के बहुत ज़ोर से गहरे धक्के मारने लगा.ठुकराल इतनी ज़ोर से धक्के मार रहा था की वो पीछे होके बिस्तर पे लेट सा गया था.कामिनी ने अपना उपरी बदन घुमाया & दाए हाथ मे उसकी गर्दन को पकड़ कर खुद की ओर खींचा तो ठुकराल उसका इशारा समझते हुए उसे चूमने लगा.अब ठुकराल की भी मस्ती बहुत बढ़ गयी थी.उसने अपना दाया हाथ कामिनी की चूत के दाने पे लगा के रगड़ा तो कामिनी फिर से झाड़ गयी.
ठुकराल बिना लंड खींचे फिर से अपने घुटनो पे आ गया.अब कामिनी करवट पे थी & ठुकराल उसकी गंद पकड़े उसे चोद रहा था.कामिनी थोड़ा घूमते हुए आहे भरती हुई उसके सीने के बाल बेचैनी से नोचने लगी & वो कभी उसकी मोटी गंद तो कभी उसकी चूचियो को मसलते हुए धक्के मार रहा था.उसके आंडो मे मे अब मीठा दर्द होने लगा था मगर वो कामिनी को 1 बार और झाड़वाना चाहता था.
कामिनी ने भी उसे ज़्यादा इंतेज़ार नही कराया,उसकी चूत का तो बुरा हाल था.इस मोटे लंड ने उसे जैसे मस्ती मे उड़ाया था वैसे तो षत्रुजीत सिंग ने भी नही किया था.उसके चूत से लेके गले तक मानो कुच्छ भर सा गया था जोकि बाहर आना चाहता था.उसने दाया हाथ बढ़ा के ठुकराल को अपने उपर खींचा & उसके होंठो से अपने होठ सटा दिए.उसकी चूत मे खलबली मच गयी & वो सारा तनाव वो भरा हुआ एहसास जैसे बाहर आने लगा.ठुकराल बाए हाथ से उसकी गंद को दबाते हुए बाए से उसकी चूचियो को मसलते हुए उसे चूम रहा था जब कामिनी की चूत उसके लंड पे बहुत कस गयी & उसके गले से सिसकारिया निकलने लगी.
ठुकराल समझ गया की वो झाड़ रही है.कामिनी के नाख़ून उसकी पीठ छेद रहे थे & तभी उसके अंदो का मीठा दर्द भी जैसे बिल्कुल चरम पे पहुँच गया.उसके जिस्म के बाँध खुल गये & उसके आंडो मे उबाल रहा लावा बलबला के बाहर आ गया & कामिनी की चूत मे भरने लगा.दोनो बहुत ज़ोर से आहे भरते हुए 1 दूसरे से चिपके झाड़ रहे थे.दोनो ने अपने जिस्मो मे ऐसा एहसास पहले कभी नही महसूस किया था & दोनो ही जानते थे की ये तो बस शुरुआत है अभी उनके पास पूरे 2 दिन पड़े थे.
“आनन्नह…उउउन्न्ह…!”
“ऊहह…आहह..!”
1 बार फिर कामिनी & ठुकराल 1 साथ झाड़ रहे थे.
“कामिनी..”,ठुकराल बिस्तर पे लेटी कामिनी के उपर चढ़ा हुआ था & उसके गाल सहला रहा था.
“हूँ.”,कामिनी की आँखे बंद थी & चेहरे पे बहुत ही संतोष का भाव था.
“मैने आज तक तुम्हारे जैसी खूबसूरत & मस्त लड़की नही देखी!”,ठुकराल ने आज तक ना जाने ये बात कितनी ही लड़कियो से कही थी मगर कहते वक़्त उसके दिल मे सच्चाई शायद आज से पहले कभी नही थी.उसने अपने दिल मे तय कर लिया था की उसे वो अपनी रानी बना के रखेगा.आजतक उसके हराम मे सैकड़ो लड़किया आई थी मगर उसने किसी को भी अपनी बाँदी से ज़्यादा नही समझा था.ये पहली लड़की थी जिसके लिए उसके दिल मे ऐसा ख़याल आया था.उसने सोच लिया था की षत्रुजीत सिंग के जैल जाते ही वो शॅरन को किनारे कर कामिनी को अपने इस घर मे ले आएगा.ऐसा नही था कि अब वो दूसरी लड़कियो को नही चोदेगा मगर दिल ही दिल मे उसे पता था कि कामिनी को इस बात पे कोई ऐतराज़ नही होगा बल्कि वो तो शायद इसमे उसका साथ भी दे.
“मैने भी तुम्हारे जैसे जोशीले मर्द से आजतक नही मिली,जगबीर.”,ठुकराल के होंठो पे मुस्कान फैल गयी & वो उठने को हुआ,”..कहा जा रहे हो?”,कामिनी ने उसकी बाहे पकड़ ली,”..ऐसे ही रहो ना..कितना सुकून मिल रहा है..आज तक कोई मर्द मेरे जिस्म की उन गहराइयो तक नही पहुँचा जहा तुम पहुँचे हो.”,कामिनी ने अपनी बाहे उसकी पीठ पे कस दी तो ठुकराल 1 बार फिर उसके उपर लेट गया,”..हां..ऐसे ही रहो..हमेशा मुझे इसी तरह अपनी बाहो मे रखना,जगबीर..हमेशा!”,ठुकराल झुक कर उसके गुलाबी होंठो को चूमने लगा & दोनो 1 बार फिर से मस्ती के समंदर मे गोते लगाने लगे.